भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने एक दिवसीय विद्युत सेमिनार का आयोजन किया. कार्यक्रम में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों को लेकर विचार-विमर्श किया गया. इस मौके पर परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में जो नियम बनाए जा रहे हैं उसमें नए अधिवक्ताओं की भूमिका अधिक है. जिसके चलते लंबे समय से कार्यरत अधिवक्ताओं में नाराजगी बढ़ी है.
अधिवक्ताओं ने बताया कि 2013 से 2019 तक सेंट्रल गवर्नमेंट ने करीब 50 नए एक्ट पास किए हैं. जिसमें रेरा एक्ट, सरफैसी एक्ट, एनजीटी एक्ट मुख्य रुप से शामिल है. इसमें ट्रेडिशनल रूप से जो प्रेक्टिस कर रहे थे उनका रोल कम हुआ है और नए अधिवक्ताओं का पार्टिसिपेशन बड़ा है. इस सेमिनार में उन अधिवक्ताओं के पार्टिसिपेशन को किस तरह बढ़ाया जाए इसको लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
मध्यप्रदेश शासन और न्यायाधीशों का इसमें कैसा रोल रहेगा इसको लेकर मुख्य रूप से यह सेमिनार रखा गया है. इसके साथ ही सेमिनार के माध्यम से अधिवक्ताओं, न्यायाधीशों में आपसी असमंजस बना रहे इसको लेकर सेमिनार में चर्चा की गई.
अधिवक्ताओं ने कहा कि इसमें अधिवक्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यो को लेकर भी समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और अधिवक्ताओं की अन्य समस्याओं पर विचार विमर्श किया जाएगा.