भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं. मतदान से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से शिवराज सरकार के दो मंत्रियों को हटाने की मांग की है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट का विधायक ना रहते हुए, मंत्री बनने का कार्यकाल 20 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है. कांग्रेस का कहना है कि 20 अक्टूबर के पहले वो विधायक निर्वाचित नहीं हो पाएंगे. इसलिए उन्हें अभी पद से हटाया जाए. वहीं कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से कोविड-19 के मरीजों के लिए मतदान के अंतिम घंटे में मतदान कराने की जगह कोविड-19 के मरीजों के लिए अलग से मतदान केंद्र बनाने की मांग की है.
मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की बैठक में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और प्रभारी जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि जो कोविड के मरीज मतदान करने आएंगे, उनका तापमान ज्यादा होगा, तो उनको मतदान के लिए आखिरी घंटे में बुलाए जाने की बजाय नया मतदान केंद्र बनाया जाए, क्योंकि वो व्यक्ति जब भी आए और उसका अगर तापमान ज्यादा हो, तो उसे तुरंत दूसरे के मतदान केंद्र में मतदान कराया जाए. ताकि उसे दोबारा मतदान के लिए ना आना पड़े.
जेपी धनोपिया ने बताया कि उन्होंने ये भी कहा है कि सरकार में दो मंत्री ऐसे हैं, जिनका 6 माह का कार्यकाल 20 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत इस स्थिति में 6 महीने में विधायक बन ही नहीं सकते हैं, क्योंकि उनका चुनाव 3 नवंबर को होना है.
ऐसी स्थिति में उनको आगामी 20 दिन तक मंत्री पद पर बने रहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि संविधान की मंशा है कि जो व्यक्ति विधायक बने बिना मंत्री बनता है, उसे 6 महीने के अंदर विधायक बनना होता है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा संभव नहीं है. इसलिए आगामी कार्यकाल के लिए उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन की बात कही है.