भोपाल। कुपोषण में सबसे बदनाम सूबे के दाग धोने के लिए अब सरकार ने ई-लर्निंग एप आंगनबाड़ी शिक्षा का सहारा लिया है. सरकार इस एप की मदद से प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देगी. इस ऐप में गेम क्विज और फिल्म को भी शामिल किया गया है, जिसके जरिए पालकों को घर पर मौजूद खाद सामग्री से बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बनाने की जानकारी दी जाएगी.
तमाम कोशिशों के बाद भी सरकार कुपोषण का दाग नहीं मिटा पाई है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संस्था जीआई जेड की मदद से ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 'आंगनबाड़ी शिक्षा' लॉन्च किया है. पाठ्यक्रम में प्रदेश के सभी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है. यह प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग देंगे.
ट्रेनिंग के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने वार्ड और मोहल्ले की महिलाओं को मोबाइल एप पर वीडियो दिखाकर बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक करेंगे. ऐप में गेम क्विज फिल्म आदि को भी शामिल किया गया है, जिसके जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आसान तरीके से मालिकों को बताएंगे कि कैसे घर में मौजूद खाद्य सामग्री से बच्चों के लिए पोष्टिक आहार बनाया जा सकता है.
एप से बच्चों को जानकारी देना होगा आसान
ई-लर्निंग में कई मॉड्यूल तैयार किए गए हैं, इसके जरिए बच्चों की विकास का वर्णन दिया जा सकेगा. साथ ही कुपोषण के प्रकार और दुष्प्रभाव की जानकारी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अपडेट किया जाएगा, बच्चों के लिए पोषक तत्वों की जानकारी दी जाएगी.
कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए पूर्ववर्ती शिवराज सरकार भी कई कोशिश कर चुकी है. पोषण आहार के लिए बच्चों को मुनगा खिलाने का शिगूफा भी पूर्व सरकार ने छोड़ा था और गांव में मुनगा लगाने के दावे किए गए थे लेकिन यह सभी दावे हवा-हवाई साबित हुए, अब देखना होगा सरकार की इस नई पहल का जमीनी स्तर पर कितना असर दिखाई देता है.