भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार में बिजली कटौती का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. वक्त-बेवक्त जाने वाली बिजली के कारण कांग्रेस सरकार की ऐन चुनाव के समय किरकिरी हो रही है. जनता के साथ-साथ इस मुद्दे पर लगातार बीजेपी कमलनाथ सरकार को घेर रही है. वहीं कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि कहीं ना कहीं आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर बड़ी संख्या में बीजेपी के समर्थक और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है, जिसका पता लगाया जा रहा है.
नरेंद्र सलूजा ने कहा कि अभी तक 492 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. जहां भी बिजली उपलब्धता होने के बाद भी वितरण में गड़बड़ी या जानबूझकर कर बिजली काटी जा रही है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बिजली की उपलब्धता 14,500 मेगावाट है, खपत 9500 मेगावाट है. प्रदेश में सरप्लस बिजली है. इस स्थिति में कोई साजिश करेगा, तो हम छोड़ेंगे नहीं.
नरेंद्र सलूजा ने कहा कि हर परिवार को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने को लेकर हम दृढ़संकल्प हैं. हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं. उसमें जो भी बाधा आएगी, हम उसे दूर करेंगे. दरअसल प्रदेश के पास सरप्लस बिजली है, उसके बाद भी लगातार हो रही कटौती को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही जांच के आदेश दिए थे. जांच में बड़े पैमाने पर बिजली कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने पर सरकार ने 492 कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की थी. इसके बाद भी बिजली कटौती का सिलसिला नहीं रुक रहा है.