ETV Bharat / state

मंत्री उमंग सिंघार और अधिकारियों के विवाद का अखाड़ा बना वन विभाग, ताजा मामला IAS अधिकारियों की पोस्टिंग का

वन मंत्री उमंग सिंघार और विभाग के आला अधिकारियों के बीच करीब आधा दर्जन मामलों को लेकर खींचतान खुलकर सामने आ चुकी है. अब ताजा विवाद तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर हुआ है.

विवाद का अखाड़ा बना वन विभाग
author img

By

Published : Nov 20, 2019, 12:48 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 2:57 PM IST

भोपाल। वन मंत्री उमंग सिंघार और विभाग के आला अधिकारियों के बीच लगातार विवाद सामने आ रहे हैं. विभाग में मंत्री और आला अधिकारियों के बीच करीब आधा दर्जन मामलों को लेकर खींचतान खुलकर सामने आ चुकी है. अब ताजा विवाद तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर हुआ है.

तबादला बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में 22 अक्टूबर को हुई थी. जिसमें निर्णय लिया गया था कि 1984 बैच के राजेश श्रीवास्तव को प्रदेश का चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, एसपी रयाल को प्रधान मुख्य वन संरक्षक रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एबी गुप्ता को पीसीसीएफ उत्पादन में पदस्थ किया जाए. इसकी फाइल वन मंत्री को भेजी गई थी. लेकिन मंत्री उमंग सिंघार ने इसे आगे नहीं बढ़ाया. प्रस्ताव की फाइल आगे ना बढ़ाए जाने को एससीएस एपी श्रीवास्तव और मंत्री उमंग सिंघार के बीच चल रही खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है.

मंत्री और अधिकारियों के विवाद का अखाड़ा बना वन विभाग

प्रस्ताव विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने तैयार किया था, हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब दोनों की खींचतान खुलकर सामने आई हो. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. बताया जाता है कि एपी श्रीवास्तव और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच खींचतान की शुरुआत शिवराज सरकार के दौरान हुए पौधारोपण की जांच को लेकर हुई थी, जो लगातार बढ़ती जा रही है.

जानिए, क्या हुआ-

  • वन मंत्री ने दो शीर्ष आईएफएस अफसरों की विभागीय जांच के लिए विभाग के उच्च स्तर पर पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी, हालांकि बाद में मामले को रोक दिया गया.
  • वन मंत्री ने पौधारोपण की जांच के लिए कहा लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी से इनकार कर दिया. बाद में मंत्री ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर पौधारोपण में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए इसकी जांच EOW से कराने की बात कही, उन्होंने जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने के लिए नोट शीट लिखी लेकिन वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया.
  • वन मंत्री ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए कहा लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों ने प्रस्ताव में कई खामियां निकालते हुए इससे भी इनकार कर दिया. तीसरी बार प्रस्ताव भोपाल संभाग के अधिकारी से तैयार कराया गया, लेकिन अभी भी ये प्रस्ताव लटका हुआ है.
  • उमंग सिंघार ने अपर मुख्य सचिव दफ्तर के अफसरों के कामों का बंटवारा खुद कर दिया. एपी श्रीवास्तव ने इससे असहमति जताते हुए टीम के साथ फाइल मुख्य सचिव को भेज दी. ये मामला भी मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है.
  • आईएफएस अधिकारी जेएस चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को वन मंत्री उमंग सिंगार ने मंजूरी नहीं दी. एपी श्रीवास्तव ने नए सिरे से फाइल मुख्य सचिव को भेजी, फाइल मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने मंजूरी दे दी.

भोपाल। वन मंत्री उमंग सिंघार और विभाग के आला अधिकारियों के बीच लगातार विवाद सामने आ रहे हैं. विभाग में मंत्री और आला अधिकारियों के बीच करीब आधा दर्जन मामलों को लेकर खींचतान खुलकर सामने आ चुकी है. अब ताजा विवाद तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर हुआ है.

तबादला बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में 22 अक्टूबर को हुई थी. जिसमें निर्णय लिया गया था कि 1984 बैच के राजेश श्रीवास्तव को प्रदेश का चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, एसपी रयाल को प्रधान मुख्य वन संरक्षक रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एबी गुप्ता को पीसीसीएफ उत्पादन में पदस्थ किया जाए. इसकी फाइल वन मंत्री को भेजी गई थी. लेकिन मंत्री उमंग सिंघार ने इसे आगे नहीं बढ़ाया. प्रस्ताव की फाइल आगे ना बढ़ाए जाने को एससीएस एपी श्रीवास्तव और मंत्री उमंग सिंघार के बीच चल रही खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है.

मंत्री और अधिकारियों के विवाद का अखाड़ा बना वन विभाग

प्रस्ताव विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने तैयार किया था, हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब दोनों की खींचतान खुलकर सामने आई हो. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. बताया जाता है कि एपी श्रीवास्तव और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच खींचतान की शुरुआत शिवराज सरकार के दौरान हुए पौधारोपण की जांच को लेकर हुई थी, जो लगातार बढ़ती जा रही है.

जानिए, क्या हुआ-

  • वन मंत्री ने दो शीर्ष आईएफएस अफसरों की विभागीय जांच के लिए विभाग के उच्च स्तर पर पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी, हालांकि बाद में मामले को रोक दिया गया.
  • वन मंत्री ने पौधारोपण की जांच के लिए कहा लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी से इनकार कर दिया. बाद में मंत्री ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर पौधारोपण में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए इसकी जांच EOW से कराने की बात कही, उन्होंने जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने के लिए नोट शीट लिखी लेकिन वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया.
  • वन मंत्री ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए कहा लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों ने प्रस्ताव में कई खामियां निकालते हुए इससे भी इनकार कर दिया. तीसरी बार प्रस्ताव भोपाल संभाग के अधिकारी से तैयार कराया गया, लेकिन अभी भी ये प्रस्ताव लटका हुआ है.
  • उमंग सिंघार ने अपर मुख्य सचिव दफ्तर के अफसरों के कामों का बंटवारा खुद कर दिया. एपी श्रीवास्तव ने इससे असहमति जताते हुए टीम के साथ फाइल मुख्य सचिव को भेज दी. ये मामला भी मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है.
  • आईएफएस अधिकारी जेएस चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को वन मंत्री उमंग सिंगार ने मंजूरी नहीं दी. एपी श्रीवास्तव ने नए सिरे से फाइल मुख्य सचिव को भेजी, फाइल मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने मंजूरी दे दी.
Intro:भोपाल। वन विभाग विभागीय मंत्री और आला अधिकारियों के बीच विवाद का अखाड़ा बन गया है विभाग में मंत्री और आला अधिकारियों के बीच करीब आधा दर्जन मामलों में खींचता खुलकर सामने आ चुकी है अब ताजा विवाद तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर हुई तबादला बोर्ड की बैठक से जुड़ा है मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद प्रस्ताव को मंत्रियों मांग सिंगार की अनुमति को भेजा गया लेकिन उमंग सिंगार ने अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की इससे विभाग के आला अधिकारी नाराज बताए जा रहे हैं।


Body:तबादला बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में 22 अक्टूबर को हुई थी जिसमें निर्णय लिया गया था कि 1984 बैच के राजेश श्रीवास्तव को प्रदेश का चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और एसपी रयाल को प्रधान मुख्य वन संरक्षक रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एबी गुप्ता को पीसीसीएफ उत्पादन पदस्थ किया जाए। तबादला बोर्ड के निर्णय का प्रस्ताव वन मंत्री के अनुमान के बाद मुख्यमंत्री तक जाता है जहां इसे आमतौर पर अनुमति मिल जाती है। प्रस्ताव की फाइल आगे ना बढ़ाए जाने को लेकर ऐसे एसीएस एपी श्रीवास्तव और मंत्री के बीच चल रही खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल प्रस्ताव विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव नहीं तैयार किया था। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब दोनों की खींचतान खुलकर सामने आई हूं इसके पहले भी ऐसी कई मामले सामने आ चुके हैं।

पौधारोपण की जहां से शुरू हुआ विवाद, अब भी जारी

बताया जाता है कि एससीएस एपी श्रीवास्तव और वन मंत्री उमंग सिंगार के बीच की स्थान की शुरुआत शिवराज सरकार के दौरान हुए पौधारोपण की जांच को लेकर हुई जो लगातार बढ़ती गई।

- वन मंत्री ने दो शीर्ष आईएफएस अफसरों की विभागीय जांच के लिए लिखा इसकी जानकारी उन्होंने विभाग के उच्च स्तर पर दे दी हालांकि बाद में मामले को रोक दिया गया।

- वन मंत्री ने पौधारोपण की जांच के लिए कहा लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी से इनकार कर दिया बाद में मंत्री ने पत्रकार वार्ता कर पौधारोपण में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने की कही उन्होंने जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने की नोट शीट लिखी लेकिन वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया।

- वन मंत्री उमंग सिंगार ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए कहा लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों ने प्रस्ताव में कई खामियां निकालते हुए से इनकार कर दिया। तीसरी बार प्रस्ताव भोपाल संभाग के अधिकारी से तैयार कराया गया लेकिन अभी भी यह प्रस्ताव आधार में है।

- वन मंत्री ने अपर मुख्य सचिव दफ्तर के अफसरों के कामों का बंटवारा खुद कर दिया एपी श्रीवास्तव ने इससे असहमति जताते हुए टीम के साथ फाइल मुख्य सचिव को भेज दी यह मामला भी मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है।

- आईएफएस अधिकारी जेएस चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को वन मंत्री उमंग सिंगार ने मंजूरी नहीं दी एपी श्रीवास्तव ने नए सिरे से फाइल मुख्य सचिव को भेजी पायल मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने मंजूरी दे दी।


Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 2:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.