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आदिवासियों पर हवाई फायरिंग का मामला, सीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश - भोपाल वन विभाग और आदिवासियों के बीट मारपीट

प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किए जाने के लिए वन विभाग की टीम थाना नेपानगर पहुंची. जिससे नाराज आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने इसका विरोध किया.

आदिवासियों पर हवाई फायरिंग का मामला
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Published : Jul 14, 2019, 11:41 AM IST

भोपाल| प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किए जाने के लिए वन विभाग की टीम थाना नेपानगर पहुंची. आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने नारेबाजी करते हुए इस कार्रवाई का विरोध किया. जिसके बाद वन विभाग की टीम और आदिवासियों के बीच मारपीट और पथराव की स्थिति बन गई. मामला सीएम के संज्ञान में आते ही उन्होंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए.

आदिवासियों पर हवाई फायरिंग का मामला


गांव बदनापुर सीवल वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मिलकर जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदकर बीजारोपण का काम कर रहे थे. जिससे नाराज आदिवासियों ने इसका विरोध किया. वन कर्मियों ने 12 बोर बंदूक से हवा में दो फायर भी किए. इसके बाद से ही मामला लगातार विवाद में घिरता जा रहा था. ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसकी रोकथाम के लिए उपाय और अन्य सम्बन्धित बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में काफी अच्छा काम कर रही है और सीएम ने जांच के आदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि आदिवासियों के साथ किसी भी तरह की गलत कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

भोपाल| प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किए जाने के लिए वन विभाग की टीम थाना नेपानगर पहुंची. आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने नारेबाजी करते हुए इस कार्रवाई का विरोध किया. जिसके बाद वन विभाग की टीम और आदिवासियों के बीच मारपीट और पथराव की स्थिति बन गई. मामला सीएम के संज्ञान में आते ही उन्होंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए.

आदिवासियों पर हवाई फायरिंग का मामला


गांव बदनापुर सीवल वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मिलकर जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदकर बीजारोपण का काम कर रहे थे. जिससे नाराज आदिवासियों ने इसका विरोध किया. वन कर्मियों ने 12 बोर बंदूक से हवा में दो फायर भी किए. इसके बाद से ही मामला लगातार विवाद में घिरता जा रहा था. ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसकी रोकथाम के लिए उपाय और अन्य सम्बन्धित बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में काफी अच्छा काम कर रही है और सीएम ने जांच के आदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि आदिवासियों के साथ किसी भी तरह की गलत कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Intro:आदिवासियों पर गोली चलाने का मामला मुख्यमंत्री ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश


भोपाल | प्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत अति संवेदनशील बदनापुर बीट 245, 246 में अतिक्रमण विरोधी मुहिम अंतर्गत 9 जेसीबी मशीनों से अतिक्रमण मुक्त किए जाने हेतु वन विभाग की टीम थाना नेपानगर पहुंची थी यहां से उनके साथ पुलिस विभाग व राजस्व विभाग की संयुक्त बल दिनांक 9 जुलाई 2019 को प्रातः 11:00 बजे रवाना हुई थी वह ग्राम बदनापुर सीवल के जंगल में करीब 12:00 बजे पहुंची थी इस वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी गण मिलकर जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदकर बीजारोपण का कार कर रहे थे .

इसी दौरान करीब 1:30 बजे 150 से 200 आदिवासी महिला एवं पुरुष नारेबाजी करते हुए इस कार्यवाही का विरोध कर रहे थे इसी दौरान वन विभाग के कर्मचारियों और आदिवासी महिला पुरुषों के बीच पथराव और मारपीट की स्थिति निर्मित हो गई थी इस दौरान वन कर्मियों के द्वारा 12 बोर बंदूक से हवा में दो फायर भी किए गए हैं इसके बाद से ही है मामला लगातार विवाद में गिरता जा रहा था विपक्ष भी इस मामले में सरकार को लगातार घेरने का काम कर रहा था


लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान आदिवासी महिला पुरुष और वन कर्मियों के बीच कथित मारपीट की घटना के संबंध में जिला प्रशासन ने 10 जुलाई को ही मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे . मजिस्ट्रियल जांच अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट बुरहानपुर रोमानूस टोप्पो द्वारा की जा रही है . कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है और सरकार को आदिवासियों का जन हितेषी बताया है .


Body:मजिस्ट्रियल जांच में महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है जिसके तहत यह पूरी जांच की जाएगी इस मामले में मजिस्ट्रेट बुरहानपुर इन निम्नलिखित बिंदुओं पर जांच करेंगे .


क्या अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान यह परिस्थिति निर्मित हुई ?


क्या इस घटना में गोली चालन हुआ है ?

यदि गोली चालन हुआ तो किन परिस्थितियों में किया गया है ?


क्या गोली चालन के पर्याप्त कारण थे ?

अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान पथराव हुआ है यह परिस्थिति क्यों निर्मित हुई है ?


ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसकी रोकथाम के लिए उपाय और अन्य संबंधित बिंदुओं पर जांच की जा रही है .


Conclusion:कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि जिस दौरान यह घटनाक्रम हुआ है उस समय वन विभाग की टीम अतिक्रमण मुहिम के तहत वहां पर पहुंची थी और अपनी कार्यवाही कर रही थी इसी दौरान आदिवासी महिला एवं पुरुषों के साथ विवाद की स्थिति निर्मित हुई है जिस दिन यह घटनाक्रम हुआ था उसके अगले ही दिन मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए थे प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में काफी अच्छा काम कर रही है और मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि आदिवासियों के साथ किसी भी तरह की गलत कार्यवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी . मुख्यमंत्री इस मामले में स्पष्ट कर चुके हैं कि इस पूरे मामले में जिन लोगों की भी गलती पाई जाएगी निश्चित रूप से उन्हें बख्शा नहीं जाएगा .
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