धार। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी के प्रभार वाले धार के जिला अस्पताल के हाल बेहाल हैं. सोमवार को अस्पताल में लापरवाही देखने को फिर मिली. एक प्रसूता को वाहन से प्रसूती कक्ष तक जे जाना वाला कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं था. एक घंटे तक प्रसूता वाहन में ही प्रसव पीड़ा सहती रही, इस दौरान वाहन में ही महिला की डिलीवरी हुई और बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों में गुस्सा फैल गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही से नवजात बच्ची की मौत हुई है.
लेबर रूम में शिफ्ट क्यों नहीं किया : जिले के नवासा उज्जैनी की रहवासी माला को प्रसव पीड़ा के चलते स्वजन बगड़ी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां से प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर किया गया. स्वजन प्रसूता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां प्रसव पीड़ा के चलते महिला की स्थिति बिगड़ने लगी. अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा महिला को लेबर रूम में शिफ्ट नहीं किया गया. आरोप है कि नर्सों से बार-बार निवेदन किया गया, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी और हमारे मरीज को लेबर रूम में नहीं लिया. प्रसूति माला के भाई राजकुमार ने मीडिया को बताया कि जिला अस्पताल आने के एक घंटे तक हम लोग यहां परेशान हुए. चार से पांच बार नर्सों के पास गया लेकिन नहीं सुनी.
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अस्पताल ने लापरवाही के आरोप नकारे : इस बीच वाहन में ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया. उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि प्रसूता को पहले दगड़ी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा उल्टा है और उसकी धड़कन नहीं है. लिहाजा, परिजन उसको जिला अस्पताल लेकर आए. जहां उसकी गाड़ी के अंदर ही डिलीवरी हो गई. जिला अस्पताल की डॉक्टर वर्षा का कहना है कि लापरवाही का आरोप गलत है. महिला की हालत खराब अस्पताल स्टाफ ने पूरा सहयोग किया.