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कोरोना की कैद में प्रदेश के जेल, 170 से ज्यादा कैदी हुए संक्रमित

प्रदेश में लगातार बढ़ रहा कोरोना का संक्रमण जेलों में भी पहुंच गया है, जिस कारण प्रदेश में अब तक 170 से ज्यादा कैदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 10 से ज्यादा जेलकर्मी भी कोरोना की जद में आए हैं.

Corona Infected Prisoner in Madhya Pradesh
एमपी की जेल में कोरोना
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Published : Aug 29, 2020, 3:14 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी इस कदर फैल रही है कि प्रदेश की जेल भी अब इससे अछूती नहीं रही है. आलम यह है कि अब तक 170 से ज्यादा कैदी और जेल स्टाफ भी कोरोना कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए जेल विभाग ने कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर रिहा भी किया है. लेकिन लगातार जेलों में नए कैदियों की भी आमद हो रही है. जिसके कोरोना का खतरा और भी बढ़ रहा है. हालांकि जेल विभाग ने इस खतरे से बचने के लिए कई फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रहा है. इसमें कैदियों को अग्रिम जमानत और पैरोल दिए दाने के अलावा जेल में क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर बनाया जाना शामिल है.

एमपी की जेल में कोरोना

जेल में वायरस

  • पिछले साल जुलाई में एमपी विधानसभा में पेश आंकड़ों में जेलों में 28,601 कैदियों को रखने की क्षमता है.
  • लेकिन 42,057 कैदी फिलहाल एमपी की 125 जेलों में बंद हैं

इन जेलों में इतने कैदी
मध्य प्रदेश के अलग-अलग जेलों में आए कोरोना संक्रमित कैदियों की बात करें तो सबसे ज्यादा अलीराजपुर में 89, रायसेन की बरेली जेल में 64, जबलपुर में 45, ग्वालियर में 43, सिंगरौली में 21, वहीं राजगढ़ और उज्जैन में क्रमशः 11 और 8 कैदी मिला कर प्रदेश में 170 से ज्यादा कैदी कोरोना संक्रमित पाई गए हैं, जिनमें से 14 महिला कैदी शामिल हैं.

  • बरेली उपजेल में 64 कैदियों, 3 जेल प्रहरियों सहित 67 लोग कोरोना संक्रमित
  • ग्वालियर सेंट्रल जेल में 30 कैदियों में संक्रमण की पुष्टि, कुल 43 पॉजिटिव मामले
  • उज्जैन सेंट्रल जेल में कोरोना विस्फोट के बाद 8 कैदियों में संक्रमण की पुष्टि
  • अलीराजपुर में 89 कैदियों समेत 7 जेल कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि
  • सिंगरौली जेल में 21 से अधिक कैदियों में संक्रमण की पुष्टि
  • इसके अलावा शहड़ोल में 14 महिला कैदियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई

जेल स्टाप संक्रमित
ऐसा नहीं है कि संक्रमण का खतरा कैदियों तक ही सीमित रहा हो, वैश्विक महामारी के जद में जेलकर्मी भी आए हैं, जिनमें से रायसेन की बरेली जेल से 3 और अलीराजपुर की जेल से 7 जेल कर्मियों को कोरोना ने संक्रमित किया है.

वायरस रोकने के नए नियम

  • जेलों में भीड़ कम करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित हुई
  • सजायाफ्ता कैदियों को अधिकतम 60 दिन की पैरोल पर रिहा किया जाता था
  • जबकि विचाराधीन कैदियों को अधिकतम 45 दिन की अंतरिम जमानत मिलती थी
  • राज्य में कैदियों को बड़ी राहत दी गई, 120 दिन की आपात छुट्टी की घोषणा
  • मानवीय आधार पर प्रदेश की जेलों में बंद 8,000 कैदियों को राहत दिया गया
  • करीब 3,000 विचाराधीन बंदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत मिली
  • एमपी की जेलों में अब कोरोना की जांच के बाद ही नए कैदियों को प्रवेश मिलेगा
  • 31 अगस्त तक जेल में मुलाकात पर भी रोक है. इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
  • कई जेलों में ई-मुलाकात सेवा शुरू की गई है

नए कैदी ऐसे आते हैं जेल
कोरोना काल में बने नए नियमों को तहत नए कैदियों के लिए थ्री लेयर में व्यवस्था की गई है. जेल अधिकारियों के मुताबिक नए कैदियों का सबसे पहले आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जा रहा है. इसके बाद कैदी को अस्थाई जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. 4 दिन बाद फिर से आरटीपीसीआर टेस्ट कर नए कैदी को अस्थाई जेल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है, फिर क्वॉरेंटाइन की अवधि खत्म होने और कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिखने पर ही कैदी को मुख्य जेल में शिफ्ट किया जा रहा है.

सुरक्षा में कैदी का इलाज
राजधानी भोपाल में के पुरानी जेल में क्वारेन्टीन सेंटर आइसोलेशन वार्ड और अलग-अलग बैरक बनाए गए हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद अगर किसी भी कैदी में कोरोना के लक्ष्ण मिलते हैं तो उसे पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. अस्पतालों में ऐसे कैदियों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं. जहां 24 घंटे पुलिस और जेल विभाग के जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक होने पर ही कैदियों को वापस मुख्य जेलों में भेजा जा रहा है.

प्रदेश की 37 जेलों में ई-मुलाकात की सुविधा
कोरोना संक्रमण के चलते कैदियों की परिजनों से मुलाकात पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है. अब कैदियों के लिए प्रदेश के 37 जेलों में ई-मुलाकात की शुरुआत की गई है. जिसके तहत जेल प्रबंधन कैदियों के परिजनों से वीडियो कॉल के जरिए कैदियों की बातचीत करवाता है. इसके अलावा जिन जिलों में यह मुलाकात की सुविधा नहीं है वहां दूरभाष के जरिए कैदियों की परिजनों से बात करवाई जा रही है.

पैरोल और अंतरिम जमानत पर किए गए हैं 8000 कैदी रिहा
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए जेल विभाग ने निर्णय लिया था कि 5 वर्ष या उससे कम की सजा वाले विचाराधीन कैदी और उम्र दराज कैदियों को पैरोल पर रिहा किया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश की जेलों से कुल 8000 कैदियों को रिहा किया गया है. जिनमें अंतरिम जमानत वाले कैदी 2700 कैदी शामिल हैं. पहले इन कैदियों को 60 दिन के पैरोल पर रिहा किया गया था लेकिन कोरोना के चलते शासन ने पैरोल की अवधि को बढ़ाकर 120 दिन कर दिया है, जिसके बाद अब अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में इन सभी कैदियों का वापस जेल में आने का सिलसिला शुरू होगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी इस कदर फैल रही है कि प्रदेश की जेल भी अब इससे अछूती नहीं रही है. आलम यह है कि अब तक 170 से ज्यादा कैदी और जेल स्टाफ भी कोरोना कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए जेल विभाग ने कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर रिहा भी किया है. लेकिन लगातार जेलों में नए कैदियों की भी आमद हो रही है. जिसके कोरोना का खतरा और भी बढ़ रहा है. हालांकि जेल विभाग ने इस खतरे से बचने के लिए कई फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रहा है. इसमें कैदियों को अग्रिम जमानत और पैरोल दिए दाने के अलावा जेल में क्वॉरेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन सेंटर बनाया जाना शामिल है.

एमपी की जेल में कोरोना

जेल में वायरस

  • पिछले साल जुलाई में एमपी विधानसभा में पेश आंकड़ों में जेलों में 28,601 कैदियों को रखने की क्षमता है.
  • लेकिन 42,057 कैदी फिलहाल एमपी की 125 जेलों में बंद हैं

इन जेलों में इतने कैदी
मध्य प्रदेश के अलग-अलग जेलों में आए कोरोना संक्रमित कैदियों की बात करें तो सबसे ज्यादा अलीराजपुर में 89, रायसेन की बरेली जेल में 64, जबलपुर में 45, ग्वालियर में 43, सिंगरौली में 21, वहीं राजगढ़ और उज्जैन में क्रमशः 11 और 8 कैदी मिला कर प्रदेश में 170 से ज्यादा कैदी कोरोना संक्रमित पाई गए हैं, जिनमें से 14 महिला कैदी शामिल हैं.

  • बरेली उपजेल में 64 कैदियों, 3 जेल प्रहरियों सहित 67 लोग कोरोना संक्रमित
  • ग्वालियर सेंट्रल जेल में 30 कैदियों में संक्रमण की पुष्टि, कुल 43 पॉजिटिव मामले
  • उज्जैन सेंट्रल जेल में कोरोना विस्फोट के बाद 8 कैदियों में संक्रमण की पुष्टि
  • अलीराजपुर में 89 कैदियों समेत 7 जेल कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि
  • सिंगरौली जेल में 21 से अधिक कैदियों में संक्रमण की पुष्टि
  • इसके अलावा शहड़ोल में 14 महिला कैदियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई

जेल स्टाप संक्रमित
ऐसा नहीं है कि संक्रमण का खतरा कैदियों तक ही सीमित रहा हो, वैश्विक महामारी के जद में जेलकर्मी भी आए हैं, जिनमें से रायसेन की बरेली जेल से 3 और अलीराजपुर की जेल से 7 जेल कर्मियों को कोरोना ने संक्रमित किया है.

वायरस रोकने के नए नियम

  • जेलों में भीड़ कम करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित हुई
  • सजायाफ्ता कैदियों को अधिकतम 60 दिन की पैरोल पर रिहा किया जाता था
  • जबकि विचाराधीन कैदियों को अधिकतम 45 दिन की अंतरिम जमानत मिलती थी
  • राज्य में कैदियों को बड़ी राहत दी गई, 120 दिन की आपात छुट्टी की घोषणा
  • मानवीय आधार पर प्रदेश की जेलों में बंद 8,000 कैदियों को राहत दिया गया
  • करीब 3,000 विचाराधीन बंदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत मिली
  • एमपी की जेलों में अब कोरोना की जांच के बाद ही नए कैदियों को प्रवेश मिलेगा
  • 31 अगस्त तक जेल में मुलाकात पर भी रोक है. इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
  • कई जेलों में ई-मुलाकात सेवा शुरू की गई है

नए कैदी ऐसे आते हैं जेल
कोरोना काल में बने नए नियमों को तहत नए कैदियों के लिए थ्री लेयर में व्यवस्था की गई है. जेल अधिकारियों के मुताबिक नए कैदियों का सबसे पहले आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जा रहा है. इसके बाद कैदी को अस्थाई जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. 4 दिन बाद फिर से आरटीपीसीआर टेस्ट कर नए कैदी को अस्थाई जेल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है, फिर क्वॉरेंटाइन की अवधि खत्म होने और कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिखने पर ही कैदी को मुख्य जेल में शिफ्ट किया जा रहा है.

सुरक्षा में कैदी का इलाज
राजधानी भोपाल में के पुरानी जेल में क्वारेन्टीन सेंटर आइसोलेशन वार्ड और अलग-अलग बैरक बनाए गए हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद अगर किसी भी कैदी में कोरोना के लक्ष्ण मिलते हैं तो उसे पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. अस्पतालों में ऐसे कैदियों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं. जहां 24 घंटे पुलिस और जेल विभाग के जवान सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक होने पर ही कैदियों को वापस मुख्य जेलों में भेजा जा रहा है.

प्रदेश की 37 जेलों में ई-मुलाकात की सुविधा
कोरोना संक्रमण के चलते कैदियों की परिजनों से मुलाकात पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है. अब कैदियों के लिए प्रदेश के 37 जेलों में ई-मुलाकात की शुरुआत की गई है. जिसके तहत जेल प्रबंधन कैदियों के परिजनों से वीडियो कॉल के जरिए कैदियों की बातचीत करवाता है. इसके अलावा जिन जिलों में यह मुलाकात की सुविधा नहीं है वहां दूरभाष के जरिए कैदियों की परिजनों से बात करवाई जा रही है.

पैरोल और अंतरिम जमानत पर किए गए हैं 8000 कैदी रिहा
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए जेल विभाग ने निर्णय लिया था कि 5 वर्ष या उससे कम की सजा वाले विचाराधीन कैदी और उम्र दराज कैदियों को पैरोल पर रिहा किया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश की जेलों से कुल 8000 कैदियों को रिहा किया गया है. जिनमें अंतरिम जमानत वाले कैदी 2700 कैदी शामिल हैं. पहले इन कैदियों को 60 दिन के पैरोल पर रिहा किया गया था लेकिन कोरोना के चलते शासन ने पैरोल की अवधि को बढ़ाकर 120 दिन कर दिया है, जिसके बाद अब अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में इन सभी कैदियों का वापस जेल में आने का सिलसिला शुरू होगा.

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