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मध्यप्रदेश के साथ हो रहे भेदभाव का आरोप, बीजेपी के 28 सांसदों का घेराव करेगी कांग्रेस

अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से उचित मदद ना मिलने और मध्यप्रदेश से भेदभाव को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश के 28 बीजेपी सांसदों का घेराव करेगी.

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बीजेपी के 28 सांसदों का घेराव करेगी कांग्रेस
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Published : Nov 28, 2019, 3:10 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 3:22 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से उचित मदद ना मिलने और मध्यप्रदेश से भेदभाव को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश के 28 बीजेपी सांसदों का घेराव करेगी. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने तमाम जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि आगामी 30 नवंबर से शांतिपूर्ण तरीके से स्थानीय सांसदों का घेराव करें और उनसे मांग करें कि उन्हें भी प्रदेश के लोगों ने चुनकर संसद में भेजा है, इसलिए यहां की जनता के प्रति अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें.

बीजेपी के 28 सांसदों का घेराव करेगी कांग्रेस

जिला अध्यक्षों को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लगभग एक साल के कार्यकाल में प्रदेश में विकास नजर आने लगा है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ लगातार भेदभाव कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश को अपेक्षा थी कि अतिवृष्टि और बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों और लोगों की मदद के लिए आगे आएगी. केंद्र की सरकार ने अपना हिस्सा जारी करने से साफ इनकार कर दिया है और कहा है कि पूर्व की सरकार ने पिछले तीन सीजन का प्रधानमंत्री फसल बीमा का राज्य का हिस्सा 2300 करोड़ रुपए नहीं दिया है, इसलिए वर्तमान की प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि नहीं दी जा सकती.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार और प्रदेश का भाजपा नेतृत्व निरंतर प्रदेश के किसानों, वंचित वर्ग के लोगों और आमजन के साथ भेदभाव कर रहा है. बेहद दुखद है कि प्रदेश में भाजपा के 28 सांसद चुनकर आए हैं, जो प्रदेश के साथ हो रहे अन्याय को ना सिर्फ मौन साधे देख रहे हैं, बल्कि प्रदेश के हक की आवाज भी केंद्र की भाजपा सरकार के सामने बुलंद नहीं कर रहे हैं, इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ये निर्णय लिया है कि आगामी 30 नवंबर को भाजपा के सभी सांसदों के कार्यालयों के सामने धरना-प्रदर्शन करके उन्हें जागृत किया जाए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से उचित मदद ना मिलने और मध्यप्रदेश से भेदभाव को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश के 28 बीजेपी सांसदों का घेराव करेगी. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने तमाम जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि आगामी 30 नवंबर से शांतिपूर्ण तरीके से स्थानीय सांसदों का घेराव करें और उनसे मांग करें कि उन्हें भी प्रदेश के लोगों ने चुनकर संसद में भेजा है, इसलिए यहां की जनता के प्रति अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें.

बीजेपी के 28 सांसदों का घेराव करेगी कांग्रेस

जिला अध्यक्षों को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लगभग एक साल के कार्यकाल में प्रदेश में विकास नजर आने लगा है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ लगातार भेदभाव कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश को अपेक्षा थी कि अतिवृष्टि और बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों और लोगों की मदद के लिए आगे आएगी. केंद्र की सरकार ने अपना हिस्सा जारी करने से साफ इनकार कर दिया है और कहा है कि पूर्व की सरकार ने पिछले तीन सीजन का प्रधानमंत्री फसल बीमा का राज्य का हिस्सा 2300 करोड़ रुपए नहीं दिया है, इसलिए वर्तमान की प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि नहीं दी जा सकती.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार और प्रदेश का भाजपा नेतृत्व निरंतर प्रदेश के किसानों, वंचित वर्ग के लोगों और आमजन के साथ भेदभाव कर रहा है. बेहद दुखद है कि प्रदेश में भाजपा के 28 सांसद चुनकर आए हैं, जो प्रदेश के साथ हो रहे अन्याय को ना सिर्फ मौन साधे देख रहे हैं, बल्कि प्रदेश के हक की आवाज भी केंद्र की भाजपा सरकार के सामने बुलंद नहीं कर रहे हैं, इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ये निर्णय लिया है कि आगामी 30 नवंबर को भाजपा के सभी सांसदों के कार्यालयों के सामने धरना-प्रदर्शन करके उन्हें जागृत किया जाए.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से उचित मदद ना मिलने और मध्य प्रदेश से भेदभाव को लेकर अब कांग्रेस मध्य प्रदेश के बीजेपी सांसदों का घेराव करेगी। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने तमाम जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि आगामी 30 नवंबर शांतिपूर्ण तरीके से स्थानीय सांसद का घेराव करें और उनसे मांग करें कि उन्हें भी प्रदेश के नागरिकों ने चुनकर संसद भेजा है। इसलिए प्रदेश के नागरिकों के प्रति अपने दायित्व एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें।


Body:जिला अध्यक्षों को लिखे पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश का विकास करने के लिए प्रतिबद्धता से संकल्पित है। लगभग 1 वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश में विकास नजर आने लगा है। मगर भाजपा की केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के साथ लगातार भेदभाव कर रही है।बीते वर्ष में प्रदेश के केंद्रीय करों के हिस्से में से 2677 करोड़ रुपए की एक बड़ी राशि केंद्र सरकार द्वारा कम कर दी गई है। इतना ही नहीं वर्ष 2018-19 में केंद्र प्रायोजित योजना में भी 6547 करोड़ रुपए की केंद्र की कटौती की गई है। साथ ही वर्ष 2019-20 में भी केंद्र प्रायोजित योजना जैसे सर्व शिक्षा अभियान,वृद्धावस्था पेंशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, कृषि विकास योजना सहित 22 योजनाओं में प्रदेश को 32713 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने सिर्फ 9045 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं।
कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश को अपेक्षा थी कि अतिवृष्टि और बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए केंद्र सरकार प्रदेश के किसानों और नागरिकों की मदद के लिए आगे आएगी। मगर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा 6621 करोड़ रुपए की मांग का ज्ञापन दिए जाने के बाद भी केंद्र की भाजपा सरकार ने मात्र 1000 करोड रुपए दिए हैं।मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की खरीद 2019 के लिए तत्काल राहत दी जाएगी।जिसके हेतु बीमा कंपनियों को प्रदेश के हिस्से के 509 करोड रुपए अग्रिम भुगतान कर दिए गए थे मगर केंद्र की सरकार ने अपना हिस्सा जारी करने से साफ इनकार कर दिया है और कहा है कि पूर्व सरकार ने पिछले तीन सीजन का प्रधानमंत्री फसल बीमा का राज्य का हिस्सा 2300 करोड़ रुपए नहीं दिया है। इसलिए वर्तमान की प्रधानमंत्री फसल बीमा की राशि नहीं दी जा सकती है।


Conclusion:कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर प्रदेश के किसानों से 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 73.7 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया। केंद्र सरकार ने यह कहकर 6.5 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीद के पैसे देने से इंकार कर दिया कि प्रदेश कांग्रेस सरकार किसानों को 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसलिए केंद्र सरकार उतने ही पैसे देगी जितना कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए गेहूं उपयोग में आता है। अर्थात लगभग 1400 करोड रुपए राज्य सरकार को अपने पास से खर्च करना पड़ रहा है। पहले ही प्रोत्साहन राशि के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। भावंतर भुगतान योजना के तहत 2018 से 1017 करोड़ रूपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को अब तक नहीं दिए गए हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार और प्रदेश का भाजपा नेतृत्व निरंतर प्रदेश के किसानों, वंचित वर्ग के नागरिकों और आमजन के साथ भेदभाव कर रहा है। बेहद दुखद है कि प्रदेश में भाजपा के 28 सांसद चुनकर आए हैं। जो प्रदेश के साथ हो रहे अन्याय को ना सिर्फ मौन साधे देख रहे हैं। अपितु प्रदेश के हक की आवाज भी केंद्र की भाजपा सरकार के सामने बुलंद नहीं कर रहे हैं।इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि आगामी शनिवार 30 नवंबर को भाजपा के सभी सांसदों के कार्यालयों के सम्मुख धरना प्रदर्शन करके उन्हें जागृत किया जाए कि वे प्रदेश के नागरिकों के प्रति अपने दायित्व एवं कर्तव्यों का निर्वहन करें। सांसद प्रदेश के हित में भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभाव को समाप्त करने के लिए उचित पहल करें।
Last Updated : Nov 28, 2019, 3:22 PM IST
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