ETV Bharat / state

6 साल बाद हुई अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक, सीएम ने दिए जरूरी निर्देश - Madhya Pradesh News

6 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंत्रालय में अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई. मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया.

मुख्यमंत्री कमलनाथ
author img

By

Published : Sep 28, 2019, 1:01 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जाति की सलाहकार मंडल की बैठक ली. सीएम कमलनाथ ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में मंडल की बैठक आयोजित नहीं की. इस पर उन्हें हैरत हो रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अनुसूचित जाति के हितों के लिए राज्य सरकार हमेशा खड़ी रहेगी.

अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक लेते मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक में साफ-साफ कहा कि अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक 6 साल बाद हो रही है. इस तरह की बैठक लगातार होती रहनी चाहिए. यह बैठक केवल चाय, नाश्ता और कॉफी तक सीमित नहीं होनी चाहिए और न ही इसे औपचारिक बैठक बनाया जाए.

सभी सदस्यों को बैठक की सूचना एक महीने पहले दी जानी चाहिए और बैठक होने से पहले 15 दिन पहले ही सभी से सुझाव मांग लिए जाने चाहिए. इस तरह की बैठक अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचाने का एक सबसे सरल माध्यम है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जो प्रावधान और अधिकार हैं, उनका सभी शासकीय विभागों में सख्ती से पालन किया जाए. सलाहकार मंडल सार्थक हो और इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो, यह जिम्मेदारी हम सभी की है.

योजनाओं की क्रियान्वयन पर जताई चिंता

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं है. इसमें व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है. सीएम ने सलाहकार मंडल के सिस्टम में बदलाव की बात कही. इसके लिए बैठक के पहले सदस्यों के सुझाव मांगाए जाएं.

सुझावों का अहम योगदान

इस वर्ग को लाभ पहुंचाने में सरकार कहां कहां तक असफल रही है, यह सुझाव भी सभी को देनी चाहिए, ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके. योजनाओं की क्रियान्वयन ठीक ना होना चिंता का विषय है.

6 साल बाद आयोजित हुई बैठक

6 साल के इंतजार के बाद भोपाल स्थित मंत्रालय में अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक को लेकर कई बार योजना तो बनाई गई, लेकिन बैठक नहीं कराई गई. अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल सरकार से बैठक को लेकर बार-बार निवेदन करता रहा था, इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक आयोजित कराकर सभी की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया है.

बैठक नहीं होने को सीएम ने बताया अहम चूक

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह एक गंभीर चूक थी और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज की बैठक में सलाहकार मंडल की भूमिका और उसकी सार्थकता के साथ एक ऐसी व्यवस्था बने, जो अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, कानून और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का संरक्षण करने वाली योजनाओं का सख्ती से पालन हो.

2013 के बाद से नहीं हुई बैठक

अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक 2013 से नहीं हुई है. 6 साल के अंतराल के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने बैठक की.

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जाति की सलाहकार मंडल की बैठक ली. सीएम कमलनाथ ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में मंडल की बैठक आयोजित नहीं की. इस पर उन्हें हैरत हो रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अनुसूचित जाति के हितों के लिए राज्य सरकार हमेशा खड़ी रहेगी.

अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक लेते मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक में साफ-साफ कहा कि अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक 6 साल बाद हो रही है. इस तरह की बैठक लगातार होती रहनी चाहिए. यह बैठक केवल चाय, नाश्ता और कॉफी तक सीमित नहीं होनी चाहिए और न ही इसे औपचारिक बैठक बनाया जाए.

सभी सदस्यों को बैठक की सूचना एक महीने पहले दी जानी चाहिए और बैठक होने से पहले 15 दिन पहले ही सभी से सुझाव मांग लिए जाने चाहिए. इस तरह की बैठक अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचाने का एक सबसे सरल माध्यम है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जो प्रावधान और अधिकार हैं, उनका सभी शासकीय विभागों में सख्ती से पालन किया जाए. सलाहकार मंडल सार्थक हो और इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो, यह जिम्मेदारी हम सभी की है.

योजनाओं की क्रियान्वयन पर जताई चिंता

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं है. इसमें व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है. सीएम ने सलाहकार मंडल के सिस्टम में बदलाव की बात कही. इसके लिए बैठक के पहले सदस्यों के सुझाव मांगाए जाएं.

सुझावों का अहम योगदान

इस वर्ग को लाभ पहुंचाने में सरकार कहां कहां तक असफल रही है, यह सुझाव भी सभी को देनी चाहिए, ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके. योजनाओं की क्रियान्वयन ठीक ना होना चिंता का विषय है.

6 साल बाद आयोजित हुई बैठक

6 साल के इंतजार के बाद भोपाल स्थित मंत्रालय में अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक को लेकर कई बार योजना तो बनाई गई, लेकिन बैठक नहीं कराई गई. अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल सरकार से बैठक को लेकर बार-बार निवेदन करता रहा था, इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैठक आयोजित कराकर सभी की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया है.

बैठक नहीं होने को सीएम ने बताया अहम चूक

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह एक गंभीर चूक थी और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज की बैठक में सलाहकार मंडल की भूमिका और उसकी सार्थकता के साथ एक ऐसी व्यवस्था बने, जो अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा कर सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, कानून और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का संरक्षण करने वाली योजनाओं का सख्ती से पालन हो.

2013 के बाद से नहीं हुई बैठक

अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक 2013 से नहीं हुई है. 6 साल के अंतराल के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री ने बैठक की.

Intro:6 वर्ष के इंतजार के बाद आखिरकार मंत्रालय में अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की हुई बैठक , मुख्यमंत्री ने नियमित बैठक करने के दिए निर्देश

भोपाल | कई वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार मंत्रालय में अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक को लेकर कई बार योजना तो बनाई गई लेकिन बैठक कभी भी हो ही नहीं पाई यही वजह रही कि अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल सरकार से बैठक को लेकर बार-बार निवेदन करता रहा लेकिन आखिरकार मुख्यमंत्री ने इस बैठक को बुलाकर सभी की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया .

इस बैठक में कैबिनेट मंत्रियों के अलावा विधायक हरिशंकर खटीक, हरि सिंह सप्रे, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सरोनिया, जसमंत जाटव, जजपाल, शिवदयाल बागरी, सोहनलाल वाल्मीक, महेश परमार, रामलाल मालवीय एवं मनोज चावला ने भी सुझाव दिए . बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे .



Body:
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की बैठक 6 साल बाद हो रही है जो कि ठीक नहीं है इस तरह की बैठक लगातार होती रहनी चाहिए इस बैठक को केवल चाय नाश्ता कॉफी तक सीमित नहीं होना चाहिए ऐसे औपचारिक भी ना बनाया जाए सभी सदस्यों को बैठक की सूचना 1 महीने पहले दी जानी चाहिए और अब 15 दिन पहले सभी से सुझाव लिए जाने चाहिए इसके बाद फिर बैठक में सुझाव पर विस्तार से चर्चा करने के बाद ही फैसला किया जाना चाहिए इस तरह की बैठक अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचाने का एक सबसे सरल माध्यम है .


मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में मंडल की बैठक आयोजित नहीं की इस पर हैरत हो रही है लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए बैठक नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए इस वर्ग को लाभ पहुंचाने में सरकार कहां असफल हो रही है यह सुझाव भी सभी को देना चाहिए ताकि उन कमियों को दूर किया जा सके हमारी योजनाओं की क्रिया क्रिया ठीक ना होना चिंता का विषय है इसमें व्यापक सुधार की भी जरूरत है मंडल के सिस्टम में भी बदलाव होना चाहिए .

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जो प्रावधान और अधिकार हैं, सभी शासकीय विभागों में उनका सख्ती से पालन किया जाए . उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल सार्थक हो और इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग को लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो. यह जिम्मेदारी हम सभी की है .

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि यह बैठक नियमित रूप से हो . इसके सुझाव और सलाह पर अनुसूचित जाति वर्ग के हित में निर्णय हों .


सलाहकार मंडल के सभी सदस्यों ने बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ बैठक बुलाई बल्कि समय-समय पर बैठक आयोजित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं .

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि विभागीय समीक्षा के दौरान उनके ध्यान में यह बात आई कि वर्ष 2013 से अनुसूचित जाति सलाहकार मंडल की कोई बैठक नहीं हुई . मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर चूक थी और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा .उन्होंने कहा कि आज की बैठक में सलाहकार मंडल की भूमिका और उसकी सार्थकता के साथ एक ऐसी व्यवस्था बने, जो अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा कर सके .मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान, कानून और अनुसूचित जाति वर्ग के हितों का संरक्षण करने वाली योजनाओं का सख्ती से पालन हो .

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि हमारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया ठीक नहीं है .इसमें व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है . उन्होंने कहा कि सलाहकार मंडल के सिस्टम में बदलाव होना चाहिए। बैठक के पूर्व सदस्यों के सुझाव प्राप्त किए जाएं . इन सुझावों पर संबंधित विभागों की टीप के साथ बैठक में चर्चा हो, जिससे उन पर निर्णय लिया जा सकें .
.Conclusion:
सलाहकार मंडल के उपाध्यक्ष एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री लखन घनघोरिया ने सफाई कर्मियों की भर्ती में सुधार लाने की आवश्यकता बताई .उन्होंने कम संख्या वाली अनुसूचित जाति के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र मिलने में होने वाली असुविधाओं का निदान करने को कहा .

चिकित्सा शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति मूलक योजनाओं के लिए जो पैसा जाता है, वह उन्हीं वर्गों के कल्याण पर खर्च हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए . उन्होंने कहा कि अनुसूचित वर्गों के बच्चों की शिक्षा में भी व्यापक सुधार लाने की आवश्यकता है . साधौ ने अप्रसांगिक योजनाओं को बंद करने का सुझाव दिया .

लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति की बस्तियों के पर्यावरण में सुधार लाना चाहिए ताकि वे अच्छे वातावरण में जीवन यापन कर सकें . उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के प्रकरणों के निराकरण के लिए त्वरित गति से कार्य करने की आवश्यकता बताई . वर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि अनुसूचित जाति तथा अन्य वर्गों के बीच विवाद के प्रकरणों का निराकरण अदालतों की बजाय आपसी सामंजस्य और सद्भाव के साथ हो .ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाना चाहिए .

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बैकलॉग के पदों पर तत्काल भर्ती करने का सुझाव दिया .
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरीने हर जिले में ज्ञानोदय विद्यालय खोलने और शिक्षा में सुधार लाने का सुझाव दिया .

महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवीने कहा कि अनाथ आश्रम में रहने वाले बच्चों का भी जाति प्रमाण-पत्र बनाया जाए . छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के भोजन की राशि में वृद्धि की जाए और इन छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग के अधीक्षक ही पदस्थ किये जाएं . बैठक के दौरान उन्होंने कहा है कि छात्रों को खाने के लिए सरकार प्रतिदिन 34 रुपए देती है जो कि काफी कम है जिसे सरकार के द्वारा बढ़ाया जाना चाहिए बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आए हुए सभी सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.