भोपाल। प्रदेश में 35 हजार से अधिक किसानों की फसलें ओलावृष्टि, असमय वर्षा और तेज हवाओं से चौपट हो चुकी हैं. इस आपदा में शिवराज सरकार ने किसानों को आर्थिक बोझ से राहत दिलाने के लिए जिन किसानों के घर में बेटी का विवाह-निकाह है, राज्य सरकार ने उन किसानों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना का लाभ देने का फैसला लिया है. इसमें आवेदन देने वालों के लिए विवाह कार्यक्रम के आयोजन की कोई समय सीमा भी नहीं रखी गई है. सामाजिक न्याय विभाग ने इस आदेश को जारी कर दिया है.
किसानों के जख्म पर मलहम: चुनावी साल में सरकार हर व्यक्ति को खुश करने में जुटी है, सौगातों पर सौगात लगातार दी जा रही है. दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से बात की है. दौरे के दौरान किसानों ने आपबीती बताई, सीएम को किसानों ने बताया कि फसल खराब होने से उनकी बेटी का विवाह नहीं हो पा रहा है आर्थिक तंगी के चलते विवाह को टालना पड़ा है. मुख्यमंत्री ने किसानों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना का लाभ देने का फैसला लिया है, प्रदेश में फिर से ओलावृष्टि हुई है, इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है.
जेवर और अन्य सामग्री देने के नियम भी बदले गए: मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में नवविवाहिता को जेवर एवं अन्य सामग्री देने के नियम भी बदलाव किया गया है, सामग्री देने में गड़बड़ी सामने आने के बाद 18 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुरहानपुर के शाहपुर में लाडली बहना कार्यक्रम में यह घोषणा की थी. सामाजिक न्याय विभाग ने इसके भी आदेश जारी कर दिए हैं. अब 11 हजार की बजाय वधु को 49 हजार रुपए का अकाउंट पेयी चेक दिया जाएगा. जिससे वह जो चाहे सामग्री खरीद सकेगी जबकि छह हजार रुपए उस निकाय को दिए जाएंगे, जो विवाह कार्यक्रम आयोजित करेगा.
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कन्यादान योजना में फर्जीवाड़ा: मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में घटिया सामग्री और चांदी की जगह गिलट के जेवरात दुल्हनों को दिए जानें की शिकायत छिंदवाड़ा के साथ अन्य शहरों में भी मिली थी, छिंदवाड़ा में प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने सामग्री बांटने पर रोक लगा दी थी, लेकिन प्रभारी मंत्री कमल पटेल के जाने के बाद ही नगर निगम ने जेवरात दुल्हनों को थमा दिए थे. कन्या विवाह योजना में हो रहे फर्जीवाड़ा को देखते हुए अब योजना के तहत कन्याओं राशि का चेक दिया जाएगा, जिससे वे इस राशि का उपयोग अपनी गृहस्थी बनाने में कर सकें. अभी तक इतनी राशि की सामग्री दी जाती थी.