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टेरर फंडिंग के आरोपियों की कोर्ट में पेशी, 26 अगस्त तक रिमांड पर भेजा - bhopal news

गुरुवार को MP ATS ने कार्रवाई करते हुए सतना से गिरफ्तार किए टेरर फंडिंग के आरोपियों को भोपाल जिला अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने इन सभी आरोपियों को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है.

टेरर फंडिंग के आरोपियों को भेजा रिमांड पर
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Published : Aug 24, 2019, 7:54 AM IST

भोपाल| टेरर फंडिंग मामले में सतना से पकड़े गए आरोपियों को देर शाम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में भोपाल जिला अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने इन सभी आरोपियों को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है. माना जा रहा है कि इस दौरान इन आरोपियों के पाकिस्तान से जुड़े हुए और भी कई लिंक सामने आ सकते हैं.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले बलराम सिंह, शुभम मिश्रा और सुनील सिंह को गुरुवार को MP ATS ने कार्रवाई करते हुए सतना से गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से 13 पाकिस्तानी नंबर मिले थे, जिन पर आरोपी लगातार संपर्क कर रहे थे.

टेरर फंडिंग के आरोपियों को भेजा रिमांड पर

इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जांच के निर्देश दिए हैं और साफ कर दिया है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. करीब डेढ़ साल पहले पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में बीजेपी नेता ध्रुव सक्सेना के साथ बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन उसे जमानत मिल गई थी. इसके बाद वो गोपनीय रूप से एक बार फिर टेरर फंडिंग के गिरोह के लिए काम करने लगा था.

पकड़े गए तीनों ही आरोपियों से फिलहाल इस मामले से जुड़े हुए हर पहलू को लेकर पूछताछ की जा रही है. साथ ही इन लोगों ने किस-किस जगह पर फंडिंग की है और किन-किन लोगों को पाकिस्तान के इशारे पर पैसा मुहैया कराया है, इन सभी चीजों का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

भोपाल| टेरर फंडिंग मामले में सतना से पकड़े गए आरोपियों को देर शाम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में भोपाल जिला अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने इन सभी आरोपियों को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है. माना जा रहा है कि इस दौरान इन आरोपियों के पाकिस्तान से जुड़े हुए और भी कई लिंक सामने आ सकते हैं.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले बलराम सिंह, शुभम मिश्रा और सुनील सिंह को गुरुवार को MP ATS ने कार्रवाई करते हुए सतना से गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से 13 पाकिस्तानी नंबर मिले थे, जिन पर आरोपी लगातार संपर्क कर रहे थे.

टेरर फंडिंग के आरोपियों को भेजा रिमांड पर

इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जांच के निर्देश दिए हैं और साफ कर दिया है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. करीब डेढ़ साल पहले पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में बीजेपी नेता ध्रुव सक्सेना के साथ बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन उसे जमानत मिल गई थी. इसके बाद वो गोपनीय रूप से एक बार फिर टेरर फंडिंग के गिरोह के लिए काम करने लगा था.

पकड़े गए तीनों ही आरोपियों से फिलहाल इस मामले से जुड़े हुए हर पहलू को लेकर पूछताछ की जा रही है. साथ ही इन लोगों ने किस-किस जगह पर फंडिंग की है और किन-किन लोगों को पाकिस्तान के इशारे पर पैसा मुहैया कराया है, इन सभी चीजों का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

Intro:टेरर फंडिंग मामले के आरोपियों को अदालत ने 26 अगस्त तक भेजा रिमांड पर

भोपाल | टेरर फंडिंग मामले में सतना से पकड़े गए आरोपियों को देर शाम कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जिला अदालत में पेश किया गया . सुनवाई के बाद अदालत ने इन सभी आरोपियों को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है . माना जा रहा है कि इस दौरान इन आरोपियों के पाकिस्तान से जुड़े हुए और भी कई लिंक सामने आ सकते हैं Body:
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले कोटर थाने के सोहास गांव निवासी बलराम सिंह शुभम मिश्रा और सुनील सिंह को जिला अदालत में एटीएस के द्वारा देर शाम पेश किया गया था . इन सभी आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट सौम्या विजयवर्गीय की अदालत में पेश किया गया . सुनवाई के बाद जिला अदालत ने इन आरोपियों को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है .
आरोपियों के पास से 13 पाकिस्तानी नंबर मिले थे जिन पर यह लगातार संपर्क कर रहे थे . इस मामले में पकड़े गए आरोपी बलराम सिंह पहले भी इसी तरह के मामले में पकड़ा जा चुका है . फरवरी 2017 में पहली बार बलराम एटीएस भोपाल की गिरफ्त में आया था . जमानत पर बाहर आने के बाद एक बार फिर से बलराम उसी काम में जुट गया था .
हालांकि इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जांच के निर्देश दिए हैं और साफ कर दिया है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा . करीब डेढ़ वर्ष पहले पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में बीजेपी नेता ध्रुव सक्सेना के साथ बलराम सिंह की गिरफ्तारी हुई थी . लेकिन उसे जमानत मिल गई थी . इसके बाद वह गोपनीय रूप से एक बार फिर टेरर फंडिंग के गिरोह के लिए काम करने लगा था . Conclusion:पकड़े गए तीनों ही आरोपियों से फिलहाल इस मामले से जुड़े हुए हर पहलू को लेकर पूछताछ की जा रही है . माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान पाकिस्तान से इन लोगों के लिंक का और भी बड़ा खुलासा हो सकता है . साथ ही इन लोगों ने किस-किस जगह पर फंडिंग की है और किन-किन लोगों को पाकिस्तान के इशारे पर पैसा मुहैया कराया है इन सभी चीजों का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है .
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