भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के विभागों से जुड़ी जिम्मेदारियां सौंप दी है. मंत्रियों को प्रभारी जिलों और विभाग की जिम्मेदारी के साथ सौंपे गए टास्क को संभालना होगा. इनके साथ 4-4 सीनियर आईएएस अधिकारियों को भी अटैच किया गया है. मुख्यमंत्री लगातार दिए गए टास्क की मॉनिटरिंग करेंगे. मंत्रियों से कहा गया है कि वे अपने जिले में समाज के उद्योग और व्यापार से जुड़े और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों, धर्मगुरुओं से चर्चा कर कोरोना नियंत्रण में उनकी सहायता लें.
गृह-स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को मिली ये जिम्मेदारी
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए राज्यस्तर पर मैनेजमेंट और कोआर्डिनेशन करना.
मेडिकल इक्विपमेंट्स मेडिसिन और दूसरी सामग्रियों की व्यवस्था के अलावा अस्पताल प्रबंधन, सर्वे, सेैंपलिंग, टेस्टिंग और उपचार की व्यवस्था करना.
सरकारी और निजी अस्पतालों, सोशल वर्कर स्वास्थ्य संगठनों से चर्चा करने और कठिनाइयां दूर करना.
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पिछले एक माह में लिए गए निर्णय का पालन कराना.
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को मिला ये टास्क
स्कूल-कॉलेजों के लिए ऑनलाइन क्लासेस का संचालन, कॉलेज संबंधी विषयों का त्वरित समाधान.
दूसरे प्रदेशों के मजदूरों को भोजन-आश्रय-दवा की व्यवस्था करना.
प्रवासी मजदूर की सहायता राशि उनके बैंक खातों में अंतरित किए जाने संबंधी कार्य की समीक्षा.
कृषि मंत्री कमल पटेल का टास्क
उपार्जन केंद्र के अंतर्गत किसानों को फसल समर्थन मूल्य का भुगतान समय पर कराने और कृषि विभाग से समीक्षा कराना.
बाकी फसलों की कटाई के लिए हार्वेस्टर, थ्रेसर आदि सुविधाओं की व्यवस्था करना.
जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा कर बनी रणनीति और निर्णय के क्रियान्वयन की समीक्षा करना.
कोरोना संक्रमण के समय कृषि क्षेत्र के लिए पिछले एक माह में लिए गए निर्णय को लागू कराना.
नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की जिम्मेदारी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन वितरण संबंधी समस्त कार्यों की समीक्षा और उन्हें लागू कराने की जिम्मेदारी.
प्रदेश में खाद्यान्न वितरण संबंधी कार्य योजनाबद्ध रूप से कराना.
क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा कर तय रणनीति और निर्णय का जिलों में क्रियान्वयन और समीक्षा करना.
आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह की जिम्मेदारी
प्रदेश की सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत पेंशन आदि का हितग्राहियों के खातों में वितरण.
संबल योजना का प्रभावी क्रियान्वयन.
जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा करने और तय रणनीति-निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा.
तेंदूपत्ता तोड़ाई और अन्य लघु वनोपज की खरीदी.