भोपाल। वन मंत्री उमंग सिंघार और विभाग के आला अधिकारियों के बीच लगातार विवाद सामने आ रहे हैं. विभाग में मंत्री और आला अधिकारियों के बीच करीब आधा दर्जन मामलों को लेकर खींचतान खुलकर सामने आ चुकी है. अब ताजा विवाद तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग को लेकर हुआ है.
तबादला बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में 22 अक्टूबर को हुई थी. जिसमें निर्णय लिया गया था कि 1984 बैच के राजेश श्रीवास्तव को प्रदेश का चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, एसपी रयाल को प्रधान मुख्य वन संरक्षक रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एबी गुप्ता को पीसीसीएफ उत्पादन में पदस्थ किया जाए. इसकी फाइल वन मंत्री को भेजी गई थी. लेकिन मंत्री उमंग सिंघार ने इसे आगे नहीं बढ़ाया. प्रस्ताव की फाइल आगे ना बढ़ाए जाने को एससीएस एपी श्रीवास्तव और मंत्री उमंग सिंघार के बीच चल रही खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है.
प्रस्ताव विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने तैयार किया था, हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब दोनों की खींचतान खुलकर सामने आई हो. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. बताया जाता है कि एपी श्रीवास्तव और वन मंत्री उमंग सिंघार के बीच खींचतान की शुरुआत शिवराज सरकार के दौरान हुए पौधारोपण की जांच को लेकर हुई थी, जो लगातार बढ़ती जा रही है.
जानिए, क्या हुआ-
- वन मंत्री ने दो शीर्ष आईएफएस अफसरों की विभागीय जांच के लिए विभाग के उच्च स्तर पर पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी, हालांकि बाद में मामले को रोक दिया गया.
- वन मंत्री ने पौधारोपण की जांच के लिए कहा लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने इसमें गड़बड़ी से इनकार कर दिया. बाद में मंत्री ने प्रेस कॉनफ्रेंस कर पौधारोपण में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए इसकी जांच EOW से कराने की बात कही, उन्होंने जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने के लिए नोट शीट लिखी लेकिन वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने प्रस्ताव को खारिज करते हुए इसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया.
- वन मंत्री ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए कहा लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों ने प्रस्ताव में कई खामियां निकालते हुए इससे भी इनकार कर दिया. तीसरी बार प्रस्ताव भोपाल संभाग के अधिकारी से तैयार कराया गया, लेकिन अभी भी ये प्रस्ताव लटका हुआ है.
- उमंग सिंघार ने अपर मुख्य सचिव दफ्तर के अफसरों के कामों का बंटवारा खुद कर दिया. एपी श्रीवास्तव ने इससे असहमति जताते हुए टीम के साथ फाइल मुख्य सचिव को भेज दी. ये मामला भी मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है.
- आईएफएस अधिकारी जेएस चौहान की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को वन मंत्री उमंग सिंगार ने मंजूरी नहीं दी. एपी श्रीवास्तव ने नए सिरे से फाइल मुख्य सचिव को भेजी, फाइल मुख्य सचिव के पास गई तो उन्होंने मंजूरी दे दी.