ETV Bharat / state

विवाद की फाइल बंद! केन-बेतवा के मिलन से बुंदेलखंड होगा 'मालामाल'

मध्यप्रदेश के कई जिलों से गुजरने वाली केन बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत हो गई है. इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा.

This project will supply drinking water to about 62 lakh people.
इस परियोजना से लगभग 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी.
author img

By

Published : Mar 22, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 2:21 PM IST

भोपाल। केन नदी यमुना की सहायक नदी है जिसका उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है. यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है. केन नदी मप्र के कटनी जिले के पास रीठी तहसील के केना गांव से शुरु होती है. पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती है और फिर बांदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है. बेतवा नदी का प्राचीन नाम वेत्रवती था, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है. यह मध्य प्रदेश में रायसेन और भोपाल ज़िले की सीमा पर स्थित कुम्हारागांव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झांसी, ललितपुर आदि जिलों से होकर बहती है. इसके किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं.

परियोजना पर सीएम शिवराज और सीएम योगी आदित्यनाथ ने किये दस्तखत

2017 में हुआ विवाद

साल 2017 में फिर से परियोजना को लेकर चर्चा शुरू हुई लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद फंस गया. परियोजना के मुताबिक उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 700 एमसीएम (मिलियम क्यूबिक मीटर) पानी दिया जाना था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार 930 एमसीएम पानी की मांग कर रही थी. मध्य प्रदेश की सरकार पहले तय 700 एमसीएम पानी देने पर ही सहमत थी. बाद में पानी बंटवारे के लिए केंद्रीय प्राधिकरण का गठन किया गया.

केन-बेतवा लिंक परियोजना

राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा देश में प्रस्तावित तीस नदी जोड़ो परियोजनाओं में से एक केन-बेतवा लिंक परियोजना भी है. इसकी अनुमानित लागत करीब 45 हजार करोड़ है जिसका 90 फीसद केंद्र सरकार को वहन करना है. इस प्रोजेक्ट में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नदियों को आपस में जोड़ने की पहली परियोजना पर हस्ताक्षर हुए. इसी के साथ सालों से चर्चा में बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत हो गई. यह समझौता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच हुआ. इसी के साथ दोनों प्रदेशों के बीच पानी को लेकर चले आ रहे विवाद का अंत हो गया.

केन बेतवा लिंक: क्या सुलझ गया यूपी-एमपी में पानी का विवाद या गुमराह कर रही है BJP

ये है प्रोजेक्ट

इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. इसके लिए दाऊधन डैम बनाया जाना है और एक नहर के जरिए दोनों नदियों को जोड़ा जाना है.
मध्य प्रदेश में छतरपुर व पन्ना जिलों की सीमा पर केन नदी के मौजूदा गंगऊ बैराज के अपस्ट्रीम में ढाई किमी की दूरी पर डोढ़न गांव के पास एक 73.2 मीटर ऊंचा ग्रेटर गंगऊ बांध बनाया जाएगा. कंक्रीट की 212 किमी लंबी नहर द्वारा केन नदी का पानी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर स्थित बरुआ सागर में डाला जाएगा. इस परियोजना में मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले हैं तो उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं.


बिजली मिलेगी, सिंचाई भी होगी

इस परियोजना से सिंचाई समेत पेयजल और जलविद्युत का लाभ मिलेगा. प्रति वर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी और लगभग 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी. इसके अलावा 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन भी होगा.

2008 में तैयार हुआ प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट का ढांचा 2008 में तैयार किया गया था लेकिन मंजूरियों के चलते परियोजना परवान न चढ़ सकी. इसके बाद साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि परियोजना पर अमल किया जाए जिसके चलते इस पर दोबारा चर्चा शुरू हुई. फिर 2016 में कुछ पर्यावरणीय मंजूरियां मिलते ही मोदी सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना पर अमल करना शुरू किया. दरअसल इस मामले में मुख्य आपत्ति पन्ना टाइगर रिजर्व के पांच हजार 500 हेक्टेयर से ज्यादा हिस्से का योजना क्षेत्र में शामिल होने से थी.

भोपाल। केन नदी यमुना की सहायक नदी है जिसका उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है. यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है. केन नदी मप्र के कटनी जिले के पास रीठी तहसील के केना गांव से शुरु होती है. पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती है और फिर बांदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है. बेतवा नदी का प्राचीन नाम वेत्रवती था, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है. यह मध्य प्रदेश में रायसेन और भोपाल ज़िले की सीमा पर स्थित कुम्हारागांव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झांसी, ललितपुर आदि जिलों से होकर बहती है. इसके किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं.

परियोजना पर सीएम शिवराज और सीएम योगी आदित्यनाथ ने किये दस्तखत

2017 में हुआ विवाद

साल 2017 में फिर से परियोजना को लेकर चर्चा शुरू हुई लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद फंस गया. परियोजना के मुताबिक उत्तर प्रदेश को रबी सीजन के लिए 700 एमसीएम (मिलियम क्यूबिक मीटर) पानी दिया जाना था, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार 930 एमसीएम पानी की मांग कर रही थी. मध्य प्रदेश की सरकार पहले तय 700 एमसीएम पानी देने पर ही सहमत थी. बाद में पानी बंटवारे के लिए केंद्रीय प्राधिकरण का गठन किया गया.

केन-बेतवा लिंक परियोजना

राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा देश में प्रस्तावित तीस नदी जोड़ो परियोजनाओं में से एक केन-बेतवा लिंक परियोजना भी है. इसकी अनुमानित लागत करीब 45 हजार करोड़ है जिसका 90 फीसद केंद्र सरकार को वहन करना है. इस प्रोजेक्ट में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. विश्व जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नदियों को आपस में जोड़ने की पहली परियोजना पर हस्ताक्षर हुए. इसी के साथ सालों से चर्चा में बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत हो गई. यह समझौता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच हुआ. इसी के साथ दोनों प्रदेशों के बीच पानी को लेकर चले आ रहे विवाद का अंत हो गया.

केन बेतवा लिंक: क्या सुलझ गया यूपी-एमपी में पानी का विवाद या गुमराह कर रही है BJP

ये है प्रोजेक्ट

इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा. इसके लिए दाऊधन डैम बनाया जाना है और एक नहर के जरिए दोनों नदियों को जोड़ा जाना है.
मध्य प्रदेश में छतरपुर व पन्ना जिलों की सीमा पर केन नदी के मौजूदा गंगऊ बैराज के अपस्ट्रीम में ढाई किमी की दूरी पर डोढ़न गांव के पास एक 73.2 मीटर ऊंचा ग्रेटर गंगऊ बांध बनाया जाएगा. कंक्रीट की 212 किमी लंबी नहर द्वारा केन नदी का पानी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर स्थित बरुआ सागर में डाला जाएगा. इस परियोजना में मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले हैं तो उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं.


बिजली मिलेगी, सिंचाई भी होगी

इस परियोजना से सिंचाई समेत पेयजल और जलविद्युत का लाभ मिलेगा. प्रति वर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी और लगभग 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी. इसके अलावा 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन भी होगा.

2008 में तैयार हुआ प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट का ढांचा 2008 में तैयार किया गया था लेकिन मंजूरियों के चलते परियोजना परवान न चढ़ सकी. इसके बाद साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि परियोजना पर अमल किया जाए जिसके चलते इस पर दोबारा चर्चा शुरू हुई. फिर 2016 में कुछ पर्यावरणीय मंजूरियां मिलते ही मोदी सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना पर अमल करना शुरू किया. दरअसल इस मामले में मुख्य आपत्ति पन्ना टाइगर रिजर्व के पांच हजार 500 हेक्टेयर से ज्यादा हिस्से का योजना क्षेत्र में शामिल होने से थी.

Last Updated : Mar 22, 2021, 2:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.