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प्रदेश कांग्रेस संगठन से नाराज चल रहे हैं दीपक बावरिया, 'अनुशासनहीनता करने वालों पर होगी कार्रवाई' - कांग्रेस सराकर

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया प्रदेश के कांग्रेस संगठन से नाराज बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि बावरिया पिछले दिनों पार्टी में सार्वजनिक तौर पर हुई अनर्गल बयानबाजी और अनुशासनहीनता से खासे नाराज हैं. जिसके बाद उन्होंने साफ तौर पर हिदायत दी है, कि अब अगर पार्टी में अनुशासनहीनता हुई तो कार्रवाई की जाएगी.

अनर्गल बयानबाजी से दीपक बाबरिया नाराज
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Published : Sep 30, 2019, 11:52 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:14 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया पार्टी संगठन में सार्वजनिक अनर्गल बयानबाजी और अनुशासनहीनता से नाराज बताए जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले भोपाल दौरे पर आए दीपक बावरिया ने पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साफ तौर पर हिदायत दी है कि अगर अनुशासनहीनता हुई, तो कार्रवाई की जाएगी.

अनर्गल बयानबाजी से दीपक बाबरिया नाराज

कांग्रेस सूत्रों की माने तो केंद्रीय संगठन और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में हो रही हरकतों से नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने प्रदेश संगठन को जताया है, कि अगर अब ऐसे मामले आए, तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्रदेश संगठन भी केंद्रीय संगठन का संदेश मानकर पार्टी में अनुशासनहीनता पर नजर रखे हुए है.

मामले में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि 'दो- तीन शिकायतें हर महीने आती हैं, जिन पर कार्रवाई हुई है. जहां तक बावरिया जी का सवाल है, तो उन्होंने व्यापक रूप से कहा है कि कोई अनुशासनहीनता करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी'.

दरअसल कांग्रेस का हर कार्यकर्ता अब पार्टी में महत्त्व चाहता है. लेकिन संगठन में किसी एक व्यक्ति के मनमाफिक काम न होने के कारण सार्वजनिक बयानबाजी और अनुशासनहीनता हो रही है. खासकर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रदेश संगठन में घमासान देखने को मिल रहा है. दावेदार नेताओं के समर्थक अनुशासन को ताक पर रखकर दावेदारी के लिए तरह- तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. जिसमें सिंधिया गुट के नेता, विधायक और मंत्री तो खुलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर लगातार अनुशासन की सीमा लांघ रहे हैं.

दिग्विजय सिंह और सिंघार के विवाद ने भी पकड़ा था तूल
मामला तब और बिगड़ा जब कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच का विवाद खुलकर सामने आ गया. मामले में केंद्रीय संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा था. उमंग सिंघार को फटकार के बाद केंद्रीय अनुशासन समिति को मामला सौंप दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद जब पहली बार दीपक बावरिया 22 सितंबर को राजधानी पहुंचे, तो कार्यक्रम में विषय से हटकर उन्होंने सीधे तौर पर संदेश दिया कि अगर पार्टी में अनर्गल बयानबाजी और अनुशासनहीनता देखने को मिली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं कार्यक्रम के दौरान भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद दीपक बावरिया से उलझ गए.

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया पार्टी संगठन में सार्वजनिक अनर्गल बयानबाजी और अनुशासनहीनता से नाराज बताए जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले भोपाल दौरे पर आए दीपक बावरिया ने पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साफ तौर पर हिदायत दी है कि अगर अनुशासनहीनता हुई, तो कार्रवाई की जाएगी.

अनर्गल बयानबाजी से दीपक बाबरिया नाराज

कांग्रेस सूत्रों की माने तो केंद्रीय संगठन और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में हो रही हरकतों से नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने प्रदेश संगठन को जताया है, कि अगर अब ऐसे मामले आए, तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्रदेश संगठन भी केंद्रीय संगठन का संदेश मानकर पार्टी में अनुशासनहीनता पर नजर रखे हुए है.

मामले में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि 'दो- तीन शिकायतें हर महीने आती हैं, जिन पर कार्रवाई हुई है. जहां तक बावरिया जी का सवाल है, तो उन्होंने व्यापक रूप से कहा है कि कोई अनुशासनहीनता करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी'.

दरअसल कांग्रेस का हर कार्यकर्ता अब पार्टी में महत्त्व चाहता है. लेकिन संगठन में किसी एक व्यक्ति के मनमाफिक काम न होने के कारण सार्वजनिक बयानबाजी और अनुशासनहीनता हो रही है. खासकर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रदेश संगठन में घमासान देखने को मिल रहा है. दावेदार नेताओं के समर्थक अनुशासन को ताक पर रखकर दावेदारी के लिए तरह- तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. जिसमें सिंधिया गुट के नेता, विधायक और मंत्री तो खुलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर लगातार अनुशासन की सीमा लांघ रहे हैं.

दिग्विजय सिंह और सिंघार के विवाद ने भी पकड़ा था तूल
मामला तब और बिगड़ा जब कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच का विवाद खुलकर सामने आ गया. मामले में केंद्रीय संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा था. उमंग सिंघार को फटकार के बाद केंद्रीय अनुशासन समिति को मामला सौंप दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद जब पहली बार दीपक बावरिया 22 सितंबर को राजधानी पहुंचे, तो कार्यक्रम में विषय से हटकर उन्होंने सीधे तौर पर संदेश दिया कि अगर पार्टी में अनर्गल बयानबाजी और अनुशासनहीनता देखने को मिली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं कार्यक्रम के दौरान भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद दीपक बावरिया से उलझ गए.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार भले बन चुकी हो लेकिन संगठन स्तर पर पार्टी में अनुशासन की कमी देखने को मिल रही है।दरअसल पिछले 15 साल से अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहा कार्यकर्ता अब पार्टी से और सरकार से महत्त्व चाहता है। लेकिन किसी एक व्यक्ति के मनमाफिक काम ना होने के कारण सार्वजनिक बयान बाजी और अनुशासनहीनता ज्यादा देखने को मिल रही है। पिछले 2 महीनों में इस तरह के मामले ज्यादा आए हैं।इस बात से लेकर केंद्रीय संगठन नाराज बताया जा रहा है। पिछले दिनों भोपाल के दौरे पर आए दीपक बाबरिया के तेवर से भी यह साफ हो गया है। क्योंकि उन्होंने पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साफ तौर पर हिदायत दी थी कि अगर अनुशासनहीनता होगी, तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उसी कार्यक्रम में भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद दीपक बाबरिया से ही आमने-सामने हो गए थे। दीपक बावरिया की नाराजगी प्रदेश संगठन एक तरह से केंद्रीय संगठन का संदेश मान रहा है और पार्टी संगठन का कहना है कि अगर इस तरह के मामले आएंगे, तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।यह सत्य और तथ्य है।


Body:मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में पिछले 2 महीने से कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। खासकर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी के दौरान प्रदेश संगठन में जमकर घमासान हुआ। प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार नेताओं के समर्थकों ने अनुशासन को ताक पर रखकर अपनी अपनी दावेदारी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। खासकर सिंधिया गुट के नेता, विधायक और मंत्री तो खुलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए मैदान में आ गए और पार्टी के अनुशासन को ताक पर रख दिया। मामला तब और बिगड़ा,जब कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंगार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला बोलना शुरू कर दिया। आखिरकार केंद्रीय संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा और उमंग सिंगार को फटकार के बाद केंद्रीय अनुशासन समिति को मामला सौंप दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पहली बार दीपक बाबरिया 22 सितंबर को भोपाल पहुंचे थे। भोपाल के मानस भवन में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में विषय से हटकर उन्होंने सीधे तौर पर संदेश दिया था कि अगर पार्टी में अनर्गल बयान बाजी और अनुशासनहीनता देखने को मिली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इसी कार्यक्रम में भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद दीपक बाबरिया से उलझ गए थे। लेकिन कांग्रेस सूत्रों की माने तो केंद्रीय संगठन और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में हो रही हरकतों से जमकर नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश संगठन को भी ताकीद किया है कि अब कोई ऐसे मामले आए, तो ऐसी कार्रवाई की जाए। कि आगे जाकर इस तरह के घटनाक्रम देखने को ना मिले। प्रदेश संगठन भी केंद्रीय संगठन का संदेश मानकर पार्टी में अनुशासनहीनता पर नजर रखे हुए हैं।


Conclusion:इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि कहां कौन और कितने प्रकरण हुए हैं। इक्का-दुक्का, दो-चार प्रकरण हर महीने होते हैं। स्वाभाविक है कि कोई किसी से नाराज होता है, तो बयान दे देता है। प्रदेश कांग्रेस में कोई ऐसी शिकायत व्यापक रूप से नहीं आई है। दो तीन शिकायतें हर महीने आई हैं, उन पर हमने कार्रवाई की है. जहां तक बावरिया जी का सवाल है, तो उन्होंने व्यापक रूप से कहा है और उचित भी है कि कोई अनुशासनहीनता करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह तथ्य और सत्य बात है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 4:14 PM IST
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