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MPPSC की परीक्षा में भीलों पर पूछे गए विवादित सवाल की होगी जांचः मुख्यमंत्री

MPPSC परीक्षा में भील जनजाति पर पूछे गए सवाल पर मचे बवाल के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

CM ordered an inquiry
सीएम ने दिए जांच के आदेश
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Published : Jan 13, 2020, 7:59 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए भील जनजाति के सवाल पर मचे बवाल के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि इसके लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

  • इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए , उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ताकि इस तरह की पुनरावृति भविष्य में दोबारा ना हो।
    मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय , भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियो का बेहद सम्मान किया है , आदर किया है।
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय, भील जनजाति और इस समुदाय की सभी जनजातियों का बेहद सम्मान किया है, मैंने इस वर्ग के उत्थान और हित के लिए जीवन भर कई कार्य किए हैं. मेरा इस वर्ग से शुरूआत से जुड़ाव रहा है. मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान और भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रही है.

  • मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवन पर्यन्त कई कार्य किये हैं।मेरा इस वर्ग से शुरू से जुड़ाव रहा है।
    मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए वचनबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है।
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछा गया था. इसमें भीलों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था और ऑप्शन दिया गया था कि भील धन उपार्जन के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक काम में लिप्त है. जिसके बाद से ही इसका विरोध हो रहा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए भील जनजाति के सवाल पर मचे बवाल के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि इसके लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो.

  • इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए , उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ताकि इस तरह की पुनरावृति भविष्य में दोबारा ना हो।
    मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय , भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियो का बेहद सम्मान किया है , आदर किया है।
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मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय, भील जनजाति और इस समुदाय की सभी जनजातियों का बेहद सम्मान किया है, मैंने इस वर्ग के उत्थान और हित के लिए जीवन भर कई कार्य किए हैं. मेरा इस वर्ग से शुरूआत से जुड़ाव रहा है. मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान और भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रही है.

  • मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवन पर्यन्त कई कार्य किये हैं।मेरा इस वर्ग से शुरू से जुड़ाव रहा है।
    मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए वचनबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है।
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एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछा गया था. इसमें भीलों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था और ऑप्शन दिया गया था कि भील धन उपार्जन के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक काम में लिप्त है. जिसके बाद से ही इसका विरोध हो रहा है.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए भील जनजाति के सवाल को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा है कि इसके लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ में ट्वीट कर कहा है कि मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय, भील जनजाति और इस समुदाय की सभी जनजातियों का बेहद सम्मान किया है। मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवन भर कई कार्य किए हैं। मेरा इस वर्ग से शुरूआत से जुड़ाव रहा है। मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान और भलाई के लिए निरंतर कार्य कर रही है। गौरतलब है कि एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछा गया था इसमें भीलो को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था और लिखा गया ताकि भील धन उपार्जन के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक काम में लिप्त है। सवाल को लेकर विरोध जताया जा रहा था।


Conclusion:
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