भोपाल। राज्य सरकार ने गौ-कैबिनेट की प्रस्तावित बैठक का कार्यक्रम बदल दिया है. गौ-कैबिनेट का गठन होने के बाद सबसे पहली गौ-कैबिनेट बैठक अब भोपाल स्थित मंत्रालय में ऑनलाइन आयोजित की जाएगी. इसके पहले आगर-मालवा के गौ अभ्यारण्य में 22 नवंबर को ये बैठक होनी थी. कहीं ना कहीं इसके पीछे की वजह गौ अभ्यारण्य की बदहाल हालत है. ईटीवी भारत ने सालरिया गौ अभ्यारण्य में व्यवस्थाओं का रियलिटी टेस्ट किया था. जिसमें यहां की अव्यस्थाएं खुलकर सामने आईं थीं. हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठक के बाद आगर जिले में स्थित सालरिया गौ अभ्यारण्य जाएंगे.
बदला कैबिनेट मीटिंग का स्थान
शिवराज सरकार ने प्रदेश में गोवंश के संरक्षण और गोवंश आधारित रोजगार बढ़ाने के लिए हाल ही में गौ-कैबिनेट का गठन किया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि गौ-कैबिनेट की पहली बैठक गोपाष्टमी पर्व पर शनिवार को आगर स्थित सालरिया गौ-अभ्यारण्य में होगी, लेकिन अचानक ये फैसला किया गया जो किसी के गले नहीं उतर रहा.
लेकिन शिवराज जाएंगे आगर मालवा
आगर मालवा पहुंचकर सीएम शिवराज सिंह चौहान अभ्यारण्य का निरीक्षण करेंगे और जिला प्रशासन, अभ्यारण्य के अधिकारियों व गायों की देख-रेख करने वाले कर्मचारियों से बात करेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट में कोई निर्णय लेकर आगर मालवा में होने वाली सभा में उसका एलान किया जाएगा. शिवराज सरकार काऊ टैक्स लगाने पर भी विचार कर रही है.
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कोरोना तो बहाना अभ्यारण्य की हालत वजह
ईटीवी भारत ने 18 नवंबर को सालरिया गौ अभ्यारण्य में व्यवस्थाओं को लेकर रियलिटी चेक किया था. जिसमें सामने आया था कि गौ कैबिनेट की बैठक की घोषणा से कुछ दिन ही पहले 38 करोड़ से बने गौ-अभ्यारण्य में एक साथ करीब 10 गायों की मौत हुई थी. लिहाजा शिवराज सरकार पर इस घटना को लेकर दबाव था और अभ्यारण्य की अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने के लिए मीटिंग का स्थान बदला गया है. ताकि अभ्यारण्य की बदहाल हालत चर्चा का केंद्र ना बन जाए.
ईटीवी भारत ने दिखाई थी सच्चाई
इस गौ अभ्यारण्य में गायों को रखने के लिए 24 अलग-अलग कंपाउंड बनाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने हर कंपाउंड का जायजा लिया तो स्थिति काफी गंभीर दिखाई दी. हर कंपाउंड में गाय बेसुध दिखाई दी. कई जगह गाय मृत पड़ी हुई थी, तो कहीं पर गाय मरने का इंतजार कर रही थी. इन तड़पती गायों की थोड़ी बहुत भी सुध लेने के लिए एक कर्मचारी भी वहां नहीं दिखाई दिया. कुछ कंपाउंड में तो गाय खून के आंसू रोती दिखाई दी. लेकिन ऐसे में इन गायों को किसी प्रकार का उपचार दिया जाता नहीं दिखाई दिया. तड़पती गायों को लेकर वहां तैनात पशु चिकित्सक से बात करना चाही तो उन्होंने बात करने से साफ इंकार कर दिया. वही वहां काम करने वाले मजदूर भी अधिकारियों से इतने डरे सहमे हैं कि मीडिया को देखते ही वहां से निकल जाते है.
भूसा भी नसीब नहीं
सालरिया गौ अभ्यारण्य के हालात बेहद बुरे हैं. यहां गौशाला में रहने वाली 3950 गायों को खिलाए जाने वाले भूसे को रखने के लिए 10 शेड हैं. इनमें ज्यादातर शेड में तो अक्सर भूसा तक नहीं होता है. गायों को ठंड से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में शिवराज सरकार ने जल्दबाजी में गौ कैबिनेट की पहली मीटिंग यहां करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव में इसे टालना पड़ा.
2012 में हुआ था भूमि पूजन
आगर-मालवा जिले के सालरिया में 24 दिसंबर 2012 को सर संघ चालक मोहन भागवत ओर सीएम शिवराज सिंह ने देश के पहले गौ-अभ्यारण्य का भूमि पूजन किया था. यहां गोमूत्र से दवाएं बनना थी, गोबर से गैस और न जाने कितने प्रयोग गायों को लेकर किए जाने थे. लेकिन फिलहाल की स्थितियों को देखते हुए ये तमाम बातें सिर्फ कागजी कार्रवाई ही साबित हुईं हैं.
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प्रदेश में अभी 1300 गौ शालाएं
जानकारी के अनुसार गौ अभ्यारण में गायों के संरक्षण व संवर्धन के लिए कई राज्यों के गौशाला संचालक और अन्य लोगों को भी बुलाया गया है. ताकि वे गौ संवर्धन और संरक्षण को लेकर अपनी राय दें सकें. वर्तमान में प्रदेश में 1300 गौशाला हैं, जिनमें करीब एक लाख अस्सी हजार गायों को रखा गया है.
गौ-कैबिनेट में ये मंत्री बनाए गए सदस्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एलान के साथ ही गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में पांच मंत्रियों को इसका सदस्य बनाया गया है. इसमें गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल को सदस्य बनाया गया है. पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव समिति के भार साधक सचिव होंगे.