भोपाल। कई जिलों में मूसलाधार बारिश होने से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस दौरान अलग-अलग जगहों पर किसानों की खड़ी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लगातार बीमा करवाया जा रहा था, लेकिन 31 अगस्त 2020 को अंतिम तारीख होने की वजह से काफी किसान बीमा कराने से वंचित रह गए. इसे लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही थी, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार से तिथि बढ़ाने की अपील की थी. इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से निवेदन किया गया था, जिसे स्वीकार करते हुए फसल बीमा कराने की अंतिम तारीख को 7 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने आग्रह को स्वीकार करते हुए रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, देवास और हरदा जैसे बाढ़ प्रभावित जिलों में फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम जमा कराने की अवधि 7 सितंबर तक बढ़ा दी है. इसके अलावा शेष बचे किसान भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले सकेंगे.
सीएम ने ट्वीट करते हुए केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने मध्यप्रदेश में हुई अतिवृष्टि और बाढ़ को ध्यान में रखते हुए बीमा योजना की तिथि को बढ़वा कर किसानों के हित में निर्णय लिया है, जो पूर्व में 31 अगस्त 2020 तय की गई थी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन जिलों में अतिवृष्टि से सारी गतिविधिया रूक गई थी, वहां के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा में शामिल होने से वंचित रह गए थे. इस संदर्भ में उन्होंने खुद केन्द्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर बीमा योजना की समय-सीमा 7 सितंबर तक बढ़ाने का आग्रह किया था, जिस पर केंद्र सरकार ने निर्णय लेते हुए प्रदेश के पांच जिलों के किसानों को राहत दी है. मुख्यमंत्री ने किसानों को केंद्र सरकार द्वारा दी गई सुविधा का लाभ उठाने की अपील भी की है.
गत वर्ष प्रदेश में करीब 23 लाख किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल हुए थे. इस वर्ष लगभग 32 लाख किसानों ने बीमा योजना का प्रीमियम जमा कर अपनी फसल का बीमा करवाया है. केंद्र सरकार द्वारा फसल बीमा की तिथि बढ़ाए जाने के बाद प्रदेश के काफी किसानों को फायदा होगा.