भोपाल । कोरोना मरीजों की संख्या भोपाल में 4000 के पार पहुंच चुकी है, इसी के चलते भोपाल शहर में 10 दिन का लॉकडाउन किया गया है. बढ़ते मरीजों के साथ-साथ सबसे ज्यादा मुश्किलें सेनेटाइजिंग डिपार्टमेंट की बढ़ रही हैं. क्योंकि इनका सबसे ज्यादा फोकस उन्हीं इलाकों पर है, जहां सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं यानी कंटेनमेंट जोन पर. नगर निगम के सेनेटाइजिंग डिपार्टमेंट प्रभारी अशरफ अली ने बताया कि, कोरोना काल के बाद से अब तक दो बार भोपाल शहर को सेनेटाइज किया जा चुका है. लेकिन अब जहां शिकायत मिलती है, वहां पर सेनेटाइज किया जाता है. रोज 150 से 200 शिकायत आती हैं. इसके साथ-साथ उन इलाकों पर ज्यादा फोकस है, जहां पर सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. इस दौरान सेनेटाइज कर रहे कर्मचारी अपनी पूरी सुविधा का ध्यान रखते हैं. पीपीई किट पहनकर सेनेटाइज करते हैं.
नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि, सेनेटाइजर की शहर में कहीं पर भी दिक्कत नहीं आएगी, नगर निगम ने सैनिटाइजर खरीद लिए हैं, जिससे 2 महीने तक दिक्कत नहीं आएगी. छोटी खेप में सैनिटाइजर खरीद रहे थे, तो उसकी कीमत भी ज्यादा देनी पड़ रही थी. खबर ये थी कि, नगर निगम के पास सैनिटाइजर खत्म हो चुका है, निगम जिस कंपनी से सैनिटाइजर खरीद रहा था, उसको पेमेंट नहीं होने के कारण कंपनी ने सप्लाई बंद कर दी थी. नगर निगम ने अब 30 हजार लीटर सैनिटाइजर खरीद लिया है, जो शहरवासियों के लिए एक राहत की खबर है. कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मरीज भोपाल में ही मिल रहे हैं, सीएम से लेकर तमाम नेता कोरोना की चपेट में आ गए हैं, ऐसे में अब निगम की जिम्मेदारी बढ़ गई है.