भोपाल। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुइया उइके ने नेहरू युवा केंद्र का नाम बदलकर विवेकानंद युवा केंद्र करने की मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भले ही नेहरू जी महान थे और देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे, लेकिन विवेकानंद ने युवा वर्ग को नेतृत्व दिया, इसलिए नेहरू युवा केंद्र का नाम विवेकानंद युवा केंद्र करना चाहिए. इस सुझाव के बाद सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसे निकृष्ट राजनीति बताया है, जबकि नाम बदले जाने को लेकर सियासत कोई नई बात नहीं है. अब नेहरू पर निशाना साध कर राज्यपाल ने सियासी माहौल को गरमा दिया है.
राज्यपाल के बयान पर नाराजगी जताते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे. उनकी प्रेरणा पर युवा संघर्ष कर रहा है, देश भक्ति और राष्ट्र भक्ति सीखता है. अच्छी बात है, पर यदि कोई काम नेहरू के नाम से चल रहा है तो उसकी विवेकानंद से तुलना करना और विवेकानंद की तुलना नेहरू जी से करना अतिश्योक्ति है.
बीजेपी-संघ की रणनीति है कि देश में जो स्थापित राष्ट्रपुरुष, देशभक्त और आइकॉन हैं. उनको किसी तरह से ध्वस्त करने का प्रयास करो. ये उनकी निकृष्ट राजनीति है. कम से कम राज्यपाल को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए. आज उन्होंने जो राजनीति की है, कांग्रेस इसकी निंदा करती है. राजधानी भोपाल में आयोजित नेहरू युवा केंद्र में युवा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में शामिल होने राज्यपाल पहुंची थीं, जहां उन्होंने इस बदलाव की इच्छा जाहिर की थी.