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बाल आयोग ने लिखा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र, ग्रामीण छात्रों के लिए की ये मांग

बाल आयोग ने ग्रामीण एवं पंचायत विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को पत्र एक लिखा है. पत्र के जरिए बाल आयोग ने 26 जनवरी ओर 15 अगस्त पर होने वाली ग्राम सभा में ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को अपनी बात रखने का मौका देने की मांग की गई. पढ़िए पूरी खबर...

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बाल आयोग ने लिखा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र
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Published : Aug 6, 2020, 10:21 PM IST

भोपाल। बाल आयोग ने ग्रामीण एवं पंचायत विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को एक पत्र लिखा है. पत्र के जरिए बाल आयोग ने यह मांग की है कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी ओर 15 अगस्त पर होने वाली ग्राम सभा में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी अपनी आवाज उठाने का मौका मिले. बाल आयोग का कहना है कि प्रतिवर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाली ग्राम सभा में शासकीय कर्मचारी, वरिष्ठ नागरिक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजन उपस्थित होते हैं, ऐसे में ग्राम सभा में बच्चों को अपनी बात रखने के लिए आधे घंटे का समय देना चाहिए.

बाल आयोग ने लिखा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र

बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपनी बातें नहीं रख पाते, जबकि वर्तमान परिदृश्य में शहरी एवं ग्रामीण भारत में रहने वाले बालक और बालिकाएं जो 18 से कम आयु के हैं, इनके मन में अनेक जिज्ञासाएं और प्रश्न आते हैं, लेकिन डर और बड़ों का आदर के कारण बच्चे अपने पालकों से इस संबंध में बात नहीं कर पाते और इसी कारण कई बार ऐसी अवस्था में बच्चे कुंठावस्थ हो जाते हैं, जिससे उनका मानसिक विकास रुक जाता है.

इसलिए बच्चों को ग्राम सभा में आधे घंटे का समय इन बच्चों को मिलना चाहिए, जिससे वे अपनी समास्याएं और मन में उठ रहे प्रश्नों को ग्रामसभा में उपस्थित अधिकारियों के समक्ष रख सकें.

बाल आयोग ने इस बारे में पंचायत विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को पत्र लिखा है और छात्रों को ग्राम सभा में अपनी समस्याओं को रखने के लिए आधे घंटे का समय देने की बात कही है. साथ ही बच्चों की कही हुई बातों को लिपिबद्ध कर निष्कर्ष निकालते हुए बच्चों की सुविधा अनुसार कार्रवाई की जाए.

भोपाल। बाल आयोग ने ग्रामीण एवं पंचायत विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को एक पत्र लिखा है. पत्र के जरिए बाल आयोग ने यह मांग की है कि प्रतिवर्ष 26 जनवरी ओर 15 अगस्त पर होने वाली ग्राम सभा में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को भी अपनी आवाज उठाने का मौका मिले. बाल आयोग का कहना है कि प्रतिवर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाली ग्राम सभा में शासकीय कर्मचारी, वरिष्ठ नागरिक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजन उपस्थित होते हैं, ऐसे में ग्राम सभा में बच्चों को अपनी बात रखने के लिए आधे घंटे का समय देना चाहिए.

बाल आयोग ने लिखा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र

बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अपनी बातें नहीं रख पाते, जबकि वर्तमान परिदृश्य में शहरी एवं ग्रामीण भारत में रहने वाले बालक और बालिकाएं जो 18 से कम आयु के हैं, इनके मन में अनेक जिज्ञासाएं और प्रश्न आते हैं, लेकिन डर और बड़ों का आदर के कारण बच्चे अपने पालकों से इस संबंध में बात नहीं कर पाते और इसी कारण कई बार ऐसी अवस्था में बच्चे कुंठावस्थ हो जाते हैं, जिससे उनका मानसिक विकास रुक जाता है.

इसलिए बच्चों को ग्राम सभा में आधे घंटे का समय इन बच्चों को मिलना चाहिए, जिससे वे अपनी समास्याएं और मन में उठ रहे प्रश्नों को ग्रामसभा में उपस्थित अधिकारियों के समक्ष रख सकें.

बाल आयोग ने इस बारे में पंचायत विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को पत्र लिखा है और छात्रों को ग्राम सभा में अपनी समस्याओं को रखने के लिए आधे घंटे का समय देने की बात कही है. साथ ही बच्चों की कही हुई बातों को लिपिबद्ध कर निष्कर्ष निकालते हुए बच्चों की सुविधा अनुसार कार्रवाई की जाए.

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