भोपाल। रविवार को होने वाले शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को अब विचार करना चाहिए कि मंत्रिमंडल में भाजपा का कुनबा कितना घटेगा और सिंधिया का कुनबा कितना बढ़ेगा. कार्यकर्ताओं की पार्टी कहीं जाने वाली बीजेपी में कार्यकर्ताओं की साख दांव पर लगी हुई है.
रविवार को होगा शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार
मध्य प्रदेश में नवंबर माह में हुए उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. खास तौर पर सिंधिया समर्थक विधायकों के मंत्री बनने को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव और बार-बार भोपाल के दौरे के बाद आखिरकार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सहमति बन गई है. रविवार को हो रहे मंत्रिमंडल विस्तार में यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने भाजपा विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलता है और कितने सिंधिया समर्थक मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं.
गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट के लिए सिंधिया थे परेशान
कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो खास समर्थक गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट के लिए शिवराज सरकार बनने पर पहली बार में ही मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. लेकिन उपचुनाव पर होने के पहले ही दोनों मंत्रियों का गैर विधायक मंत्री बने रहने वाला 6 महीने का कार्यकाल समाप्त हो गया. दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा. उपचुनाव के परिणाम 11 नवंबर को आ गए थे, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो रही देरी के कारण सिंधिया को बार-बार भोपाल के चक्कर काटने पड़े थे. अब जब मंत्रिमंडल विस्तार तय हो गया है, तब चर्चा चल रही है कि सिंधिया समर्थक दोनों मंत्रियों को विस्तार में जरूर स्थान मिलेगा.
बीजेपी ने कार्यकर्ताओं की साख लगाई दांव पर
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि मुझे लगता है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा को विचार करना चाहिए कि भाजपा का कुनबा कितना घटेगा और सिंधिया का कुनबा कितना बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि भाजपा के खाटी कार्यकर्ता और 5-5 और 6-6 बार के विधायकों की उन मंत्रियों के बंगले के सामने पांच 5-5 घंटे खड़े होकर कूबड़ निकल आई है, जो पहली बार में ही विधायक बन गए. अपने आप को कार्यकर्ताओं की पार्टी कहने वाली भाजपा कहीं ना कहीं किसी तरीके से अपने कार्यकर्ताओं की साख दांव पर लगा बैठी है. इस मंत्रिमंडल विस्तार से यह बात समझ आएगी कि सिर्फ सिंधिया के मंत्री बनेंगे या भाजपा के कार्यकर्ताओं से भी कोई मंत्री बनेगा, सवाल इस बात का है.