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घूमने वालों के लिए है यह खबर, क्रिसमस और NEW YEAR पर छुट्टियों का बना रहे हैं प्लान, तो जरूर पढ़ें ये खबर

क्रिसमस और नए साल की छुट्टियां शुरू होने वाली है. ऐसे मौकों पर लोग घूमने के लिए बाहर निकलते हैं और अपनी छुट्टियों को इंजॉय करते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोगों की पंसद टाइगर रिजर्व होती है. अगर आप एमपी टाइगर रिजर्व जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर जरूर पढ़ें...

MP Tiger Reserve
टाइगर रिजर्व
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2023, 5:35 PM IST

भोपाल। क्रिसमस से शुरू होने वाली स्कूलों की छुट्टियों से लेकर नए साल तक मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व अभी से फुल हो गए हैं. प्रकृति की गोद में छुट्टियों और खास तौर से नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व बने हुए हैं. देश के टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में टाइगर की संख्या 785 से ज्यादा पहुंच चुकी है. यह देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटक जंगल के राजा के दीदार से निराश होकर नहीं लौटते. टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा डिमांड कोर एरिया बने हुए हैं. आपको बताते हैं कि किस टाइगर रिजर्व में क्या है बुकिंग की स्थिति...

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की भोपाल से दूरी करीबन 433 किलोमीटर, जबकि जबलपुर से 165 किलोमीटर है. 437 वर्ग किलोमीटर में फैले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 165 से ज्यादा टाइगर हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में तीन प्रमुख स्थान ताला, मगली और खतौली रेंज हैं. यह तीनों ही रेंज 22 दिसंबर से 1 जनवरी तक बुक हो चुका है. कोर एरिया में अब कोई भी बुकिंग खाली नहीं है. ऐसे में पर्यटकों को बफर जोन और अन्य जोन में ही बुकिंग करानी होगी.

konw MP Tiger Reserve information
टाइगर सफारी का मजा लेते सैलानी

कान्हा टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व क्षेत्र करीबन 1949 वर्ग किलो मीटर का है. कान्हा में 129 टाइगर और 150 से ज्यादा तेंदुए मौजूद हैं. कान्हा के चार कोर एरिया हैं. कान्हा, किसली, मुक्की और सरही. इन कोर एरिया में 22 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक लगभग बुकिंग फुल है.

पन्ना टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व 542.67 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. केन नदी इस टाइगर रिजर्व का मुख्य आकर्षण है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 70 से ज्यादा टाइगरों का घर है. पन्ना टाइगर के कोर एरिया में टाइगर के दीदार करने के लिए 23 दिसंबर से ही पर्यटकों का तांता लगने जा रहा है. यहां 23 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक जमकर पर्यटक पहुंचेंगे.

पेंच टाइगर रिजर्व: प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में फैले इस टाइगर रिजर्व को मोगली लैंड कहा जाता है. 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह टाइगर रिजर्व पेंच नदी दो भागों में बांटती है. इस नेशनल पार्क में 70 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं. यह नेशनल पार्क भी 23 दिसंबर के बाद से पर्यटकों से गुलजार रहेगा. नए साल का स्वागत करने यदि यहां जाने का सोच रहे हैं, तो पहले बुकिंग जरूर देख लें. 1 जनवरी तक यहां स्लॉट लगभग फुल हैं.

konw MP Tiger Reserve information
टाइगर रिजर्व में हरी भरी घास के बीच बैठा टाइगर

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिले में स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 524 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस टाइगर रिजर्व में 185 से ज्यादा टाइगर हैं. इसके कोर एरिया में भीमकुंड (चूरना), मढ़ई, मल्लीपुरा, पचमढ़ी प्रसिद्ध हैं. हालांकि दूसरे टाइगर रिजर्व में भले ही नए साल और उसके पहले बुकिंग न मिले, लेकिन यहां अभी पर्याप्त जगह उपलब्ध है.

संजय डुबरी टाइगर रिजर्व: प्रदेश के सीधी जिले में मौजूद संजय डुबरी नेशनल पार्क में दूसरे टाइगर रिजर्व की तुलना में बाघों की संख्या बेहद कम है. यहां टूरिस्ट के लिए पर्याप्त स्लॉट उपलब्ध हैं.

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टाइगर रिजर्व में घूमता बाघ

यहां पढ़े...

भोपाल। क्रिसमस से शुरू होने वाली स्कूलों की छुट्टियों से लेकर नए साल तक मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व अभी से फुल हो गए हैं. प्रकृति की गोद में छुट्टियों और खास तौर से नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व बने हुए हैं. देश के टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में टाइगर की संख्या 785 से ज्यादा पहुंच चुकी है. यह देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटक जंगल के राजा के दीदार से निराश होकर नहीं लौटते. टाइगर रिजर्व पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा डिमांड कोर एरिया बने हुए हैं. आपको बताते हैं कि किस टाइगर रिजर्व में क्या है बुकिंग की स्थिति...

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की भोपाल से दूरी करीबन 433 किलोमीटर, जबकि जबलपुर से 165 किलोमीटर है. 437 वर्ग किलोमीटर में फैले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 165 से ज्यादा टाइगर हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में तीन प्रमुख स्थान ताला, मगली और खतौली रेंज हैं. यह तीनों ही रेंज 22 दिसंबर से 1 जनवरी तक बुक हो चुका है. कोर एरिया में अब कोई भी बुकिंग खाली नहीं है. ऐसे में पर्यटकों को बफर जोन और अन्य जोन में ही बुकिंग करानी होगी.

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टाइगर सफारी का मजा लेते सैलानी

कान्हा टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिलों में स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व क्षेत्र करीबन 1949 वर्ग किलो मीटर का है. कान्हा में 129 टाइगर और 150 से ज्यादा तेंदुए मौजूद हैं. कान्हा के चार कोर एरिया हैं. कान्हा, किसली, मुक्की और सरही. इन कोर एरिया में 22 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक लगभग बुकिंग फुल है.

पन्ना टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व 542.67 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. केन नदी इस टाइगर रिजर्व का मुख्य आकर्षण है. पन्ना टाइगर रिजर्व में 70 से ज्यादा टाइगरों का घर है. पन्ना टाइगर के कोर एरिया में टाइगर के दीदार करने के लिए 23 दिसंबर से ही पर्यटकों का तांता लगने जा रहा है. यहां 23 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक जमकर पर्यटक पहुंचेंगे.

पेंच टाइगर रिजर्व: प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले में फैले इस टाइगर रिजर्व को मोगली लैंड कहा जाता है. 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह टाइगर रिजर्व पेंच नदी दो भागों में बांटती है. इस नेशनल पार्क में 70 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं. यह नेशनल पार्क भी 23 दिसंबर के बाद से पर्यटकों से गुलजार रहेगा. नए साल का स्वागत करने यदि यहां जाने का सोच रहे हैं, तो पहले बुकिंग जरूर देख लें. 1 जनवरी तक यहां स्लॉट लगभग फुल हैं.

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टाइगर रिजर्व में हरी भरी घास के बीच बैठा टाइगर

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश के होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिले में स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 524 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस टाइगर रिजर्व में 185 से ज्यादा टाइगर हैं. इसके कोर एरिया में भीमकुंड (चूरना), मढ़ई, मल्लीपुरा, पचमढ़ी प्रसिद्ध हैं. हालांकि दूसरे टाइगर रिजर्व में भले ही नए साल और उसके पहले बुकिंग न मिले, लेकिन यहां अभी पर्याप्त जगह उपलब्ध है.

संजय डुबरी टाइगर रिजर्व: प्रदेश के सीधी जिले में मौजूद संजय डुबरी नेशनल पार्क में दूसरे टाइगर रिजर्व की तुलना में बाघों की संख्या बेहद कम है. यहां टूरिस्ट के लिए पर्याप्त स्लॉट उपलब्ध हैं.

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टाइगर रिजर्व में घूमता बाघ

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