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गांधी की विचारधारा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने, दोनों दलों में मची कार्यक्रम की होड़

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Published : Oct 1, 2019, 10:05 PM IST

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बीजेपी- कांग्रेस कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. इन आयोजनों की होड़ में राजनीतिक दल एक दूसरे पर गांधी की विचारधारा को लेकर अपने- अपने दांवे पेश किए हैं.

गांधी की विचारधारा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

भोपाल। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश और दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी बीजेपी और कांग्रेस में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. इन आयोजनों की होड़ को लेकर दोनों राजनीतिक दल आरोप- प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि गांधी के शरीर को भले ही नाथूराम गोडसे ने मारा हो, लेकिन उनकी विचारों और आत्मा की हत्या कांग्रेस ने की है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि जो बीजेपी की विचारधारा है, वह गांधी की कभी नहीं हो सकती है. उसी विचारधारा ने ही गांधी की हत्या की थी और बीजेपी का अस्तित्व उसी विचारधारा पर टिका हुआ है. प्रज्ञा ठाकुर इसका जीता जागता उदाहरण है.

गांधी की विचारधारा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, हम गांधी के नाम का उपयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि गांधी जी के विचारों को लेकर आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं. गांधी के शरीर की हत्या नाथूराम गोडसे ने की और गांधी के विचारों की हत्या कांग्रेस ने की. उन्होंने कहा कि खादी को केवल प्रदर्शन की वस्तु मानते हैं. यह शराबबंदी केवल नारों में ढूंढते हैं और शराब आराम से उपलब्ध करा रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गांधी सबके हैं, किसी के पेटेंट नहीं है. इस देश की विरासत हैं और इस देश की आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपना होगा.

वहीं बीजेपी के आरोपों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान का कहना है कि, बीजेपी सबसे पहले यह बात अच्छे से समझ ले, कि बेशक गांधीजी सबके हैं, हर एक भारतीय के हैं, लेकिन जो बीजेपी की विचारधारा है, उसके नहीं हो सकते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कि बीजेपी की विचारधारा का नतीजा था, जो गांधी जी की हत्या करी गई. ये वही विचारधारा थी, जिस पर बीजेपी का पूरा अस्तित्व टिका हुआ है. उसी विचारधारा के चलते साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने किस तरह की अपमान जनक भाषा का उपयोग गांधी जी के बारे में किया था. उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी स्पष्ट करें कि वो किस विचारधारा के लोग हैं.

भोपाल। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश और दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी बीजेपी और कांग्रेस में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. इन आयोजनों की होड़ को लेकर दोनों राजनीतिक दल आरोप- प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि गांधी के शरीर को भले ही नाथूराम गोडसे ने मारा हो, लेकिन उनकी विचारों और आत्मा की हत्या कांग्रेस ने की है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि जो बीजेपी की विचारधारा है, वह गांधी की कभी नहीं हो सकती है. उसी विचारधारा ने ही गांधी की हत्या की थी और बीजेपी का अस्तित्व उसी विचारधारा पर टिका हुआ है. प्रज्ञा ठाकुर इसका जीता जागता उदाहरण है.

गांधी की विचारधारा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, हम गांधी के नाम का उपयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि गांधी जी के विचारों को लेकर आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं. गांधी के शरीर की हत्या नाथूराम गोडसे ने की और गांधी के विचारों की हत्या कांग्रेस ने की. उन्होंने कहा कि खादी को केवल प्रदर्शन की वस्तु मानते हैं. यह शराबबंदी केवल नारों में ढूंढते हैं और शराब आराम से उपलब्ध करा रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गांधी सबके हैं, किसी के पेटेंट नहीं है. इस देश की विरासत हैं और इस देश की आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपना होगा.

वहीं बीजेपी के आरोपों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान का कहना है कि, बीजेपी सबसे पहले यह बात अच्छे से समझ ले, कि बेशक गांधीजी सबके हैं, हर एक भारतीय के हैं, लेकिन जो बीजेपी की विचारधारा है, उसके नहीं हो सकते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कि बीजेपी की विचारधारा का नतीजा था, जो गांधी जी की हत्या करी गई. ये वही विचारधारा थी, जिस पर बीजेपी का पूरा अस्तित्व टिका हुआ है. उसी विचारधारा के चलते साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने किस तरह की अपमान जनक भाषा का उपयोग गांधी जी के बारे में किया था. उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी स्पष्ट करें कि वो किस विचारधारा के लोग हैं.

Intro:भोपाल। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर देश और दुनिया में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी भाजपा और सत्ताधारी दल कांग्रेस में महात्मा गांधी की 150 वी जयंती पर कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। इन आयोजनों की होड़ को लेकर दोनों राजनीतिक दल आरोप- प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि गांधी के शरीर को भले ही नाथूराम गोडसे ने मारा हो, लेकिन उनकी विचारों और आत्मा की हत्या कांग्रेस ने की है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि जो भाजपा की विचारधारा है। वह गांधी की कभी नहीं हो सकती है। उसी विचारधारा ने ही गांधी की हत्या की थी और बीजेपी का अस्तित्व उसी विचारधारा पर टिका हुआ है। प्रज्ञा ठाकुर इसका जीता जागता उदाहरण है।


Body:इन आरोप-प्रत्यारोप की होड़ में मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि हम गांधी के नाम का उपयोग नहीं कर रहे हैं। गांधी के विचारों को लेकर आगे बढ़ने का काम हो रहा है। गांधी के शरीर की हत्या नाथूराम गोडसे ने की और गांधी के विचारों की हत्या कांग्रेस ने की। सरकारों में रहते हुए और विपक्ष में रहकर की। जब-जब जहां-जहां यह सरकार में रहते हैं, गांधी के विचारों की हत्या करते हैं। यह खादी को केवल प्रदर्शन की वस्तु मानते हैं। यह शराबबंदी केवल नारों में ढूंढते हैं। यह गांव और गरीबों के सशक्तिकरण केवल जुमले में ढूंढते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 का संकल्प लेकर आगे बढ़ने का काम किया है। गांव की मजबूती गरीबों की मजबूती है, ग्रामीण विकास का ढाई सौ गुना बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। इन्होंने तो मध्यप्रदेश की पंचायतों के 700 करोड़ रुपए रोक दिए, बोले हम नहीं देंगे। गांव में विकास कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। शराब सहज उपलब्ध करा दी है। एक दूसरे पर अवैध शराब बिक्री के आरोप लग रहे हैं। तो यह गांधी जी का कौन सा सिद्धांत और विचार मानने वाले लोग हैं। मुझे लगता है कि विचार अपने ऊपर करें तो अच्छा है। गांधी सबके हैं, किसी के पेटेंट नहीं है। इस देश की विरासत हैं और इस देश की आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपना होगा।


Conclusion:वहीं भाजपा के आरोपों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज खान का कहना है कि भाजपा सबसे पहले यह बात अच्छे से समझ ले, कि बेशक गांधीजी सबके हैं, हर एक भारतीय के हैं। लेकिन जो भाजपा की विचारधारा है, उसके नहीं हो सकते हैं। क्योंकि उस विचारधारा का नतीजा था, जो गांधी जी की हत्या करी गई। ये वही विचारधारा थी, जिस पर बीजेपी का पूरा अस्तित्व टिका हुआ है। पहले तो यह समझें कि उसी विचारधारा के चलते साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने किस तरह की अपमान जनक भाषा का उपयोग गांधीजी के बारे में किया था। इतना बड़ा बहुमत भाजपा के पास है, एक सांसद को हटा देते,तो क्या होता। देश और दुनिया में बड़ा संदेश जाता, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। आए दिन भाजपा के बड़े नेता चाहे साक्षी महाराज हो चाहे अनिल विज, यह सब महात्मा गांधी के विरोध में बयानबाजी करते हैं। आज तक क्या हुआ। आप उस विचारधारा को पाल रहे हो उसी विचारधारा पर आपकी पूरी नींव टिकी हुई है। पहले स्पष्ट करिए आप किस विचारधारा के हैं। यह विचारधारा गांधीजी की नहीं है। हम गांधीजी के पीछे चलने वाले हमेशा से रहे हैं,हम उनके अनुयायी हैं। कांग्रेस पार्टी को बताने की जरूरत नहीं है,हम जो कर रहे हैं, शुरू से करते आए हैं।
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