ETV Bharat / state

भोपाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज, शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली ने बांधा समा - bhopal culture directorate madhya pradesh

भोपाल संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय के मुक्ताकाश मंच पर सीमित दर्शकों की उपस्थिति में कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक समारोह का शुभारंभ हुआ.

Cultural program opening
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज
author img

By

Published : Sep 30, 2020, 4:04 PM IST

भोपाल। संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय में 29 सितंबर से 11 अक्टूबर तक विविध कल अनुशासन की गतिविधि गमक के आयोजन की शुरुआत शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली के गायन से हुई. इसके साथ ही भोपाल संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय के मुक्ताकाश मंच पर सीमित दर्शकों की उपस्थिति में कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक समारोह का शुभारंभ हुआ.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज

संचालक संस्कृति संचनालय आदित्य कुमार त्रिपाठी द्वारा सीमित श्रोताओं की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. गतिविधि में ख्यात शास्त्रीय गायक पंडित कुमार गंधर्व की बेटी और सुयोग्य शिष्य कलापिनी कोमकली के गायन का प्रारंभ किया गया. इस दौरान रूपक ताल में निबद्ध पारंपरिक रचना राग श्याम कल्याण में भरा रसिया तत्पश्चात क्रमाश सावन की सांझ राग पूरिया में जरा दिन डूबा आदि बंदिशें प्रस्तुत की गई और निर्गुण पद गायन कबीर के भजन से विराम दिया. कलापिनी कोमकली के गायन में वाद्य यंत्रों पर हारमोनियम में साथ डॉक्टर विवेक बंसोड़ तबले पर पवन सेन तानपुरा पर वैदही व्यास और चिरायु रजक ने संगत दी.

भोपाल। संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय में 29 सितंबर से 11 अक्टूबर तक विविध कल अनुशासन की गतिविधि गमक के आयोजन की शुरुआत शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली के गायन से हुई. इसके साथ ही भोपाल संस्कृति संचनालय मध्य प्रदेश द्वारा जनजातीय संग्रहालय के मुक्ताकाश मंच पर सीमित दर्शकों की उपस्थिति में कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक समारोह का शुभारंभ हुआ.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज

संचालक संस्कृति संचनालय आदित्य कुमार त्रिपाठी द्वारा सीमित श्रोताओं की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. गतिविधि में ख्यात शास्त्रीय गायक पंडित कुमार गंधर्व की बेटी और सुयोग्य शिष्य कलापिनी कोमकली के गायन का प्रारंभ किया गया. इस दौरान रूपक ताल में निबद्ध पारंपरिक रचना राग श्याम कल्याण में भरा रसिया तत्पश्चात क्रमाश सावन की सांझ राग पूरिया में जरा दिन डूबा आदि बंदिशें प्रस्तुत की गई और निर्गुण पद गायन कबीर के भजन से विराम दिया. कलापिनी कोमकली के गायन में वाद्य यंत्रों पर हारमोनियम में साथ डॉक्टर विवेक बंसोड़ तबले पर पवन सेन तानपुरा पर वैदही व्यास और चिरायु रजक ने संगत दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.