Rs 5727 crore for MP Development: मध्य प्रदेश को केंद्र की तरफ से एक बड़ी राहत मिली है. दरअसल केंद्र अपने हिस्से का कर अतिरिक्त किश्त के रूप में एमपी को 5727 करोड़ रुपए देगा. एक तरफ जहां मध्य प्रदेश सरकार बाजार से कर्ज उठाने को मजबूर है, वहीं दूसरी ओर सीएम डॉ मोहन यादव ने पीएम मोदी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने तोहफा भी दे दिया और केंद्रीकरण की राशि को मंजूरी दे दी. बता दें कि 18 साल केंद्र सरकार का टैक्स कलेक्शन 15% बड़ा है और इसी वजह से यह अतिरिक्त किश्त मध्य प्रदेश को मिल रही है.
केंद्र से मिलना है 80,000 करोड़: मध्य प्रदेश को 2023 24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी का 80000 करोड़ मिलना है, शुक्रवार को अतिरिक्त किस्त मिली है. दिसंबर 2023 के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों के 5727.44 करोड़ रुपए मिलेंगे.
केंद्र की राशि से होंगे एमपी के विकास कार्य: मध्य प्रदेश को मिलने वाली इस राशि से काफी मदद मिलेगी, वहीं सामाजिक कल्याण के काम और बुनियादी ढांचा विकास के लिए 72,962.23 करोड़ रुपए की कर हस्तांतरण राशि की अतिरिक्त किस्त को केंद्र ने मंजूरी दी है.
मोहन यादव समेत डिप्टी सीएम से मिले मोदी: पीएम से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा भी मौजूद रहे. इसके बाद डॉ यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की, साथ ही अन्य नेताओं से भी डॉक्टर मोहन ने मुलाकात की.
बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए वीडी शर्मा और हितानंद: भाजपा के राष्ट्रीय से संगठन महामंत्री शिव प्रकाश प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दिल्ली में हो रही कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए.
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फिर 2000 करोड़ का कर्ज लेगी एमपी सरकार: दरअसल मप्र में शिवराज सरकार की तर्ज पर अब मोहन यादव सरकार को भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था चलाने के लिए कर्ज की जरूरत पड़ रही है. महज 10 दिन के भीतर ही नई सरकार को कर्ज की जरूरत पड़ गई है, अब एमपी सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज प्रदेश सरकार के अधूरे प्रोजेक्ट और अन्य विकास कार्यों के लिए लिया जा रहा है.
एमपी पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ: मप्र पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि कर्ज लेकर विकास करने की सरकार की यह मंशा विपक्ष के निशाने पर है, जहां एक ओर कांग्रेस, सरकार को फिजूलखर्ची कम करने की सलाह दे रही है. वहीं बीजेपी कर्ज को विकास के लिए जरूरी बता रही है. मप्र में पहले ही लाड़ली बहना जैसी मुफ्त की योजनाओं के लिए सरकार को हर महीने कम से कम 4 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ रहा है. सीएम मोहन यादव के सामने चुनौती बीजेपी के जनता से किये गये चुनावी वादों को पूरा करने की भी है. मप्र सरकार जनता को 500 रूपये मे सिलेंडर, सस्ती बिजली, लाड़ली बहना के 3 हजार देने और अन्य वादों को पूरा करने के लिए कौन सा फॉर्मूला खोजेंगे.