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राज्यपाल से मिले बीजेपी के जनप्रतिनिधि, निकाय चुनावों में किए गए बदलाव का किया विरोध - Madhya Pradesh News

बीजेपी के नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में किए जा रहे बदलाव का विरोध किया.

नगरीय निकाय एक्ट को लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने
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Published : Oct 5, 2019, 1:14 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 2:26 PM IST

भोपाल। नगरीय निकाय एक्ट के विरोध में बीजेपी ने अब झंण्डा बुलंद कर लिया है. बीजेपी के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में किए जा रहे बदलाव पर ऐतराज जताया. बीजेपी का आरोप है कि यह संविधान के 74 वें संशोधन के अनुसार नहीं हैं यह निर्णय गैर कानूनी और गैर लोकतांत्रिक हैं.

राज्यपाल से मिले बीजेपी के जनप्रतिनिधि

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के विरोध पर पलटवार करते हुए कहा कि आलोक शर्मा भोपाल नगर निगम के महापौर हैं. उन्होंने महापौर रहते हुए कब जनता की चिंता की है. कब पार्षदों की चिंता की है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भोपाल महापौर ने विधायकों की भी चिंता नहीं की.

कांग्रेस प्रवक्ता ने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर ने निगम को तानाशाह रवैये से चलाया. महापौर ने निगम में दूसरे जनप्रतिनिधियों को कभी परवाह ही नहीं की. महापौर के क्षेत्र में विकास का कोई भी काम नहीं हुआ है.

भोपाल। नगरीय निकाय एक्ट के विरोध में बीजेपी ने अब झंण्डा बुलंद कर लिया है. बीजेपी के जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में किए जा रहे बदलाव पर ऐतराज जताया. बीजेपी का आरोप है कि यह संविधान के 74 वें संशोधन के अनुसार नहीं हैं यह निर्णय गैर कानूनी और गैर लोकतांत्रिक हैं.

राज्यपाल से मिले बीजेपी के जनप्रतिनिधि

वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के विरोध पर पलटवार करते हुए कहा कि आलोक शर्मा भोपाल नगर निगम के महापौर हैं. उन्होंने महापौर रहते हुए कब जनता की चिंता की है. कब पार्षदों की चिंता की है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भोपाल महापौर ने विधायकों की भी चिंता नहीं की.

कांग्रेस प्रवक्ता ने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर ने निगम को तानाशाह रवैये से चलाया. महापौर ने निगम में दूसरे जनप्रतिनिधियों को कभी परवाह ही नहीं की. महापौर के क्षेत्र में विकास का कोई भी काम नहीं हुआ है.

Intro:भोपाल। भाजपा के नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों ने आज राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नगरीय निकाय एक्ट में किए जा रहे बदलाव का विरोध किया है। दरअसल कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि अब नगर निगम के महापौर और नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा ना होकर जनता द्वारा चुने गए पार्षदों के जरिए होगा। कमलनाथ सरकार के इस फैसले को कैबिनेट मंजूरी भी मिल गई है। इस फैसले का विरोध बीजेपी इस आधार पर कर रही है कि यह संविधान के 74 वें संशोधन के अनुसार नहीं हैं और यह गैर प्रजातांत्रिक है। इस फैसले से विधायकों की खरीद-फरोख्त होगी और जो महापौर और अध्यक्ष बनेंगे। वह सीधे जनता से चुनकर नहीं आएंगे, तो जनहित के कार्यों पर ध्यान नहीं देंगे।


Body:बीजेपी के विरोध पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रकाश जैन का कहना है कि आलोक शर्मा जो भोपाल के महापौर हैं। उन्होंने महापौर रहते हुए कब जनता की चिंता की है।कब पार्षदों की चिंता की है। यहां तक कि उन्होंने तो विधायकों की भी चिंता नहीं की। क्योंकि वह भले ही जनता से चुने हुए महापौर हैं।लेकिन वह इस बात को जान गए हैं कि आरक्षण के चलते अगली बार आरक्षण की स्थिति बदलने पर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने तानाशाही रवैया से नगर निगम चलाया है।जनता के चुने हुए दूसरे प्रतिनिधि तो नगर निगम हैं। उनकी चिंता तो कभी इन्होंने नहीं पाली। उनके कहने से उनके इलाकों में विकास के काम भी नहीं किए। उनकी सोच ये बन गई थी कि निगम का महापौर और नगर पालिका और नगर परिषद का अध्यक्ष तानाशाह बन कर काम कर सकता है। क्योंकि यह चुनी हुई संस्थाएं हैं, यहां प्रजातांत्रिक तरीके से काम होना चाहिए, जनप्रतिनिधियों की सुनी जानी चाहिए। उनके इलाके में विकास के काम होना चाहिए। इसके लिए उनके द्वारा चुना हुआ जनप्रतिनिधि होगा, तो विकास बेहतर तरीके से होगा।


Conclusion:आगे उन्होंने कहा कि हमारे देश में नगर निगम और नगर पालिका से बड़ी संस्था जिला पंचायत है। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं होता है,जिला प्रतिनिधियों द्वारा होता है। मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक और प्रधानमंत्री का चुनाव सांसद करते हैं। इसमें यदि महापौर और अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करते हैं, तो तकलीफ क्या है। यह कौन सा गैर प्रजातांत्रिक कदम है। क्योंकि उनके दिमाग में सिर्फ लोगों को बरगलाना है,तो वह बेवजह राज्यपाल को ज्ञापन देने गए थे।
Last Updated : Oct 5, 2019, 2:26 PM IST
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