भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ते की सौगात दी थी. लेकिन कोरोना वायरस संकट के चलते शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के आदेश को स्थगित कर दिया है. कर्मचारी जगत में शिवराज सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. कर्मचारियों का कहना है कि हम तृतीय वर्ग श्रेणी के कर्मचारियों ने कोरोना संकट से निपटने के लिए अपने 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने के लिए कहा था. दूसरी तरफ सरकार ने हमें बिना विश्वास में लिए महंगाई भत्ते में कटौती की है. यह कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है और कर्मचारी वर्ग सरकार के इस फैसले से निराश हैं.
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने कोरोना संकट के चलते हुए प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में की गई वृद्धि संबंधी आदेश को स्थगित कर दिया है. इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में जो 5% की वृद्धि की गई थी उसको स्थगित किया है. जिसके चलते हर अधिकारी कर्मचारी को 1000 से लेकर 6000 रूपये तक का मासिक नुकसान होगा.