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राज्यपाल ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलने की दी सलाह, भड़की कांग्रेस - भोपाल न्यूज

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलकर विवेकानंद युवा केंद्र करने की मंशा जाहिर की, जिस पर विवाद शुरू हो गया है और कांग्रेस ने इसे निकृष्ट राजनीति बताया है.

Congress target on Chhattisgarh Governor's statement
राज्यपाल के बयान पर रार
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Published : Jan 20, 2020, 5:41 PM IST

भोपाल। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलकर विवेकानंद युवा केंद्र करने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भले ही नेहरू जी महान थे और देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे, लेकिन विवेकानंद ने युवा वर्ग को नेतृत्व दिया, इसलिए नेहरू युवा केंद्र का नाम विवेकानंद युवा केंद्र करना चाहिए. इस सुझाव के बाद सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे निकृष्ट राजनीति बताया है, जबकि नाम बदले जाने को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है. अब नेहरू पर निशाना साध कर राज्यपाल ने सियासी माहौल को गरमा दिया है.

राज्यपाल के बयान पर रार

राज्यपाल के बयान पर नाराजगी जताते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे. उनकी प्रेरणा पर युवा संघर्ष कर रहा है, देश भक्ति और राष्ट्र भक्ति सीखता है. अच्छी बात है, पर यदि कोई काम नेहरू के नाम से चल रहा है तो उसकी विवेकानंद से तुलना करना और विवेकानंद की तुलना नेहरू जी से करना अतिश्योक्ति है.

बीजेपी-संघ की रणनीति है कि देश में जो स्थापित राष्ट्रपुरुष, देशभक्त और आइकॉन हैं. उनको किसी तरह से ध्वस्त करने का प्रयास करो. ये उनकी निकृष्ट राजनीति है. कम से कम राज्यपाल को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. आज उन्होंने जो राजनीति की है, कांग्रेस इसकी निंदा करती है. राजधानी भोपाल में आयोजित नेहरू युवा केंद्र में युवा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में शामिल होने राज्यपाल पहुंची थीं, जहां उन्होंने इस बदलाव की इच्छा जाहिर की थी.

भोपाल। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलकर विवेकानंद युवा केंद्र करने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भले ही नेहरू जी महान थे और देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे, लेकिन विवेकानंद ने युवा वर्ग को नेतृत्व दिया, इसलिए नेहरू युवा केंद्र का नाम विवेकानंद युवा केंद्र करना चाहिए. इस सुझाव के बाद सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे निकृष्ट राजनीति बताया है, जबकि नाम बदले जाने को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है. अब नेहरू पर निशाना साध कर राज्यपाल ने सियासी माहौल को गरमा दिया है.

राज्यपाल के बयान पर रार

राज्यपाल के बयान पर नाराजगी जताते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे. उनकी प्रेरणा पर युवा संघर्ष कर रहा है, देश भक्ति और राष्ट्र भक्ति सीखता है. अच्छी बात है, पर यदि कोई काम नेहरू के नाम से चल रहा है तो उसकी विवेकानंद से तुलना करना और विवेकानंद की तुलना नेहरू जी से करना अतिश्योक्ति है.

बीजेपी-संघ की रणनीति है कि देश में जो स्थापित राष्ट्रपुरुष, देशभक्त और आइकॉन हैं. उनको किसी तरह से ध्वस्त करने का प्रयास करो. ये उनकी निकृष्ट राजनीति है. कम से कम राज्यपाल को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. आज उन्होंने जो राजनीति की है, कांग्रेस इसकी निंदा करती है. राजधानी भोपाल में आयोजित नेहरू युवा केंद्र में युवा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में शामिल होने राज्यपाल पहुंची थीं, जहां उन्होंने इस बदलाव की इच्छा जाहिर की थी.

Intro:भोपाल। सत्ता में आते ही बीजेपी महापुरुषों के नाम पर बनाए गए सरकारी संस्थानों के नाम अपनी पार्टी या संघ के महापुरुषों के नाम पर करने की राजनीति करती आई है। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ की राज्यपाल संपतिया उइके ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलकर विवेकानंद युवा केंद्र करने की मंशा जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि भले ही नेहरू जी महान थे और हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे। लेकिन विवेकानंद ने युवा वर्ग को नेतृत्व दिया, इसलिए नेहरू युवा केंद्र का नाम विवेकानंद युवा केंद्र करना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्यपाल के इस बयान के बाद सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे निकृष्ट राजनीति बताया है। हालांकि नाम बदले जाने को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है।लेकिन एक बार फिर नेहरू पर निशाना साध कर छत्तीसगढ़ राज्यपाल ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है।


Body:दरअसल राजधानी भोपाल में आज नेहरू युवा केंद्र द्वारा युवा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूया उइके भी शामिल हुई थी। जहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि
" मैं सोच रही थी कि नेहरू युवा केंद्र की जगह विवेकानंद युवा केंद्र नाम होना चाहिए। क्योंकि विवेकानंद ने युवा वर्ग के लिए नेतृत्व दिया। यह मेरा सुझाव है, हमारे नेहरू महान थे, देश के प्रधानमंत्री भी रहे। लेकिन युवाओं के प्रेरणा स्रोत विवेकानंद थे।


Conclusion:छत्तीसगढ़ राज्यपाल के बयान पर नाराजगी जताते हुए मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा है कि विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे। उनकी प्रेरणा पर युवा संघर्ष कर रहा है, देश भक्ति और राष्ट्र भक्ति सीखता है। अच्छी बात है, पर यदि कोई काम नेहरू के नाम से चल रहा है तो उसकी विवेकानंद से तुलना करना और विवेकानंद की तुलना नेहरू जी से करना अतिश्योक्ति है। यह भाजपा संघ की रणनीति है कि देश में जो स्थापित राष्ट्रपुरुष, देशभक्त और आइकॉन हैं।उनको किसी तरह से ध्वस्त करने का प्रयास करो। यह उनकी निकृष्ट राजनीति है।कम से कम राजनीति में राज्यपाल के पद पर आने के बाद संपत्तिया उइको नहीं पढ़ना चाहिए। आज उन्होंने जो राजनीति की है,मैं इसकी निंदा करता हूं।
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