भोपाल। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर मंगलवार को मतदान संपन्न हो गए हैं. मतदान के बाद ईवीएम मशीनों और बैलेट पेपर की सुरक्षा में प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. तो वहीं बीजेपी कार्यकर्ता भी ईवीएम की सुरक्षा में लगे हुए हैं.दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मतदान के दिन से लेकर आज तक चुनाव क्षेत्रों से फीडबैक ले रहे हैं और मतगणना की तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं.
कमलनाथ ने मतदान के दिन देर रात तक लिया फीडबैक
मतदान के दिन कई जगह में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस मतगणना के दिन अतिरिक्त सतर्कता बरतने की तैयारी कर रही है. प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जब मंगलवार को जब मतदान शुरू हुआ था, तभी से लगातार उन्होंने पूरे प्रदेश के उम्मीदवार पदाधिकारी और जो मैदान पर काम कर रहे थे, उन लोगों से फीडबैक लिया. शाम को मतदान समाप्त हो गया, तब तक वो पीसीसी में बैठकर बात कर रहे थे. लगभग सभी सीटों पर फोन पर उन्होंने चर्चा भी की. सभी जगह से विजय होने के संकेत मिले हैं.
मतगणना के लिए एक विशेष सतर्कता रखेगी कांग्रेस
मतगणना को लेकर प्रदेश संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि मतगणना के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पहले ही उम्मीदवारों को निर्देशित कर दिया था. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि उम्मीदवार चुनाव लड़ता है, तो वह खुद सक्षम रहता है और सारी सावधानियां बरतता है. हम लोगों को इस बात की चिंता है कि दो-तीन विधानसभा में बहुत ज्यादा माहौल बनाया गया, दादागिरी की गई. मुरैना में गोली चली. उसको देखकर हमने कार्यकर्ताओं को सचेत रहने के लिए कहा है और कार्यकर्ताओं के सचेत रहने से मतगणना में धांधली नहीं हो पाती है.
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मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर मंगलवार को मतदान संपन्न हुए. वहीं बुधवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीएम शिवराज ने जीत को लेकर आश्वत नजर आए.कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की सारी योजनाएं बंद कर दी थी. उन्होंने कहा कि जनता का गुस्सा कांग्रेस के खिलाफ था. वहीं सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने विकास के सारे काम शुरू कर दिए. लिहाजा जनता बीजेपी के साथ खड़ी है.
ईवीएम पर गृह मंत्री का बयान
इससे पहले ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जब जब कांग्रेस सवाल उठाती है, तब यह समझ जाइए कि, कांग्रेस हारने वाली है. जब कोई मुद्दा नहीं बचता तब कांग्रेस सवाल उठाना शुरू कर देती है. क्योंकि जब उनकी जीत होती है, तो ईवीएम सही हो जाती है और जब हारते है, तो ईवीएम खराब हो जाती है. उन्होंने कमलनाथ के द्वारा कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में 7 घंटे वोटिंग की मॉनिटरिंग करने पर तंज कसते हुए कहा कि, पहले ही बैठक कर लेते, तो अभी नहीं बैठना पड़ता. उनका कहना है कि, 'मैने सुना है कार्यालय में मूवर एंड पैकर्स भी आए गया था, समान पैक करने वाला. इतनी भी जल्दी क्या है, 10 नवंबर तक प्रतिक्षा करें, आराम से 11 नवंबर को घर जाना'.
कुछ इस तरह है फिलहाल की विधानसभा
मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 खाली सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, 230 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में 202 सदस्य हैं, जिनमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. इस संख्या बल के लिहाज से भाजपा को 230 के सदन में बहुमत के लिए महज 9 सीटें और चाहिए, जबकि कांग्रेस को फिर से सत्ता हासिल करने के लिए उपचुनाव वाली सभी 28 सीटें जीतनी होंगी. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनमें से 25 सीटें तो कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है. विधायकों के निधन से खाली हुई तीन सीटों में भी दो सीटें पहले कांग्रेस के पास और एक सीट बीजेपी के पास थी.
28 सीटों में 16 सीट ग्वालियर-चंबल संभाग से थी
उपचुनाव में जिन 28 सीटों पर मतदान हुआ है, उसमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग से थी. जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने प्रभाव वाला इलाका बताते हैं, इसके अलावा 8 सीटें मालवा-निमाड़ अंचल की हैं, जो कि जनसंघ के जमाने से भाजपा का गढ़ रहा है, दो सीटें विंध्य इलाके की हैं और एक-एक सीट महाकौशल और भोपाल की है. वहीं उपचुनाव के इस रण में बीजेपी-कांग्रेस के अलावा बसपा, सपाक्स और शिवसेना भी हैं.