चमोली। उत्तराखंड की मित्र पुलिस मध्यप्रदेश के भोपाल निवासी सक्सेना दंपति के लिए फरिश्ता बनकर सामने आई है. चमोली पुलिस को भोपाल से पांच महीने पहले लापता युवक जोशीमठ में मिला. उसके घर का पता लगाकर चमोली पुलिस ने लापता युवक को उसकी मां से मिला दिया. मानसिक रूप से बीमार इकलौते बेटे को देखकर उसकी मां की आंखों से आंसू छलक आए.
पिछले साल लापता हो गया था बेटा: चमोली पुलिस के मुताबिक, बीती 28 फरवरी को भोपाल निवासी विमला सक्सेना ने जोशीमठ कोतवाली में सूचना दी थी कि उसका 31 वर्षीय बेटा अश्विन सक्सेना लापता है. वह पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को किसी को बिना बताए घर से कहीं चला गया था. उसने अलग-अलग जगहों पर बेटे की तलाश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. वह पिछले 20 दिन से उत्तराखंड में बेटे को खोज रही है. अपने बेटे को खोजते-खोजते विमला जोशीमठ भी पहुंची. उसने कोतवाली जोशीमठ में पुलिस को बेटे की फोटो देते हुए उसे खोजने में मदद की गुहार लगाई. पुलिस ने फोटो के आधार पर युवक की तलाश तेज की.
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जोशीमठ में लावारिस घूमता मिला: कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कैलाश चंद्र भट्ट ने बताया कि बीते बुधवार को मारवाड़ी के पास एक युवक लावारिस घूमता हुआ दिखा. फोटो से मिलान करने पर युवक की पहचान अश्विन के रूप में हो गई. महिला को युवक से मिलवाया गया, जिसके बाद महिला ने उसे पहचान लिया. पांच महीने बेटे की तलाश में भटक रही महिला ने जब बेटे को सामने पाया तो वह उसे गले लगाकर रोने लगी.
मानवता का फर्ज निभाया: पुलिस ने बताया कि अश्विन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसकी मां विमला भी आर्थिक रूप से कमजोर है. ऐसे में जोशीमठ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कैलाश चंद्र भट्ट ने मानवता का फर्ज निभाते हुए अपने निजी प्रयासों से अश्विन को उपचार के लिए महंत इंद्रेश अस्पताल देहरादून भेज दिया है. साथ ही महिला को भी उसके साथ भेजने की व्यवस्था कर दी है.