भोपाल। भोपाल में अध्यात्म विभाग की ओर से राजधानी के मिंटो हॉल में संत समागम का आयोजन किया गया. इस संत समागम में देश भर के तकरीबन 1000 साधु-संत शामिल हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वो उद्योगपति हैं, जब उद्योपति को पट्टा दे सकते है, व्यापारी को पट्टा दे सकते हैं, तो उन्हें साधु-सांतों को भी पट्टा देने में कोई मुश्किल नहीं हैं.
कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा धर्म से जुड़े कार्यक्रम किए जाने पर बीजेपी के पेट में दर्द होता है और संत समागम के कार्यक्रम को लेकर भी बीजेपी के पेट में बहुत दर्द हो रहा होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने नौ महीने में नीयत का परिचय दिया है. कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में मंदिर बनाने का उदहारण देते हुए बीजेपी पर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में मंदिर उन्होंने अपने पैसे से बनवाया था, लेकिन उस समय भी बीजेपी के पेट में दर्द हुआ था.
मुख्यमंत्री कमनलाथ ने कहा कि धर्म को लेकर मेरी और कंप्यूटर बाबा की सोच मिलती है. भारत की पहचान विश्व में आध्यत्मिक शक्ति से हैं. हमारी संस्कृति सभी को एक सूत्र में बांधकर चलने की है. कमलनाथ ने कहा कि विश्व में हमारी पहचान हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक शक्ति की वजह से है, लेकिन आज नई पीढ़ी और खासतौर से शहर की पीढ़ी को आध्यात्मिक शक्ति से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है. साधु संतों का कर्तव्य है, कि वह नई पीढ़ी को आध्यात्म से जोड़ें.
संत समागम में साधु संतों की मांगों पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा की पिछली बीजेपी की सरकार साधु संतों को लेकर 15 साल कई दावे करती रही, लेकिन साधु-संतों की मांगे नहीं मानी गई. कांग्रेस की सरकार में साधु-संतों की जितनी भी समस्याएं हैं, अब सब समस्याओं का निराकरण होगा. संत समागम में मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और मंत्री पीसी शर्मा मौजूद रहे.