भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के दौरान शुरू की गई बहुचर्चित लैपटॉप योजना को लेकर संशय बना हुआ है. यह योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है, बजट की कमी के चलते कांग्रेस सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पा रही है. यही वजह है कि 12वीं में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को अभी तक लैपटॉप का वितरण नहीं किया जा सका है.
क्या है पूरा मामला
- बीजेपी सरकार के दौरान शुरू की गई बहुचर्चित लैपटॉप योजना को लेकर संशय बना हुआ है.
- बजट की कमी के चलते कांग्रेस सरकार इस योजन पर फैसला नहीं ले पा रही है.
- जिसके चलते 12 वीं 75 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्रों को अभी तक लैपटॉप का वितरण नहीं हो पाया है.
- पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में यह योजना लागू की थी.
- इस योजना का नाम 'मेधावी छात्र योजना' रखा गया था.
- योजना में 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले सभी छात्रों को लैपटॉप के लिए 25 हजार रुपये दिए जाते थे.
- 2009-10 में प्रतिभाशाली छात्रों की संख्या 473 थी.
- यह संख्या 2017-2018 में बढ़कर 22 हजार 36 तक पहुंच गई
- 75 फीसदी से ज्यादा अंक हाशिल करने वाले छात्रों को तत्कालीन शिवराज सरकार ने प्रोत्सहित करते हुए लैपटॉप के लिए 25 हजार की राशि दी.
इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि बजट के आधार पर इस योजना पर फैसला लिया जाएगा. बता दें कांग्रेस ने सत्ता संभालने के बाद से अब तक करीब 7 हजार करोड़ का कर्ज लिया है.