भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी हर हाल में आदिवासियों पर अपनी खोई हुई पैठ फिर से वापस बनाना चाहती है. 2003 से लेकर 2013 और अब 2023 के चुनाव में आदिवासियों को लुभाने की कोशिशें मोदी यात्रा के जरिये की जा रही हैं . 15 नवंबर को मोदी भोपाल में जनजातीय सम्मेलन में शिरकत करेंगे. मुख्यमंत्री निवास में डेढ़ घंटे से ज्यादा चली बैठक में इस बात पर चिंतन मंथन हुआ कि कैसे मोदी (PM Modi) के कार्यक्रम को मेगा बनाया जाए. वह कौन सी चीजें होंगी, जिससे पीएम मोदी भी खुश हो जाएं. इसके साथ ही आदिवासी भी खुश होकर बीजेपी के साथ आ जाएं.
मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों को दी अहम जिम्मेदारी
सीएम निवास पर मुख्यमंत्री की मंत्रियों के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि प्रभारी मंत्री अपने जिलों में प्रवास करेंगे. उस दौरान केंद्र सरकार और शिवराज सरकार (shivraj government) ने आदिवासियों के लिए क्या-क्या सौगातें दी हैं. इस बार में आदिवासियों तक पहुंचाया जाएगा. वहीं प्रभारी मंत्री आदिवासियों के 14 बिंदुओं को लेकर जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
पंचायत स्तर पर भी लगाई जाएंगी एलईडी
भोपाल सहित प्रदेश की प्रत्येक जनजाति बहुल ग्राम पंचायत में कार्यक्रम होंगे. जहां टीवी सेट और वेबकास्ट के जरिये जनजातीय भाई-बहनों को कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा. प्रधानमंत्री के संबोधन से अधिक से अधिक प्रदेशवासियों को जोड़ा जाए. बीजेपी चाहती है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम को डेढ़ करोड़ आदिवासी देखें. इसके लिए पंचायत स्तर पर एलईडी लगाई जाने के आदेश भी दिए गए हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं. बाकी अन्य सीटों को और जोड़ दिया जाए, तो 86 सीटों पर आदिवासी वोट निर्णायक रूप में होते हैं. प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं.