भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे. मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग राम मंदिर भूमि पूजन में हिस्सा लेंगे, लेकिन कांग्रेस राम मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर लगातार मोदी सरकार को घेर रही है.
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हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे।
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">हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 1, 2020हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 1, 2020
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजिय सिंह ने ट्वीट किया है कि 'हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है. इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें. स्व. राजीव गांधी भी यही चाहते थे.'
दिग्विजिय सिंह ने अगले ट्वीट में लिखा- 'रही बात मुहूर्त की तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे, जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं. मैं तटस्थ हूं इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नहीं है, ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है.
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रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।
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">रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 1, 2020रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।
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दिग्विजय सिंह से पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती राम मंदिर भूमि पूजन के समय को अशुभ बता चुके हैं. शंकराचार्य के मुताबिक भाद्रपद के महीने में किसी भी तरह का शुभ कार्य का शुभारंभ अच्छा नहीं माना जाता है. 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का नींव रखी जाएगी. जिसके बाद से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. मंदिर का भूमि पूजन दोपहर के 1 बजकर 15 मिनट पर किया जाएगा.