भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए 28 उपचुनाव के पहले ही कांग्रेस ने 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक तय कर दी थी.आज शाम 6 बजे यह बैठक होने जा रही है. इस बैठक में कांग्रेस के विधायक को नवनिर्वाचित विधायक के अलावा उपचुनाव वाले जिला अध्यक्षों और उपचुनाव वाली सीटों के प्रभारियों को भी बुलाया गया है. बैठक में हार के कारणों पर मंथन होगा और आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा.
कांंग्रेस विधायकों के दल-बदल की आशंका
सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की बात करें तो कांग्रेस पर अभी भी दल बदल का खतरा मंडरा रहा है. चर्चा है कि आज की विधायक दल की बैठक में कई विधायक गैर हाजिर होने की संभावना है. इन विधायकों की संख्या करीब 6 बताई जा रही है. माना जा रहा है कि सभी 6 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि हमारा कोई भी विधायक बीजेपी के संपर्क में नहीं है. जहां तक बैठक में अनिवार्य उपस्थिति की बात है,तो हमने अनिवार्य भी नहीं किया है.
'दल-बदल से होगा नुकसान'
कांग्रेस का मानना है कि भाजपा के सेफ जोन में पहुंच जाने के बाद अगर अब कोई विधायक बगावत करके भाजपा का दामन थामता है तो उसका ही नुकसान है. ऐसे विधायकों को कुछ हासिल होने वाला नहीं है. ऐसी स्थिति में दल बदल कर विधायक अपना ही नुकसान करेंगे और उन्हें चुनाव में उतरना पड़ेगा.
कमलनाथ ने बुलाई बैठक
मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रभारी चंद्र प्रभास शेखर का कहना है कि आज की जो बैठक है, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बुलाई है. बैठक में विधायक दल के सदस्य और नवनिर्वाचित विधायक भी मौजूद रहेंगे. जिन जिलों में चुनाव हुए हैं, वहां के जिला कांग्रेस अध्यक्ष और जो प्रभारी हमने मनोनीत किए थे, उनको भी बुलाया गया है. बैठक में कोई विशेष चर्चा नहीं है. सब मिलेंगे-जुलेंगे, नए लोगों से परिचय होगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सभी को निर्देशित करेंगे कि हमें पूरी एकजुटता से कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाते हुए आने वाली चुनौतियों का सामना करना है. विपक्ष का जो दायित्व होता है, उसे निभाते हुए प्रदेश की जनता की आवाज को बुलंद करना है.
विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं
चंद्र प्रभास शेखर का कहना है कि हमारे कोई विधायक भाजपा के संपर्क में नहीं हैं. बैठक में भले ही व्यक्तिगत कारणों से नहीं आए जैसे अगर कोई बीमार है या परिवार में किसी के कोई कार्यक्रम हो और हमने भी नहीं कहा है कि बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होना है.
19 सीटों पर बीजेपी का कब्जा
मध्य प्रदेश उपचुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की है. कुल 28 में से सत्ताधारी पार्टी 19 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही है, तो वहीं कांग्रेस के खाते में महज नौ सीटों आईं हैं. इमरती देवी सहित कुल तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि चुनाव लड़ रहे 9 मंत्रियों ने जीत हासिल की है.