भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) भोपाल में किसानों के धरने में शामिल हुए. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि "केंद्र सरकार के साथ किसानों का पिछले 11 महीने से चला आ रहा गतिरोध 2 मिनट में समाप्त हो जाएगा, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमएसपी के लिए कानून बनाने की घोषणा कर दें". दिग्विजय सिंह ने कहा कि "कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से चर्चा के लिए तैयार रहने की बात तो कहते हैं, लेकिन वह एमएसपी के लिए कानून बनाने की बात नहीं कहते."
किसानों से चर्चा किए बिना लाए गए कानून
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि " केन्द्र सरकार ने किसान विरोधी कानून लाने से पहले किसी भी किसान संगठन के प्रतिनिधियों से कोई चर्चा नहीं की. कृषि उत्पाद के व्यवसाय को फायदा पहुंचाने के लिए एक लाइसेंस का कानून लाया गया है. इन तीनों कृषि कानूनों में किसानों के अधिकार छीने गए हैं. इसमें किसान अदालत नहीं जा सकते हैं इसलिए हमारा इसको लेकर विरोध है. सभी राजनीतिक दलों को किसानों के साथ आना चाहिए."
बीजेपी के नेता भी दे आंदोलन को समर्थन
कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह भी किसानों के धरने में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि "कांग्रेस काल में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति आई थी. बीजेपी के शासनकाल में उद्योगपति के दबाव में काले कानून लाए गए हैं." वहीं धरने को संबोधित करते हुए किसान संगठन के नेता अनिल यादव ने कहा कि "इतने समय के बाद भी नरेंद्र मोदी किसानों से नहीं मिले. यह पीएम नरेंद्र मोदी की तानाशाही है. सभी राजनीतिक दलों को किसानों के साथ आना चाहिए. सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी हमारे साथ आना चाहिए."
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भोपाल में नहीं दिखा असर
किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद का भोपाल में कोई खास असर नहीं देखा गया. राजधानी के सभी थोक एवं फुटकर बाजार खुले रहे. सामान्य दिनों की तरह सारी गतिविधियां चलती रही. केवल करोंद में कृषि उपज मंडी के दोनों गेट पर पुलिस का पहरा रहा, क्योंकि यहां पर किसानों का धरना प्रदर्शन आयोजित था और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसमें शामिल हुए.