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उपचुनाव जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल करने की रणनीति बना रही कांग्रेस, दिग्गजों ने शुरू किया मंथन

मध्यप्रदेश में निर्दलीय और सपा-बसपा विधायकों के समर्थन से चल रही कांग्रेस पूर्ण बहुमत की रणनीति बना रही.जौरा और आगर उपचुनाव किसी भी कीमत पर जीतना चाहती है.

Congress is planning to win the by-elections
पूर्ण बहुमत हासिल करने की रणनीति बना रही कांग्रेस,
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Published : Feb 4, 2020, 8:26 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार निर्दलीय और सपा-बसपा विधायकों के समर्थन से चल रही है. बहुमत के आंकड़े से महज 2 सीट पीछे रह जाने के कारण कांग्रेस को निर्दलीय और दूसरे दलों के विधायकों का सहयोग लेना पड़ा है, लेकिन हाल ही में स्थिति कुछ ऐसी निर्मित हुई है कि कांग्रेस खुद बहुमत का आंकड़ा हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. पिछले दो महीनों में विधानसभा के दो विधायकों का निधन हो गया है. जिसमें जौरा विधायक कांग्रेस और आगर विधायक बीजेपी के थे.

पूर्ण बहुमत हासिल करने की रणनीति बना रही कांग्रेस,


दोनों दलों के एक-एक विधायक के निधन के बाद सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 पर पहुंच गई है. वहीं बीजेपी के विधायकों की संख्या 108 हो गई है. ऐसी स्थिति में सत्ताधारी दल कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करें और बहुमत के जादुई आंकड़े 116 पर पहुंच जाए. आगामी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस इसी रणनीति पर काम कर रही है और दिग्गज नेता किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं.


मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके प्रमुख सलाहकार दिग्विजय सिंह उप चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि किसी तरह इन दोनों सीटों को हासिल किया जाए और खुद की दम पर मध्य प्रदेश विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया जाए. मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश में 1 साल के काम के आधार पर प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से खुश है. हमने 350 से ज्यादा वचन एक साल में पूरे किए हैं. हमें उम्मीद है कि जौरा और आगर मालवा का चुनाव कांग्रेस जीतेगी.


उन्होंने कहा हमारे साथ अभी भी 122 विधायकों का समर्थन है. इसलिए बहुमत में कमी अल्पमत की स्थिति नहीं है, लेकिन पार्टी की स्थिति मजबूत होने से हमें लाभ मिलेगा. जनता का भी फायदा होगा. पार्टी और सरकार मजबूती से काम कर सकेगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार निर्दलीय और सपा-बसपा विधायकों के समर्थन से चल रही है. बहुमत के आंकड़े से महज 2 सीट पीछे रह जाने के कारण कांग्रेस को निर्दलीय और दूसरे दलों के विधायकों का सहयोग लेना पड़ा है, लेकिन हाल ही में स्थिति कुछ ऐसी निर्मित हुई है कि कांग्रेस खुद बहुमत का आंकड़ा हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. पिछले दो महीनों में विधानसभा के दो विधायकों का निधन हो गया है. जिसमें जौरा विधायक कांग्रेस और आगर विधायक बीजेपी के थे.

पूर्ण बहुमत हासिल करने की रणनीति बना रही कांग्रेस,


दोनों दलों के एक-एक विधायक के निधन के बाद सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 पर पहुंच गई है. वहीं बीजेपी के विधायकों की संख्या 108 हो गई है. ऐसी स्थिति में सत्ताधारी दल कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करें और बहुमत के जादुई आंकड़े 116 पर पहुंच जाए. आगामी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस इसी रणनीति पर काम कर रही है और दिग्गज नेता किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं.


मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके प्रमुख सलाहकार दिग्विजय सिंह उप चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि किसी तरह इन दोनों सीटों को हासिल किया जाए और खुद की दम पर मध्य प्रदेश विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया जाए. मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश में 1 साल के काम के आधार पर प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से खुश है. हमने 350 से ज्यादा वचन एक साल में पूरे किए हैं. हमें उम्मीद है कि जौरा और आगर मालवा का चुनाव कांग्रेस जीतेगी.


उन्होंने कहा हमारे साथ अभी भी 122 विधायकों का समर्थन है. इसलिए बहुमत में कमी अल्पमत की स्थिति नहीं है, लेकिन पार्टी की स्थिति मजबूत होने से हमें लाभ मिलेगा. जनता का भी फायदा होगा. पार्टी और सरकार मजबूती से काम कर सकेगी.

Intro:भोपाल। मप्र की कांग्रेस सरकार निर्दलीय और सपा-बसपा विधायकों के समर्थन से चल रही है। बहुमत के आंकड़े से महज 2 सीट पीछे रह जाने के कारण कांग्रेस को निर्दलीय और दूसरे दलों के विधायकों का सहयोग लेना पड़ा है। लेकिन हाल ही में स्थिति कुछ ऐसी निर्मित हुई है कि कांग्रेस खुद बहुमत का आंकड़ा हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। दरअसल पिछले 2 महीनों में मप्र विधानसभा के 2 विधायकों का निधन हो गया है। जिसमें जोरा विधायक कांग्रेस और आगर विधायक बीजेपी के थे। दोनों दलों के एक-एक विधायक के निधन के बाद सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायकों की संख्या जहां 114 पहुंच गई है।वहीं बीजेपी के विधायकों की संख्या 108 हो गई है। ऐसी स्थिति में सत्ताधारी दल कांग्रेस की कोशिश है कि दोनों उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करें और बहुमत के जादुई आंकड़े 116 पर पहुंच जाएं।आगामी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस इसी रणनीति पर काम कर रही है और दिग्गज नेता किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं।


Body:दरअसल नवंबर-दिसंबर 2018 में जब मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे। चुनाव परिणाम में कांग्रेस जहां 114 सीटें जीती थी। वहीं बीजेपी को 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार,एक सपा और दो बसपा के उम्मीदवार चुनाव जीते थे। कांग्रेस ने चार निर्दलीय और तीन सपा बसपा के विधायकों की मदद से सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की थी। लोकसभा चुनाव में झाबुआ विधायक जी एस डामोर को बीजेपी ने मैदान में उतारा था और चुनाव जीत जाने के कारण वह लोकसभा पहुंच गए थे। जी एस डामोर के इस्तीफे के कारण झाबुआ में फिर उपचुनाव हुए और कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने भाजपा से यही सीट छीनने में सफलता हासिल की थी।
इस तरह से सत्ताधारी दल कांग्रेस की सीटें 115 हो गई थी और मुख्य विपक्ष बीजेपी की सीटें 109 से घटकर 108 हो गई थी। लेकिन दिसंबर माह में मुरैना जिला के जौरा विधानसभा के कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का बीमारी के चलते निधन हो गया। तो कांग्रेस फिर 114 सीटों के आंकड़े पर पहुंच गई। जोरा विधायक के निधन के बाद कांग्रेस अपनी सीट बचाने की रणनीति बना रही थी। लेकिन दूसरी तरफ आगर से बीजेपी विधायक मनोहर ऊंटवाल का निधन हो गया। इस तरह बीजेपी की सीटें 108 से घटकर 107 हो गई। आगर सीट खाली हो जाने के बाद अब कांग्रेस ऐसी रणनीति पर काम कर रही है कि वह दोनों उपचुनाव जीतकर बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 हासिल कर ले। इस रणनीति के तहत कांग्रेस को जहां अपनी जोरा सीट को बचाना होगा। तो बीजेपी के हाथों से आगर सीट को हासिल करना होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके प्रमुख सलाहकार दिग्विजय सिंह उप चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि किसी तरह इन दोनों सीटों को हासिल किया जाए और खुद की दम पर मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया जाए।


Conclusion:मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में 1 साल के काम के आधार पर प्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से खुश है। हमने 350 से ज्यादा वचन 1 साल में पूरे किए हैं। हमें उम्मीद है कि जोरा और आगर मालवा का चुनाव कांग्रेस जीतेगी। जिस तरह से झाबुआ की जनता ने अपनी गलती में सुधार किया और कांग्रेस को मौका दिया। उसी तरह आगर मालवा का चुनावी कांग्रेस जीतेगी। जोरा हमारी ही सीट थी, वहां के विधायक ने बहुत अच्छा काम किया था। उनके काम का लाभ भी कांग्रेस पार्टी को मिलेगा। साथ ही यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि दोनों सीट जीतने के बाद कांग्रेस की विधानसभा में 116 सीट हो जाएंगी, जो कि अपने आप में पूर्ण बहुमत है। इससे भाजपा को मनोवैज्ञानिक रूप से धक्का भी लगेगा। हालांकि हमारे साथ अभी भी 122 विधायकों का समर्थन है। इसलिए बहुमत में कमी अल्पमत की स्थिति नहीं है। लेकिन पार्टी की स्थिति मजबूत होने से हमें लाभ मिलेगा। जनता का भी फायदा होगा। पार्टी और सरकार मजबूती से काम कर सकेगी।
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