भोपाल। एमपी में बीजेपी की जीत के लिए क्या सीएम शिवराज अब कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के नक्शे कदम पर है. 80 के दशक में अपनी सरकार के दौरान अर्जुन सिंह ने गरीबों को एक बत्ती मुफ्त कनेक्शन और झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को उसी जमीन का पट्टा यानि मालिकाना हक दिया था. क्या शिवराज का अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला अर्जुन सिंह की राजनीति को ही नए कलेवर में आगे बढ़ाता नहीं दिखता. सीएम शिवराज का फैसला जिसमें दिसंबर 2022 तक की सारी अवैध कॉलोनियां वैध कर दी जाएंगी. फिलहाल 2016 तक के आकड़े के हिसाब से इनकी तादाता 6077 है.
अर्जुन सिंह के नक्शे कदम पर क्यों बढ़े शिवराज: 1980 के दशक में अर्जुन सिंह के जिस फैसले ने कांग्रेस की सत्ता को जड़ जमीन से मजबूती थी. वो फैसला झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को उनका मालिकाना हक देने का था. जहां जो रहता है उसी झुग्गी का पट्टा उसे दे दिया गया था. इस बहती गंगा में अवैध बस्तियां भी वैध हो गई थीं. अब वही फैसला शिवराज सिंह चौहान ने लिया है और कहा है कि एमपी में दिसम्बर 2022 तक की सारी अवैध कॉलोनियां वैध की जाएगी. शिवराज के इस फैसले के बाद रेरा जैसी संस्थाओं की भूमिका क्या रह जाएगी ये सवाल उठ रहे हैं.
रेरा का अब क्या काम: राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि ये शिवराज का नया चुनावी स्टंट है. वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं, वैसे तो ऐसे नियम नहीं है ना ही ऐसा कोई कानून जिसके तहत अवैध कॉलोनियों को इस तरह वैध किया जा सके लेकिन सीएम ने फैसला लिया है तो क्या कहा जा सकता है सवाल कई खड़े हो रहे हैं. अगर इसी तरह से फैसले होंगे तो तब 1973 में बनाए गए एमपी टाउन प्लानिंग एक्ट का क्या अर्थ रह जाएगा. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी अब किस काम की रह गई क्या इसे आगे चलकर बंद कर दिया जाएगा.
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एमपी में 2022 दिसंबर के बाद की अवैध कॉलोनी वैध: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब 6 हजार 77 अवैध कालोनियां को वैध करने की घोषणा की है. शिवराज ने कहा है कि निशुल्क विकास कार्य किए जाएंगे. ये आंकड़ा अभी 2016 तक का है. दिसंबर 2022 तक का आंकड़ा जब इसमें जोड़ा जाएगा तो ये संख्या दो हजार के पार जान की संभावना है.सीएम शिवराज के इस फैसले को लेकर अब सवाल ये भी उठ रहा है कि 2022 दिसंबर तक की जिन कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है ये अवैध हुई कैसे और किसके कार्यकाल में.