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प्यारे मियां यौन शोषण केस: पीड़िता की मौत की SIT जांच, पढ़ें पूरी दास्तां

भोपाल में यूपी के हाथरस गैंगरेप के बाद जबरन पीड़िता के अंतिम संस्कार कराने जैसी स्थिति देखने को मिली है. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में फरियादी की मौत के बाद पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं इस मामले में सीएम शिवराज ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.

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सीएम शिवराज
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Published : Jan 22, 2021, 12:26 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 8:30 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में उत्तरप्रदेश के हाथरस गैंगरेप जैसी स्थिति देखने को मिली. जहां पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं इस मामले में सीएम शिवराज ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.

नाबालिग की मौत और अंतिम संस्कार मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. जहां मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई है. सीएम शिवराज ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए, यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में बुधवार को एक नाबालिग की मौत हो गई थी. जिसके बाद यूपी के हाथरस गैंगरेप जैसी स्थिति देखने को मिली. पीड़िता के मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी.

पढ़ें:प्यारे मियां यौन शोषण मामला: पुलिस ने पीड़िता का सीधे कराया अंतिम संस्कार, मां करती रही घर पर इंतजार

मां का आरोप

पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. नाबालिग की मां का आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की. लेकिन पुलिस ने शव देने से इंकार कर दिया. बच्ची का शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गए. पीड़िता की मां का यह भी कहना है कि हम बच्ची का अंतिम संस्कार अपने रीति-रिवाज के साथ करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने मुझसे और बच्ची के पिता से जबरदस्ती साइन कराकर गाड़ी में लेकर शव विश्राम घाट ले गए. जहां मेरी बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पुलिस की दलील

इस मामले में एएसपी रामस्नेही मिश्रा का कहना कि, बच्ची की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. इसलिए पुलिस का दायित्व बनता है कि पूरे मामले में निगरानी रखे. उनका कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थित बनी रहे, इसमें कोई खलल ना पड़े लिहाजा आम जनता के संवेदनशील मामले को देखते हुए पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया.

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में उत्तरप्रदेश के हाथरस गैंगरेप जैसी स्थिति देखने को मिली. जहां पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं इस मामले में सीएम शिवराज ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.

नाबालिग की मौत और अंतिम संस्कार मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. जहां मुख्यमंत्री ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं.घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई है. सीएम शिवराज ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए, यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में बुधवार को एक नाबालिग की मौत हो गई थी. जिसके बाद यूपी के हाथरस गैंगरेप जैसी स्थिति देखने को मिली. पीड़िता के मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी.

पढ़ें:प्यारे मियां यौन शोषण मामला: पुलिस ने पीड़िता का सीधे कराया अंतिम संस्कार, मां करती रही घर पर इंतजार

मां का आरोप

पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. नाबालिग की मां का आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की. लेकिन पुलिस ने शव देने से इंकार कर दिया. बच्ची का शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गए. पीड़िता की मां का यह भी कहना है कि हम बच्ची का अंतिम संस्कार अपने रीति-रिवाज के साथ करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने मुझसे और बच्ची के पिता से जबरदस्ती साइन कराकर गाड़ी में लेकर शव विश्राम घाट ले गए. जहां मेरी बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पुलिस की दलील

इस मामले में एएसपी रामस्नेही मिश्रा का कहना कि, बच्ची की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. इसलिए पुलिस का दायित्व बनता है कि पूरे मामले में निगरानी रखे. उनका कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थित बनी रहे, इसमें कोई खलल ना पड़े लिहाजा आम जनता के संवेदनशील मामले को देखते हुए पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : Jan 22, 2021, 8:30 PM IST
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