भोपाल। 1971 के युद्व के 50वीं साल स्वर्णिम विजय मशाल गुरूवार को सीआरपीएफ मुख्यालय पहुंची. चार स्वर्णिम विजय मशालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रकाशित किया गया एवं उन्हें चारों दिशाओं में भेजा गया था. दक्षिण दिशा की मशाल भोपाल में 03 जनवरी 2020 को पहुंची थी और चौथे दिन मशाल को सीआरपीएफ मुख्यालय लाया गया.
सीआरपीएफ आईजी ने प्राप्त की विजय मशाल
विजय मशाल को सीआरपीफ के आईजी एमपीएफ पीके पांडे द्वारा प्राप्त किया गया. विजय मशाल का स्वागत सीआरपीएफ मुख्यालय में फूलों से किया गया. जहं आईजी ने युद्ध के गुणों के साथ भारतीय सेना के युद्ध कौशल की प्रशंसा की. साथ इस क्षण को गौरव बताया कि आज भारत की सेना की वीरता के 50 साल मना रहे है.
14 जनवरी तक भोपाल मे ही रहेगी मशाल
विजय मशाल 14 जनवरी 2020 तक भोपाल में रहेगी एवं दर्शकों के लिए स्मरणीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. बुधवार को विजय मशाल को पुलिस मुख्यालय, भोपाल में प्राप्त किया गया था. 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने एवं भारत की विजय को चिन्हित करने के उपलक्ष में विजय दिवस प्रति वर्ष 16 दिसम्बर को मनाया जाता है. भारतीय सेना के इतिहास में यह अब तक का सबसे छोटा, सफल एवं शानदार अभियान रहा है. भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का अद्भुत परिचय देते हुए पाक सेना के 93,000 सैनिकों को एक साथ आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था. भारत के इस छोटे एवं सफल अभियान से 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ.