भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल के क्षेत्रफल को देखते हुए दो नगर निगम बनाने की बात कही है. जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने आ गई हैं. भारतीय जनता पार्टी ने सीएम के इस फैसले का विरोध करने का मन बना लिया है. महापौर आलोक शर्मा ने दो नगर निगम बनाने के मुख्यमंत्री के निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने इस फैसले को भोपाल के विकास को बाधित करने वाला फैसला बताया है.
कांग्रेस के पूर्व महापौर प्रत्याशी कैलाश मिश्रा ने भोपाल महापौर को घेरते हुए कहा कि भोपाल नगर निगम के 2 हिस्से होते हैं तो इससे भोपाल का विकास होगा और जहां तक खर्चे की बात है, तो खर्चा ना के बराबर है. क्योंकि भोपाल के सभी वार्डों और जोन में पहले से ही नगर निगम के कार्यालय बने है. वहां नए नगर निगम के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना होगा. बल्कि इससे स्थानीय समस्याओं को और करीब से देखने और समझने का नगर निगम को मौका मिलेगा.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इंदौर की अपेक्षा भोपाल का क्षेत्रफल अधिक है. जहां तक देश में अन्य शहरों की बात करें, तो पहले भी कई शहरों में दो-दो नगर निगम बनी हुई है. उन शहरों का अधिक तेजी के साथ विकास हो पाया है.
वार्डों के दौरे को लेकर घिरे महापौर
कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने बताया कि आज तक भोपाल के प्रथम नागरिक महापौर आलोक शर्मा ने भोपाल नगर निगम में आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्र के वार्डों में जाकर वहां के स्थानीय समस्याओं को जाना तक नहीं है, तो वे भोपाल का विकास कैसे कर पाते. पहले भोपाल के सभी वार्डों में जाकर महापौर देखें उसके बाद भोपाल के विकास की बात करें.