भोपाल। बासमती चावल के जीआई टैग को लेकर पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि पाकिस्तान के साथ एपीडा के मामले में मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि यह भारत के जीआई एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल की अंतर्देशीय दावों से कोई जुड़ाव नहीं है. यह पंजाब या मध्य प्रदेश का मामला नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों और उनकी आजीविका का मामला है.
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मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को GI टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र की निंदा करता हूँ और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूँ। https://t.co/KlBze7szfb
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को GI टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र की निंदा करता हूँ और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूँ। https://t.co/KlBze7szfb
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मैं पंजाब के मुख्यमंत्री श्री @capt_amarinder से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है?
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यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है। https://t.co/ZAuby9AEI8
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यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है। https://t.co/ZAuby9AEI8मैं पंजाब के मुख्यमंत्री श्री @capt_amarinder से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है?
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यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है। https://t.co/ZAuby9AEI8
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा है कि आखिर अमरिंदर सिंह की मध्य प्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है. मैं पंजाब की सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग के मामले में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और उसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं. मध्यप्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
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मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा!
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मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है। https://t.co/ZAuby9AEI8
">मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा!
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मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है। https://t.co/ZAuby9AEI8मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा!
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मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है। https://t.co/ZAuby9AEI8
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पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। https://t.co/CEUzh0x4wR
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">पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। https://t.co/CEUzh0x4wR
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। https://t.co/CEUzh0x4wR
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सीएम का कहना है कि मध्य प्रदेश के 13 जिलों में साल 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है. इसका लिखित इतिहास भी है जो सिंधिया स्टेट के रिकॉर्ड में अंकित है. साल 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राइस रिसर्च हैदराबाद ने अपनी उत्पादन उन्मुख सर्वेक्षण रिपोर्ट में दर्ज किया है कि मध्य प्रदेश में पिछले 25 साल से बासमती चावल का उत्पादन किया जा रहा है. पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्य प्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं.
पंजाब के सीएम ने लिखा पीएम को पत्र
बता दें की बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को पत्र लिखकर पंजाब व अन्य राज्यों के हित में मध्यप्रदेश की बासमती को भौगोलिक सांकेतक दर्जा (जिओग्राफिकल इंजेक्शन टैगिंग) न देने की मांग की है. जिसपर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जाहिर की थी.