भोपाल। पूर्व की बीजेपी सरकार में व्यापमं एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आया था. अभी भी लगातार ये चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इस बार एक दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कराने से मना कर दिया है. सरकार की विभिन्न विभागों की करीब 12 से ज्यादा परीक्षाएं इस वजह से अटक गई हैं.
इसका मुख्य कारण ये है कि भर्ती प्रस्तावों को लेकर अब तक शासन की ओर से नए नियम नहीं बताए गए हैं. यही वजह है कि पीईबी ने विभागों से आए भर्ती परीक्षाओं के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है, जब तक राज्य शासन के निर्णय के मुताबिक प्रस्ताव नहीं भेजे जाएंगे, तब तक पीईबी किसी भी तरह की परीक्षा को आयोजित नहीं करेगा.
पीईबी के इस निर्णय से प्रदेश के करीब 40 लाख उम्मीदवार प्रभावित हो सकते हैं, जो विभिन्न विभागों की परीक्षा की तैयारी करके बैठे हुए थे, लेकिन फिलहाल परीक्षा होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. अब विभाग नए नियमों के तहत प्रस्ताव तैयार करने के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजेगा. कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है.
इसी तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है. इन आरक्षणों के आधार पर ही अब अगली भर्ती होनी है, लेकिन इन नियमों को शामिल किए बिना ही विभागों ने प्रस्ताव बनाकर पीईबी को भेज दिए थे.
इसी तरह दिव्यांगों में अब तक चार कैटेगरी हुआ करती थी, जिन्हें केंद्र सरकार ने बढ़ाकर छह तक कर दिया है. इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए आयु सीमा में भी बदलाव करने जा रहा है. इसी वजह से पुलिस और वन विभाग में भी भर्ती की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है. संविदा कर्मियों को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाना है.
इन परीक्षाओं पर पड़ेगा असर-
- पुलिस सूबेदार- एसआई भर्ती परीक्षा
- पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा
- सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा
- जेल आरक्षक भर्ती परीक्षा
- वन रक्षक भर्ती परीक्षा
- ग्रुप- अकाउंटेंट
- ग्रुप- लेबर
- ग्रुप- लैब टेक्नीशियन
पीईबी के चेयरमैन प्रभांशु कमल ने कुछ दिन पहले ही सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि विभाग के द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजे जाएं, नए नियमों के मुताबिक ही भेजे जाएं, साथ ही नए प्रस्तावों को जल्द से जल्द भेजने के लिए भी कहा गया था, ताकि परीक्षा समय पर करवाई जा सके. लेकिन प्रशासन की सुस्ती का नतीजा है कि अब तक नए नियम के साथ प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजे ही नहीं गए हैं. यही वजह है कि पुराने नियमों के मुताबिक पीईबी ने परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है.