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अपनी ही सरकार के खिलाफ दिग्विजय सिंह के भाई ने खोला मोर्चा, ट्वीट कर कमलनाथ सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

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Published : Nov 29, 2019, 8:48 AM IST

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वर्तमान में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट के दौरान आदिवासी विकासखंडों के हित में लिए गए फैसलों का विरोध का किया है.

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अपनी ही सरकार के खिलाफ दिग्विजय सिंह के भाई ने खोला मोर्चा

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वर्तमान में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह नई सरकार के गठन के बाद से ही लगातार कांग्रेस के लिए ही मुसीबत खड़ी करते जा रहे हैं. उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू नहीं करने की बात कही है.

उन्होंने साफ कर दिया है कि इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक के लिए इस कानून को बनाया था और इस कानून को बदलने का प्रयास ना करें. कमलनाथ कैबिनेट के दौरान आदिवासी विकासखंडों में लोगों को बेहतर चिकित्सा और डॉक्टरों की सुविधा मिल सके, इसके लिए कई अहम निर्णय लिए गए थे. इस निर्णय से इसका लाभ आदिवासी बहुल 20 जिलों के लोगों को मिलेगा. वहीं कैबिनेट के दौरान भू राजस्व संहिता में संशोधन किया गया था.

  • मध्य प्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय बिना अनुमति के हो सकता है,इस कानून को बदलना होगा,आदिवासियों के हक में यह कानून इंदिराजी ने बनाया था।

    — lakshman singh (@laxmanragho) November 28, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी व्यक्ति कलेक्टर की मंजूरी के बिना गैर आदिवासी से जमीन खरीद-बेच सकता है. जमीन का लैंड यूज भी तुरंत बदल सकेगा. जुर्माने के प्रावधान को भी सरकार ने हटा दिया है. लक्ष्मण सिंह ने भी इस नए लैंड डायवर्शन को लेकर कैबिनेट के द्वारा लिए गए निर्णय पर सवाल उठाए हैं.

  • भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने हेतु जो सैकडों पेड़ काटे जा रहे हैं,मैं स्वयं विधायक होते हुए इसका विरोध करता हूँ।

    — lakshman singh (@laxmanragho) November 28, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय बिना अनुमति के हो सकता है, इस कानून को बदलना होगा. उन्होंने ट्वीट करते हुए यह भी टिप्पणी की है कि यह कानून इंदिरा जी ने आदिवासियों के हक के लिए बनाया था. उन्होंने विधायकों के लिए बनाई जा रही नई विधायक विश्रामगृह कॉलोनी को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया है.

लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने के लिए सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं, इसका वे वह स्वयं विधायक होते भी विरोध करते हैं. उन्होंने भारत की राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि

"महाराष्ट्र का राजनीतिक घटनाक्रम हर घड़ी बदलता रहा, रूप राजनीति छांव है, कभी-कभी है धूप राजनीति, हर पल यहां खूब खाओ, जो है समां कल हो ना हो "

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वर्तमान में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह नई सरकार के गठन के बाद से ही लगातार कांग्रेस के लिए ही मुसीबत खड़ी करते जा रहे हैं. उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू नहीं करने की बात कही है.

उन्होंने साफ कर दिया है कि इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक के लिए इस कानून को बनाया था और इस कानून को बदलने का प्रयास ना करें. कमलनाथ कैबिनेट के दौरान आदिवासी विकासखंडों में लोगों को बेहतर चिकित्सा और डॉक्टरों की सुविधा मिल सके, इसके लिए कई अहम निर्णय लिए गए थे. इस निर्णय से इसका लाभ आदिवासी बहुल 20 जिलों के लोगों को मिलेगा. वहीं कैबिनेट के दौरान भू राजस्व संहिता में संशोधन किया गया था.

  • मध्य प्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय बिना अनुमति के हो सकता है,इस कानून को बदलना होगा,आदिवासियों के हक में यह कानून इंदिराजी ने बनाया था।

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आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी व्यक्ति कलेक्टर की मंजूरी के बिना गैर आदिवासी से जमीन खरीद-बेच सकता है. जमीन का लैंड यूज भी तुरंत बदल सकेगा. जुर्माने के प्रावधान को भी सरकार ने हटा दिया है. लक्ष्मण सिंह ने भी इस नए लैंड डायवर्शन को लेकर कैबिनेट के द्वारा लिए गए निर्णय पर सवाल उठाए हैं.

  • भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने हेतु जो सैकडों पेड़ काटे जा रहे हैं,मैं स्वयं विधायक होते हुए इसका विरोध करता हूँ।

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कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय बिना अनुमति के हो सकता है, इस कानून को बदलना होगा. उन्होंने ट्वीट करते हुए यह भी टिप्पणी की है कि यह कानून इंदिरा जी ने आदिवासियों के हक के लिए बनाया था. उन्होंने विधायकों के लिए बनाई जा रही नई विधायक विश्रामगृह कॉलोनी को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया है.

लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने के लिए सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं, इसका वे वह स्वयं विधायक होते भी विरोध करते हैं. उन्होंने भारत की राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि

"महाराष्ट्र का राजनीतिक घटनाक्रम हर घड़ी बदलता रहा, रूप राजनीति छांव है, कभी-कभी है धूप राजनीति, हर पल यहां खूब खाओ, जो है समां कल हो ना हो "

Intro:अपनी ही सरकार के फैसलों पर एक बार फिर दिग्विजय सिंह के भाई ने उठाए सवाल

भोपाल | प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और वर्तमान में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह नई सरकार के गठन के बाद से ही लगातार कांग्रेस के लिए ही मुसीबत खड़ी करते जा रहे हैं सोशल मीडिया पर किए जा रहे ट्वीट के माध्यम से वे आए दिन सरकार को कटघरे में खड़ा कर देते हैं पिछले 20 दिनों से सोशल मीडिया से दूरी बनाने के बाद एक बार फिर कांग्रेस विधायक ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं उन्होंने ट्वीट करते हुए आदिवासियों के लिए वर्तमान में लाई जा रही योजनाओं को लागू न करने की बात कही है साथ ही उन्होंने साफ कर दिया है कि इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक के लिए इस कानून को बनाया था और इस कानून को बदलने का प्रयास ना करेंBody:बता दे कि 1 दिन पहले ही कमलनाथ कैबिनेट के दौरान आदिवासी विकास खंडों में लोगों को बेहतर चिकित्सा व डॉक्टरों की सुविधा मिल सके इसके लिए कई अहम निर्णय लिए गए थे इस निर्णय से इसका लाभ आदिवासी बहुल 20 जिलों के लोगों को मिलेगा , वहीं कैबिनेट के दौरान भू राजस्व संहिता में संशोधन किया गया था अब आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र में गैर आदिवासी व्यक्ति कलेक्टर की मंजूरी के बिना गैर आदिवासी से जमीन खरीद बेच सकता है जमीन का लैंड यूज भी तुरंत बदल सकेगा जुर्माने के प्रावधान को भी सरकार ने हटा दिया है


लक्ष्मण सिंह ने भी इस नए लैंड डायवर्शन को लेकर कैबिनेट के द्वारा लिए गए निर्णय पर ही सवाल उठाए हैंConclusion:कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है किमध्यप्रदेश में आदिवासियों की भूमि का विक्रय देना अनुमति के हो सकता है इस कानून को बदलना होगा उन्होंने ट्वीट करते हुए यह भी टिप्पणी की है कि यह कानून इंदिरा जी के आदिवासियों के हक के लिए बनाया गया था


वहीं उन्होंने विधायकों के लिए बनाई जा रही नई विधायक विश्रामगृह कॉलोनी को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया है . लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह बनाने हेतु जो सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं मैं स्वयं विधायक होते हुए इसका विरोध करता हूं ।

उन्होंने भारत की राजनीति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा है कि
" महाराष्ट्र का राजनीतिक घटनाक्रम हर घड़ी बदल रही है रूप राजनीति छांव है कभी कभी है धूप राजनीति हर पल यहां खूब खाओ जो है समा कल हो ना हो " ।
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