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PEB ने रोकी 12 से ज्यादा भर्ती परीक्षाएं, अधर में अटका युवाओं का भविष्य - ओबीसी वर्ग का आरक्षण

प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने सरकार के विभिन्न विभागों की करीब 12 से ज्यादा परीक्षाएं रोक दी हैं. इसके पीछे नए नियमों के अनुसार प्रस्ताव का नहीं भेजा जाना वजह है.

PEB ने रोकी 12 से ज्यादा भर्ती परीक्षाएं
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Published : Nov 21, 2019, 12:02 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 12:45 PM IST

भोपाल। पूर्व की बीजेपी सरकार में व्यापमं एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आया था. अभी भी लगातार ये चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इस बार एक दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कराने से मना कर दिया है. सरकार की विभिन्न विभागों की करीब 12 से ज्यादा परीक्षाएं इस वजह से अटक गई हैं.

इसका मुख्य कारण ये है कि भर्ती प्रस्तावों को लेकर अब तक शासन की ओर से नए नियम नहीं बताए गए हैं. यही वजह है कि पीईबी ने विभागों से आए भर्ती परीक्षाओं के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है, जब तक राज्य शासन के निर्णय के मुताबिक प्रस्ताव नहीं भेजे जाएंगे, तब तक पीईबी किसी भी तरह की परीक्षा को आयोजित नहीं करेगा.

पीईबी के इस निर्णय से प्रदेश के करीब 40 लाख उम्मीदवार प्रभावित हो सकते हैं, जो विभिन्न विभागों की परीक्षा की तैयारी करके बैठे हुए थे, लेकिन फिलहाल परीक्षा होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. अब विभाग नए नियमों के तहत प्रस्ताव तैयार करने के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजेगा. कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है.

इसी तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है. इन आरक्षणों के आधार पर ही अब अगली भर्ती होनी है, लेकिन इन नियमों को शामिल किए बिना ही विभागों ने प्रस्ताव बनाकर पीईबी को भेज दिए थे.

PEB ने रोकी 12 से ज्यादा भर्ती परीक्षाएं

इसी तरह दिव्यांगों में अब तक चार कैटेगरी हुआ करती थी, जिन्हें केंद्र सरकार ने बढ़ाकर छह तक कर दिया है. इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए आयु सीमा में भी बदलाव करने जा रहा है. इसी वजह से पुलिस और वन विभाग में भी भर्ती की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है. संविदा कर्मियों को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाना है.

इन परीक्षाओं पर पड़ेगा असर-

  • पुलिस सूबेदार- एसआई भर्ती परीक्षा
  • पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा
  • सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा
  • जेल आरक्षक भर्ती परीक्षा
  • वन रक्षक भर्ती परीक्षा
  • ग्रुप- अकाउंटेंट
  • ग्रुप- लेबर
  • ग्रुप- लैब टेक्नीशियन

पीईबी के चेयरमैन प्रभांशु कमल ने कुछ दिन पहले ही सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि विभाग के द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजे जाएं, नए नियमों के मुताबिक ही भेजे जाएं, साथ ही नए प्रस्तावों को जल्द से जल्द भेजने के लिए भी कहा गया था, ताकि परीक्षा समय पर करवाई जा सके. लेकिन प्रशासन की सुस्ती का नतीजा है कि अब तक नए नियम के साथ प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजे ही नहीं गए हैं. यही वजह है कि पुराने नियमों के मुताबिक पीईबी ने परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है.

भोपाल। पूर्व की बीजेपी सरकार में व्यापमं एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आया था. अभी भी लगातार ये चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इस बार एक दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कराने से मना कर दिया है. सरकार की विभिन्न विभागों की करीब 12 से ज्यादा परीक्षाएं इस वजह से अटक गई हैं.

इसका मुख्य कारण ये है कि भर्ती प्रस्तावों को लेकर अब तक शासन की ओर से नए नियम नहीं बताए गए हैं. यही वजह है कि पीईबी ने विभागों से आए भर्ती परीक्षाओं के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है, जब तक राज्य शासन के निर्णय के मुताबिक प्रस्ताव नहीं भेजे जाएंगे, तब तक पीईबी किसी भी तरह की परीक्षा को आयोजित नहीं करेगा.

पीईबी के इस निर्णय से प्रदेश के करीब 40 लाख उम्मीदवार प्रभावित हो सकते हैं, जो विभिन्न विभागों की परीक्षा की तैयारी करके बैठे हुए थे, लेकिन फिलहाल परीक्षा होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. अब विभाग नए नियमों के तहत प्रस्ताव तैयार करने के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजेगा. कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है.

इसी तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है. इन आरक्षणों के आधार पर ही अब अगली भर्ती होनी है, लेकिन इन नियमों को शामिल किए बिना ही विभागों ने प्रस्ताव बनाकर पीईबी को भेज दिए थे.

PEB ने रोकी 12 से ज्यादा भर्ती परीक्षाएं

इसी तरह दिव्यांगों में अब तक चार कैटेगरी हुआ करती थी, जिन्हें केंद्र सरकार ने बढ़ाकर छह तक कर दिया है. इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए आयु सीमा में भी बदलाव करने जा रहा है. इसी वजह से पुलिस और वन विभाग में भी भर्ती की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है. संविदा कर्मियों को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाना है.

इन परीक्षाओं पर पड़ेगा असर-

  • पुलिस सूबेदार- एसआई भर्ती परीक्षा
  • पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा
  • सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा
  • जेल आरक्षक भर्ती परीक्षा
  • वन रक्षक भर्ती परीक्षा
  • ग्रुप- अकाउंटेंट
  • ग्रुप- लेबर
  • ग्रुप- लैब टेक्नीशियन

पीईबी के चेयरमैन प्रभांशु कमल ने कुछ दिन पहले ही सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि विभाग के द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजे जाएं, नए नियमों के मुताबिक ही भेजे जाएं, साथ ही नए प्रस्तावों को जल्द से जल्द भेजने के लिए भी कहा गया था, ताकि परीक्षा समय पर करवाई जा सके. लेकिन प्रशासन की सुस्ती का नतीजा है कि अब तक नए नियम के साथ प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजे ही नहीं गए हैं. यही वजह है कि पुराने नियमों के मुताबिक पीईबी ने परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है.

Intro:पीईबी ने रोकी एक दर्जन भर्ती परीक्षाएं , नए नियम अब तक नहीं भेजे हैं विभागों ने



भोपाल | बीजेपी सरकार के समय एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आया व्यापम अभी भी लगातार चर्चा के केंद्र में बना हुआ है . भले ही व्यापम का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ( पीईबी ) कर दिया गया हो , लेकिन गाहे-बगाहे किसी ना किसी वजह से यह विभाग हमेशा ही चर्चा के केंद्र में बना रहता है . प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इस बार एक दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं को आयोजित कराने से मना कर दिया है . सरकार की विभिन्न विभागों की करीब एक दर्जन परीक्षाएं इस वजह से अटक गई है . इसका मुख्य कारण बताया गया है कि भर्ती प्रस्तावों को लेकर अब तक शासन की ओर से नए नियम नहीं बताए गए हैं . यही वजह है कि पीईबी ने विभागों से आए भर्ती परीक्षाओं के प्रस्ताव को वापस लौटा दिया है , जब तक राज्य शासन के निर्णय के मुताबिक प्रस्ताव नहीं भेजे जाएंगे तब तक पीईबी किसी भी तरह की परीक्षा को आयोजित नहीं करेगा .



पीईबी के इस निर्णय से प्रदेश के करीब 40 लाख उम्मीदवार प्रभावित हो सकते हैं जो विभिन्न विभागों की परीक्षा की तैयारी कर के बैठे हुए थे , लेकिन फिलहाल परीक्षा होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है . अब विभाग नए नियमों के तहत प्रस्ताव तैयार करने के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजेगा .



Body:
दरअसल कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है . इसी तरह केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है . इन आरक्षण के आधार पर ही अब अगली भर्ती होना है . लेकिन इन नियमों को शामिल किए बिना ही विभागों ने प्रस्ताव बनाकर पीईबी को भेज दिए थे . इसी तरह दिव्यांगों में अब तक चार केटेगरी हुआ करती थी जिन्हें केंद्र ने बढ़ाकर छह कर दिया है . इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए आयु सीमा में भी बदलाव करने जा रहा है . इसी वजह से पुलिस और वन विभाग में भी भर्ती की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है . संविदा कर्मियों को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाना है .


जिन विशेष परीक्षाओं पर असर पड़ रहा है वे इस प्रकार है .

पुलिस सूबेदार- एसआई भर्ती परीक्षा , पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा, सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा , जेल आरक्षक भर्ती परीक्षा , वन रक्षक भर्ती परीक्षा , ग्रुप 2 - अकाउंटेंट , ग्रुप 2 - लेबर, ग्रुप 3 - लैब टेक्नीशियन .







Conclusion:बता दें कि पीईबी के चेयरमैन प्रभांशु कमल ने कुछ दिन पहले ही सभी विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक की थी . इस बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि विभाग जो भी प्रस्ताव भेजे हुए नए नियमों के मुताबिक ही भेजे जाएं , साथ ही नए प्रस्तावों को जल्द से जल्द भेजने के लिए भी कहा गया था . ताकि परीक्षा समय पर करवाई जा सके . लेकिन प्रशासन की सुस्ती का नतीजा है कि अब तक नए नियम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भेजे ही नहीं गए हैं . यही वजह है कि पुराने नियमों के मुताबिक पीईबी ने परीक्षा कराने से इंकार कर दिया है , पीईबी अब नए नियमों के माध्यम से ही परीक्षा करवाएगा ताकि परीक्षार्थियों को राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा दिए जा रहे आरक्षण का लाभ भी मिल सके .

Last Updated : Nov 21, 2019, 12:45 PM IST
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