भोपाल। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार वन्यजीव संरक्षण के लिए समग्र प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में 14 से 16 चीतों को भारत लाए जाने की संभावना है. सरकार इस समय प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण पर काम कर रही है. भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जहां से चीतों को स्थानांतरित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि वन्यजीवों का संरक्षण हमारी परंपरा का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है.
18 फरवरी को आ सकते हैं मेहमान : कूनो नेशनल पार्क में अब 14 से 16 और चीते दक्षिण अफ्रीका से लाने की तैयारी हो रही है. बताया जाता है कि ये चीते 18 फरवरी 2023 को यहां लाए जाने हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार चीतों के आने की तारीख के इस संबंध में कोई लिखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तारीख नहीं बताई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल हमारी तैयारी पूरी है. आने वाले महीनों में 16 चीते भारत की धरती कूनो आ जाएंगे. इस बार भी चीते दक्षिण अफ्रीका से विशेष विमान से ग्वालियर के रास्ते कूनो नेशनल पार्क लाने के बाद कुछ दिन तक तक क्वारेंटाइन में रहेंगे.
हर साल 12 चीते लाने की प्लानिंग : सूत्रों के अनुसार अगले 10 सालों तक हर साल 12-14 चीते भारत आएंगे. इस प्रकार 10 साल में कम से कम 120 चीते लाए जाएंगे. अभी कूनों नेशनल पार्क में 8 चीते मौजूद हैं. कूनो में ये 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. वहीं, अब आने वाले 16 चीतों से पार्क में इनकी संख्या 24 हो जाएगी. बताया जाता है कि भारत आने वाले चीते अभी नामीबिया में क्वारेंटाइन में हैं. इनके जल्द ही भारत आने की संभावना है. कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते यहां के वातावरण में घुल मिल गए हैं. अब ये चीते क्वारेंटाइन से बाहर आ चुके हैं और जंगल की खुली हवा में शिकार करना भी शुरू कर दिया है. चीता मिशन के पहले चरण में मिली सफलता के बाद अब इस परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है.