भोपाल। लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश और खासतौर पर राजधानी भोपाल में साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार आसमान छूता जा रहा है. आलम यह है कि भोपाल साइबर और राज्य साइबर सेल में हर दिन करीब आधा दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. खास बात यह है कि साइबर सेल में ज्यादा मामले ऑनलाइन ठगी और सोशल मीडिया प्रोफाइल हैक कर गड़बड़ी करने से जुड़े हुए हैं.
लॉकडाउन को जालसाज और ठगों ने अपना हथियार बनाया हुआ है. जो लोगों की मदद करने के नाम पर ठगी कर रहे हैं, राज्य साइबर सेल में हर दिन इस तरह के चार से छह मामले दर्ज किए जा रहे हैं. लिहाजा राज्य साइबर सेल ने आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है. जबकि धोखाधड़ी के शिकार होने पर www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत करने की सलाह दी है.
इस तरह बढ़ रहे साइबर अपराध
- किसी पॉलिसी या इनाम का लालच देकर जाल साज लोगों से उनकी बैंक डिटेल्स लेते हैं और मिनटों में ही उनके खाते का पैसा गायब हो जाता है.
- सोशल मीडिया पर विशेष तौर से फेसबुक प्रोफाइल को हैक किया जा रहा है. इसके बाद जालसाज फ्रेंड लिस्ट के कांटेक्ट को मैसेज कर खुद किसी आपदा में फंसे होने का झांसा देकर लोगों से पैसों की मांग करता है.
- ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य सेवाएं, जैसे ओएलएक्स, फेसबुक, मार्केटप्लेस, इंडिया मार्ट पर खरीदी और विक्रय के नाम पर अन्य सेवाओं की फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी की जा रही है.
- लॉकडाउन के दौरान सेनिटाइजर और मास्क विक्रय, ऑनलाइन ग्रॉसरी और अन्य सामान घर पहुंचाने के नाम पर भी फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन, वेबसाइट और बल्क एसएमएस लिंक के माध्यम से भी वित्तीय ठगी की जा रही है.
- ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने के लिए प्रचलित यूपीआई जैसे फोन पे, गूगल पे को हैक कर राशि की ऑनलाइन ठगी की जा रही है. यूपीआई के डिटेल प्राप्त करने के लिए हैकर फर्जी लिंक पर क्लिक करा कर जानकारी ले रहे हैं. यह लिंक उपयोगकर्ता को एक अन्य पेज पर ले जाती है. जहां पर हैकर गूगल डॉक्स जैसे लिंक के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर लेता है. जिससे यूपीआई उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों से सीधे लिंक होता है यदि उसका एक सेट हैकर के पास जाता है तो उपयोगकर्ता के बैंक खाते में उपलब्ध राशि की ठगी की जाती है.
राज्य साइबर क्राइम ने जारी की एडवाइजरी
- सोशल मीडिया प्रोफाइल के कंटेंट और क्रैडेंशियल्स की प्राइवेसी सेटिंग में जाकर इसे प्राइवेट करें, ताकि अन्य व्यक्ति द्वारा इसका दुरुपयोग न किया जा सके.
- सोशल मीडिया प्रोफाइल के पासवर्ड आसान ना रखें. स्ट्रांग पासवर्ड रखें लेटर अंक और स्पेशल का कॉन्बिनेशन रखें ताकि अनुमान न लगाया जा सके.
- केवल विश्वसनीय ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए ही शॉपिंग करें. किसी भी अनजान वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने से पहले उसे जांच लें.
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें. यह लिंक आपको किसी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन पर फॉरवर्ड कर सकती है. जिससे आपके साथ ठगी हो सकती है.
- ई-कॉमर्स बल्क एसएमएस के जरिए प्राप्त सूचना पर अचानक विश्वास न करें उसे जांच लें.
- यूपीआई, क्रेडिट, डेबिट कार्ड बैंक खाते से संबंधित जानकारी किसी भी माध्यम से अनजान व्यक्ति को शेयर ना करें.