भोपाल। मध्यप्रदेश में पहली बार किसी तेंदुए का सीटी स्कैन किया गया है. वन्य प्राणी संग्रहालय से घायल तेंदुए का रेस्क्यू किया गया था, जिसे सोमवार को राज्य पशु चिकित्सालय जहांगीराबाद भोपाल में लाया गया और उसका सीटी स्कैन कराया गया. तेंदुए के शरीर में किसी धातु के अवशेष होने की आशंका डॉक्टरों के द्वारा व्यक्त की गई है. उसके कुछ और भी टेस्ट किए गए हैं, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही आधिकारिक रूप से इसका खुलासा किया जाएगा.
विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे का इलाज किया जाएगा. इसे देखते हुए फिलहाल तेंदुए को इंदौर के चिड़ियाघर वापस भेज दिया गया है. वन विहार की ओर से जानकारी दी गई है कि 3 माह पहले 6 साल के नर तेंदुए को इंदौर वन विहार द्वारा जंगल से पकड़ा गया था. उसे इंदौर चिड़ियाघर में रखकर इलाज किया जा रहा था, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं आ रहा था और इस दौरान उसे देखना भी लगभग बंद हो गया है.
इसे देखते हुए वन्य प्राणी विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार ने तेंदुए की सीटी स्कैन कराने की मंजूरी दे दी थी, क्योंकि डॉक्टरों का परामर्श था कि सिटी स्कैन के माध्यम से ही तेंदुए की परेशानी को पहचाना जा सकता है और उसी के अनुसार बाद में इलाज किया जा सकता है.
विभाग की ओर से मंजूरी मिलने के बाद तेंदुए को इंदौर से सोमवार को विशेषज्ञों की टीम के द्वारा भोपाल वन विहार लाया गया था. यहां पर वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. अतुल गुप्ता के द्वारा उसकी प्रार्थना की जांच की गई. इसके बाद उसे राज्य पशु चिकित्सालय लाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहोश किया गया. उसके बाद डॉक्टरों की पूरी टीम के द्वारा पूरी एहतियात के साथ तेंदुए का सिटी स्कैन किया गया है.
इस प्रक्रिया में करीब डेढ़ से 2 घंटे का समय लग गया है. तेंदुए को अब वापस इंदौर भेज दिया गया है. वन विहार ने जानकारी दी है कि इससे पूर्व में एक बार भालू का भी सिटी स्कैन किया जा चुका है.