भोपाल। दीपावली में चंद ही शेष रह गये हैं. त्योहार को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गयी है. रोशनी की लड़ियों के साथ-साथ पटाखों का बाजार भी सज कर तैयार है. राजधानी भोपाल में भी दीवाली पर बाजार गुलजार है. दो साल तक कोरोना की मार झेल चुके लोगों में इस बार दिवाली मनाने की खास उम्मीद जगी है. चाइनीस पटाखों पर बैन होने के बाद लोग ग्रीन पटाखे छोड़ने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन पटाखा बाजार भी इस बार महंगाई की मार झेल रहा है.
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तरह-तरह के पटाखों से पटा बाजार
दिवाली के लिए राजधानी के बैरागढ़ के समीप हलालपुर में पटाखों का बाजार पूरी तरह से सज गया है. इस बार 125 डेसीबल से अधिक आवाज वाली पटाखों की बिक्री बैन है. बाजार में ग्रीन पटाखे आए हैं जो प्रदूषण नहीं फैलाते और इनकी आवाज भी बहुत कम होती है. इको फ्रेंडली पटाखे की पहचान के लिए ग्रीन लोगो और क्यूआर कोड दिया गया है. इस बार कैमरे के फ्लैश वाली लाइट वाले स्पेशल पटाखे भी बाजार में हैं. इन पटाखों को जलाने पर कैमरे की फ्लैश लाइट जलती हुई दिखाई देगी. इसके साथ ही म्यूजिकल पटाखा लड़ी है, 1000 से लेकर 10000 धमाके करने वाले पटाखों की लड़ी इको फ्रेंडली है. इसके साथ ही बाजार में शार्प शूट गन धूम मचा रही है जिसमें पटाखों की तरह आवाज निकलती है. यह बच्चों को लुभा रही है. इको फ्रेंडली होने कारण इसकी अच्छी मांग है.
कोरोना के बाद व्यापारियों में बढ़ी उम्मीद
चांसेस बैरागढ़ स्थित थोक पटाखा बाजार के दुकानदार शेख सलमान का कहना है कि कोरोना के कारण 2 साल बहुत ही परेशानी वाले रहे हैं. बाजार पूरी तरह से खराब हो गया. चाइनीस पटाखे भी बैन है, इस दिवाली पर पटाखा बाजार खुला है तो बाजार के उठने के चांसेस बढ़े हैं. इस बार दिवाली से उन्हें अच्छे कारोबार की उम्मीद है. बाजार में कम प्रदूषण वाले इको फ्रेंडली और ग्रीन पटाखे आए हैं, जो बच्चों और सभी के लिए कम नुकसानदेह है. वहीं बढ़ती महंगाई का असर आतिशबाजी पर भी हुआ है. पटाखों की कीमतों में 10-15 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.