भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर मक्के की उपज का समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित किए जाने की मांग की है. अपने पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार पर विदेशों से मक्का आयात कर चंद बड़े व्यापारियों को मदद पहुंचाने और किसानों को बर्बाद होने के लिए छोड़ देने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि, सरकार ने मक्के का समर्थन मूल्य 90 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है. लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों के लिए समर्थन मूल्य का कोई अर्थ नहीं है. क्योंकि वह अपनी फसल कम दामों पर बेचने पर मजबूर हैं.
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, 'मैं आपका ध्यान इस पत्र के माध्यम से मध्यप्रदेश में मक्का किसानों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं. इस साल प्रदेश में मक्के की बंपर पैदावार हुई है. पूर्वी मध्य प्रदेश के सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर जिलों में भी मक्के के उत्पादन में वृद्धि हुई है.इसी प्रकार पश्चिमी मध्यप्रदेश के झाबुआ, अलीराजपुर, धार,बड़वानी आदि जिलों में भी मक्के की फसल अच्छी हुई है. केंद्र सरकार द्वारा विदेशों से मक्का का आयात करके चंद बड़े व्यापारियों की मदद की गई है और लाखों किसानों को बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया गया है'.
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि, पिछले खरीफ के सीजन में केंद्र सरकार द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1 हजार 760 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था. जिसके कारण किसानों ने इस आशा में मक्का का उत्पादन बढ़ाया था कि, उचित समर्थन मूल्य मिलने से माली हालत में सुधार होगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि, सरकार ने हाल ही में मक्के का समर्थन मूल्य 1 हजार 760 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार 850 रुपए प्रति क्विंटल तो कर दिया. लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों के लिए समर्थन मूल्य का कोई अर्थ नहीं है. क्योंकि वे अपनी मक्के की फसल आधी कीमत पर बेचने के लिए मजबूर हैं.
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं किए जाने से किसानों की हालत खराब हो रही है. समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग को लेकर सिवनी जिले में किसानों द्वारा सत्याग्रह भी किया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि, मध्य प्रदेश में किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए शीघ्र समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीदी सुनिश्चित करने का कष्ट करें.