भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में ऑक्सीजन की जरूरत भी बढ़ी है. प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 18 जिला अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एमएलओ) प्लांट लगाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं. यह टेंडर करीब 25 दिन पहले जारी किए गए थे, जिसमें ऐसे जिला अस्पतालों में यह प्लांट लगाए जाने थे, जहां न तो ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा है, और न ही मेंडिकल कॉलेज है, लेकिन टेंडर निकालने के इतने दिनों बाद भी प्लांट को लगाने के लिए किसी भी कंपनी ने अपनी रुचि नहीं दिखाई है. ऐसे में अब विभाग अधिकारी ऑक्सीजन की स्थाई व्यवस्था करने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से 18 जिलों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसके लिए जिलों को 6- 6 के तीन समूहों में बांटा गया. प्रस्ताव के मुताबिक पहले ग्रुप में देवास में 10KL का प्लांट, होशंगाबाद, राजगढ़, बैतूल, बड़वानी, खरगोन में 7KL के प्लांट लगेंगे. वहीं दूसरे समूह में मुरैना जिला अस्पताल में 12KL, गुना, सतना में 10KL के प्लांट लगाए जाएंगे. भिंड, पन्ना और सीधी में 7KL के प्लांट लगने हैं. वहीं तीसरे ग्रुप में कटनी और सिवनी में 10-10KL के प्लांट और बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर,दमोह में 7-7KL प्लांट लगाए जाने का प्रस्ताव है.
योजना के मुताबिक दिसंबर तक यह ऑक्सीजन प्लांट 18 जिलों में शुरू किए जाने थे, लेकिन अब तक कंपनियों के टेंडर प्रकिया में भाग न लेने के कारण यह प्रोजेक्ट अटक गया है. दरअसल, पिछले महीने महाराष्ट्र से ऑक्सीजन की सप्लाई रोकी दी गई तो प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे और सरकार में हड़कंप मच गया था. जिसे देखते हुए प्रदेश में ही ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था करने का निर्णय का प्रदेश सरकार की ओर से लिया गया.